House Rent Rules : दुकान या घर किराये पर देने से पहले जान लें ये नियम, रहेंगे फायदें में, नहीं तो हो सकती है परेशानी...
House Rent Rules: Know these rules before giving shop or house on rent, it will be beneficial, otherwise there may be trouble... House Rent Rules : दुकान या घर किराये पर देने से पहले जान लें ये नियम, रहेंगे फायदें में, नहीं तो हो सकती है परेशानी...
House Rent Rules :
नया भारत डेस्क : कई बार लोग अपने घर के खाली कमरे को या फिर पूरे घर को ही किसी को किराए पर दे देते हैं. ताकि उनकी आमदनी होती रहे. अगर आप भी घर से दूर कहीं किराए के मकान में रहते हैं या फिर आपने अपनी प्रॉपर्टी को किराये पर दे रखा है तो ये खबर आपके बेहद काम की है. दरअसर इन दोनों स्थिति मेंरेंट एग्रीमेंट कराना बेहद जरूरी है. किरायानामा यानी Rental Agreement का मतलब होता है कि जब भी कोई व्यक्ति अपना मकान या किसी तरह की प्रॉपर्टी को रेंट (किराये) पर देता है. जिसके बाद उसके और किरायेदार के बीच हुई क़ानूनी कार्यवाही को ही रेंटल एग्रीमेंट यानी किरायानामा कहा जाता है. भविष्य के विवादों से बचने के लिए दोनों पक्षों की ओर से पूरा किया जाने वाला अहम डाक्यूमेंट है. (House Rent Rules)
प्रतिकूल कब्जे का कानून अंग्रेजों के जमाने का है. अगर इसे सरल शब्दों में समझें तो यह जमीन पर अवैध कब्जे का कानून है. हालांकि, उपरोक्त दी गई परिस्थिति में यह मान्य कर दिया जाता है. 12 साल वाला कानून सरकारी संपत्ति पर लागू नहीं होता है. काफी पुराने कानून के तहत किया जाता है. कई बार इसके चलते मालिकों को अपनी संपत्ति से हाथ धोना पड़ जाता है. इसका इस्तेमाल किराए पर काफी लंबे समय से रह रहे लोग कई बार करने की कोशिश करते हैं. यहीं मकानमालिक को सचेत रहने की जरूरत होती है. (House Rent Rules)
क्या है नियम
अगर संपत्ति पर शांतिपूर्ण तरीके से कब्जा किया गया है और मकान मालिक को इसकी सूचना भी है तो प्रतिकूल कब्जे के तहत प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक का दावा किया जा सकता है. इसमें सबसे बड़ा फैक्टर यह है कि मकानमालिक ने 12 साल की अवधि में कभी उस कब्जे को लेकर कोई रोक-टोक न लगाई हो. यानी यह साबित करना भी जरूरी होता है कि प्रॉपर्टी पर कब्जा लगातार था और उसमें कोई ब्रेक नहीं आया था. कब्जा करने वाले को प्रॉपर्टी डीड, टैक्स रसीद, बिजली या पानी का बिल, गवाहों के एफिडेविट आदि की भी जरूरत होती है. (House Rent Rules)
बचाव का तरीका
अगर आप अपना मकान किराए पर देने जा रहे है, तो रेंट एग्रीमेंट जरुर बनवाएं 11 महीने का होता है और इसलिए हर 11 महीने पर उसे रिन्यू करवाना होगा जिसे प्रॉपर्टी के लगातार कब्जे में ब्रेक माना जाएगा. दूसरा आप समय-समय पर किरायेदार को बदल सकते हैं. आपको अपनी प्रॉपर्टी पर हमेशा नजर रखनी चाहिए कि वहां कोई अवैध कब्जा तो नहीं किया गया है. किसी पर भरोसा कर प्रॉपर्टी को निढाल छोड़ देना आपका घाटा करा सकता है. (House Rent Rules)
किरायेदार से घर वापस लेने का तरीका
- अगर आपको लगता है कि किरायेदार आपके मकान या दुकान पर कब्जा कर सकता हैं तो ऐसी स्थिति में आप उससे मकान खाली कराने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- अगर किरायेदार किराया न दे तो उसका बिजली और पानी का कनेक्शन बिल्कुल न काटे. ऐसे में वह व्यक्तिगत रूप से अपना कनेक्शन ले सकता है.
- प्रॉपर्टी के कागज हमेशा अपने नाम से बनवाएं. अगर ऐसा नही होता है तो किरायेदार आपको परेशान कर सकता है.
- प्रॉपर्टी खाली कराने के लिए आप किरायेदार पर दबाव बनाएं. इसके लिए आप पुलिस की मदद भी ले सकते हैं.
- किरायेदार को घर खाली करने का नोटिस भेजते रहें.
- नोटिस मिलने के बाद भी अगर वह घर खाली नहीं करता हैं तो आप सिविल कोर्ट में एक याचिका दाखिल कराएं. जिसके बाद आपको कानूनी तौर पर घर खाली कराने का अधिकार मिल जायेगा.
- भारतीय संविधान की धारा आईपीसी 103 के तहत अगर कोई किरायेदार आपके मकान पर कब्जा कर लेता है तो आप उसे बाहर निकलने के लिए बल का भी प्रयोग कर सकते हैं.
Sandeep Kumar
