हाईकोर्ट ब्रेकिंग : हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को 65 वर्ष तक बढ़ाने की प्रक्रिया में दिया ये जवाब…

high court made a big statement on-increase retirement age of employees to 65 years know details नया भारत डेस्क रिपोर्ट। देशभर में एक तरफ जहां Employees द्वारा सेवानिवृत्ति आयु (retirement age) को बढ़ाने का मुद्दा व्यापक रूप से उठाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ कई राज्यों में यह मामला हाईकोर्ट (High court) पहुंच गया है। High Court's big decision, given this answer in the process of increasing the retirement age of employees to 65 years

हाईकोर्ट ब्रेकिंग : हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को 65 वर्ष तक बढ़ाने की प्रक्रिया में दिया ये जवाब…
हाईकोर्ट ब्रेकिंग : हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को 65 वर्ष तक बढ़ाने की प्रक्रिया में दिया ये जवाब…

high court made a big statement on-increase retirement age of employees to 65 years know details

नया भारत डेस्क रिपोर्ट। देशभर में एक तरफ जहां Employees द्वारा सेवानिवृत्ति आयु (retirement age) को बढ़ाने का मुद्दा व्यापक रूप से उठाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ कई राज्यों में यह मामला हाईकोर्ट (High court) पहुंच गया है। ऐसे ही एक मामले का निराकरण करते हुए हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है और कहा है कि कर्मचारियों की आयु सीमा बढ़ाने का फैसला पूर्व राज्य कार्यकारिणी सहित संगठन को होना चाहिए। इसमें किसी भी तरह की दखलअंदाजी पर इसका असर नियुक्ति प्रक्रिया (recruitment process) में भी देखने को मिल सकता है।(high court made a big statement on-increase retirement age)

दरअसल कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक राज्य विश्वविद्यालय के डीन द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि यदि सेवानिवृत्ति की आयु (Retirement age) को 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की प्रार्थना पर विचार किया जाता है, तो इसका असर नई नियुक्तियों के लिए कठिन हो जायेगा। इसलिए याचिका ख़ारिज कर दी गई है। न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति पी कृष्णा भट की खंडपीठ ने धारवाड़ जिले के हनुमानमट्टी में कृषि विज्ञान महाविद्यालय में डॉ चिदानंद पी मंसूर, डीन (Agriculture) द्वारा दायर याचिका और अपील को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की है। बता दें कि डीन ने 65 साल तक सेवा में बनाए रखने के लिए याचिका दायर की थी।(high court made a big statement on-increase retirement age)

हाई कोर्ट ने कहा कि लोक सेवकों की सेवानिवृत्ति का निर्धारण राज्य के खजाने और दूसरों के लिए रोजगार के अवसरों पर असर डालता है। हमें बार में बताया गया है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों और संघटक और संबद्ध कॉलेजों में हजारों कर्मचारी हैं। यदि मांगी गई प्रार्थना को मान लिया जाता है, तो ये सभी कर्मचारी तीन वर्षों की अतिरिक्त अवधि के लिए कार्यालय में बने रहेंगे और अंततः, नई नियुक्तियों के लिए कोई रिक्तियां नहीं होंगी। यह मांग वांछनीय नहीं है।(high court made a big statement on-increase retirement age)

 

अदालत ने कहा कि विश्वविद्यालयों/घटक कॉलेजों में शिक्षकों जैसे लोक सेवकों को किस उम्र में सेवानिवृत्त होना चाहिए, यह विशुद्ध रूप से राज्य कार्यकारिणी के अधिकार क्षेत्र में है, जो वेतन, परिलब्धियों और टर्मिनल लाभों के लिए खर्च वहन करता है। इस तरह के मामलों में कई वित्तीय और अन्य कारक निर्णय लेने के मैदान में प्रवेश करते हैं और अदालतें इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं।ऐसे कारकों का मूल्य न्यायिक रूप से प्रबंधनीय मानकों द्वारा मूल्यांकन योग्य नहीं है। वहीँ सेवानिवृत्ति की आयु निर्धारित करने के लिए राज्य विश्वविद्यालयों पर छोड़ दिया गया है।(high court made a big statement on-increase retirement age)

अदालत ने कहा वह रियायत यदि हो भी तो, अपीलकर्ता/याचिकाकर्ता द्वारा इसपर चुनौती नहीं दी जाती है। चाहे पुराने कर्मचारी को रखना समझदारी हो या नई नियुक्तियां करना, यह पूर्णतः राज्य की कार्यकारिणी और विश्वविद्यालयों के विवेक पर छोड़ दिया गया है। एकल न्यायाधीश के फैसले को बरकरार रखते हुए अदालत ने कहा कि एक पैनल द्वारा सेवानिवृत्ति की आयु 62 से 65 वर्ष करने की सिफारिश न्यायोचित नहीं है और इसलिए अपीलकर्ता / याचिकाकर्ता द्वारा इसका कोई समर्थन नहीं लिया जा सकता है।(high court made a big statement on-increase retirement age)