Gst On Hospital Room Rent: हॉस्पिटल में एडमिट होने से पहले जान लें, ये जरूरी बाते.... नहीं तो बीच में छोड़ना पड़ जाएगा इलाज!
Gst On Hospital Room Rent: Before getting admitted in the hospital, know these important things.... otherwise you will have to leave the treatment in the middle! Gst On Hospital Room Rent: हॉस्पिटल में एडमिट होने से पहले जान लें, ये जरूरी बाते.... नहीं तो बीच में छोड़ना पड़ जाएगा इलाज!




Gst On Hospital Room Rent :
कई बार ऐसी स्थिति में इलाज का बोझ और ज्यादा बढ़ जाएगा. रूम रेंट कैपिंग का नियम कहता है कि जितने रुपये का बीमा लिया गया है, उसका एक परसेंट तक एक दिन में रूम रेंट को कवर किया जा सकता है.अब सरकार ने हॉस्पिटल के रूम रेंट को भी टैक्स के दायरे में ले लिया है. यह टैक्स जीएसटी यानी कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के रूप में होगा. जीएसटी काउंसिल की हालिया बैठक में इसका फैसला लिया गया. बैठक में तय हुआ कि 5,000 रुपये से अधिक के रूम रेंट पर 5 परसेंट जीएसटी लगेगा.
हालांकि सरकार ने इस टैक्स से आईसीयू को राहत दी है और इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखा है. इतना ही नहीं, अब अस्पतालों को बायोमेडिकल वेस्ट पर भी 12 परसेंट का टैक्स देना होगा.टैक्स के इस नए प्रावधान से अस्पतालों को समझ में नहीं आ रहा कि वे क्या करें. अस्पतालों का तर्क है. (Gst On Hospital Room Rent)
कि एक तो रोगी यूं ही परेशान होकर हॉस्पिटल में आता है. ऊपर से रूम रेंट पर जीएसटी लगने से इलाज का खर्च और भी बढ़ जाएगा. 5,000 रुपये की लिमिट रखने का अर्थ है कि शहरी क्षेत्रों के अस्पताल इस दायरे में अधिक आएंगे. लिहाजा आने वाले समय में हॉस्पिटल का बिल पहले से अधिक आएगा.
अगर कोई मरीज यह सोचे कि हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से उसे रूम रेंट पर राहत मिलेगी, तो उसे रूम रेंट कैपिंग की शर्तों का खयाल रखना चाहिए. कई बार ऐसा होता है कि हेल्थ इंश्योरेंस में रूम रेंट कवर नहीं होता और मरीज को ही इसका पैसा चुकाना होता है. ऐसी स्थिति में इलाज का बोझ और ज्यादा बढ़ जाएगा.
रूम रेंट कैपिंग का नियम कहता है कि जितने रुपये का बीमा लिया गया है, उसका एक परसेंट तक एक दिन में रूम रेंट को कवर किया जा सकता है. अगर 5 लाख रुपये की पॉलिसी है तो हर दिन के हिसाब से 5,000 रुपये का रूम रेंट इंश्योरेंस कंपनी देगी. अगर उससे अधिक हुआ तो बीमा लेने वाले को चुकाना होगा. इस पर अब दोहरी मार जीएसटी की पड़ेगी. (Gst On Hospital Room Rent)
हेल्थ इंश्योरेंस से नहीं चलेगा काम
5 लाख से अधिक रुपये का बीमा लेना वाला व्यक्ति इलाज के दौरान रूम रेंट का पैसा भी चुकाएगा और उस पर टैक्स भी देगा. इस तरह इलाज का खर्च पहले से बढ़ जाएगा. अस्पताल इस चिंता से वाकिफ हैं, तभी उद्योगों की संस्था फिक्की ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर हेल्थकेयर सर्विस को जीरो रेटिंग जीएसटी में रखने का आग्रह किया है. (Gst On Hospital Room Rent)
फिक्की का कहना है कि रूम रेंट पर जीएसटी लगाने से पूरे हेल्थकेयर का खर्च बढ़ेगा जिसका बोझ इलाज करा रहे मरीजों पर पड़ेगा. इसके प्रभाव में मध्यम वर्ग आएगा क्योंकि इसी वर्ग के लोग 5,000 रुपये से अधिक के रूम का इस्तेमाल करते हैं.एक बड़ा बदलाव यह हुआ है कि 5,000 रुपये से अधिक वाले रूम रेंट पर 5 परसेंट जीएसटी तो लगेगा ही, इनपुट टैक्स क्रेडिट का भी फायदा नहीं मिलेगा. कई बार ऐसा होता है
कि रूम रेंट पैकेज के साथ जुड़ कर आता है. जीएसटी लगने का अर्थ है कि पैकेज से रूम रेंट को अलग रखकर टैक्स का नियम लगाया जाएगा. अब अस्पतालों का ज्यादा ध्यान इस पर रहेगा कि पैकेज कुछ इस तरह से बनाए जाएं जिसमें 5,000 रुपये का रूम रेंट शामिल हो जाए. अस्पताल किसी भी हालत में रूम रेंट को 5,000 रुपये पर फिक्स नहीं कर सकते क्योंकि इससे सुविधाओं के साथ समझौता करना पड़ जाएगा. (Gst On Hospital Room Rent)
जीएसटी वापस लेने की मांग
अस्पताल यूनियनों का तर्क है कि हॉस्पिटल और इलाज की बिलिंग की अलग-अलग फैक्टर, खर्च और सुविधाओं पर निर्भर करती है. एक ही रूम कभी 2,000 की होता है, तो कभी 3,000 तो कभी 5,000 का. रूम में मरीज को दी जाने वाली सुविधा और इलाज के दौरान इस्तेमाल होने वाले उपकरणों उसका बिल निर्भर करता है. (Gst On Hospital Room Rent)