IAS Success Story: कभी बचपन में भैंस चराती थी ये लड़की आज है IAS ! जानिए उस आईएएस अफसर की कहानी...
IAS Success Story: Once in childhood, this girl used to graze buffalo, today this girl is IAS! Know the story of that IAS officer... IAS Success Story: कभी बचपन में भैंस चराती थी ये लड़की आज है IAS ! जानिए उस आईएएस अफसर की कहानी...




IAS Success Story :
एक ऐसी IAS अधिकारी के संघर्ष की कहानी से रूबरू होते हैं. आज भी एक ऐसी ही युवती की कहानी हम आपको बताएंगे, जिसके घर के आर्थिक हालात बचपन में बेहद खराब थे. यहां तक कि स्कूल जाने की उम्र में पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें अपने घर के काम यानी कि पशु-पालन में हाथ बांटना पड़ता था.
इस युवती का नाम है सी.वनमती. वनमती खुद भी बचपन में भैंस चराने जाया करती थीं. इन हालातों में भी उन्होंने न केवल पढ़ाई पूरी की बल्कि IAS अफसर बनकर एक मिसाल पेश की है. आइए जानते हैं कैसे बनाया उन्होंने नामुमिकन को मुमिकन. (IAS Success Story)
सी.वनमती केरल के इरोड जिले से ताल्लुक रखती हैं. वह एक बेहद साधारण परिवार से हैं, जिनके यहां पशुओं को पालने का काम होता था. वनमती भी पशुओं को चारा खिलाती थीं. साथ-साथ भैंस चराने जाया करती थीं, लेकिन वो पढ़ने में अच्छी थीं. (IAS Success Story)
12वीं के बाद था शादी का दबाव
12वीं के बाद वनमती पर शादी का दबाव पड़ने लगा था. उनके नाते-रिश्तेदार उनसे शादी करने की बात कहते थे. इसी दौरान उन्होंने गंगा यमुना सरस्वती नाम का सीरियल देखा, जिसमें नायिका IAS ऑफिसर होती है. (IAS Success Story)
UPSC की तैयारी शुरू की
आईएएस की तैयारी शुरू करने से पहले वे अपनी पढ़ाई पूरी कर चुकी थीं. उन्होंने कंप्यूटर ऐप्लीकेशन में PG किया फिर घर का खर्चे में मदद करने के लिए एक प्राइवेट बैंक में नौकरी भी कर ली. इसके बाद वे घर में मदद देने लगी थीं, लेकिन वे अपना लक्ष्य नहीं भूलीं. इसलिए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. (IAS Success Story)
इंटरव्यू के दिन पिता थे एडमिट
इंटरव्यू से ठीक दो दिन पहले ही सी. वनमती के पिता बीमार हो गए थे. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. अपने पिता की देखभाल करते हुए ही वनमती ने इंटरव्यू दिया. (IAS Success Story)
दूसरी बार में मिली सफलता
वनमती ने जब यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की तो पहली बार में उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. वे डटी रहीं. इसका नतीजा ये हुआ कि आखिरकार साल 2015 में उन्हें सफलता मिल ही गई.
(IAS Success Story)