बिग CG न्यूज: राज्यपाल ने दिया बयान.... मैं कोई पोस्टमैन नहीं.... सरकार जस्टिस से पूछे मुझे झीरम की रिपोर्ट क्यों दी गई.... 4 हजार पेज 4 दिन में कैसे पढ़ते.... आयोग की जांच रिपोर्ट.... लीगल एडवाइज लेकर शासन को दी......




बिलासपुर 14 नवंबर 2021। राज्यपाल अनुसुईया उइके वनवासी विकास समिति द्वारा बिरसा मुंडा जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस में शामिल होने के लिए पहुंची थीं। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने झीरम घाटी जांच आयोग पर पूछे गये सवाल के जवाब में कहा कि सरकार को यह जस्टिस प्रशांत मिश्रा से पूछा जाना चाहिये कि उन्होंने मुझे क्यों रिपोर्ट सौंपी, मैं कोई पोस्टमैन नहीं हूं। मैंने विधिक सलाहकारों से पूछा तो उन्होंने राय दी कि रिपोर्ट मुझे सरकार को सौंप देनी चाहिये, तो मैंने उसे भेज दिया। जब पूछा गया कि राज्य सरकार के मंत्री तो आयोग की रिपोर्ट लीक हो जाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 4 हजार 180 पेज की रिपोर्ट को कोई चार दिन में कैसे पढ़ सकता है।
राज्यपाल अनुसइया उइके ने झीरम आयोग की रिपोर्ट पर कहा कि चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा की ओर से उन्हें दी गई रिपोर्ट पर कानूनी राय ली है और फिर राज्य शासन को भेजी। रिपोर्ट में क्या है यह तो जस्टिस मिश्रा ही बता सकते हैं। क्योंकि 4 हजार 180 पेज की रिपोर्ट है। जिसे चार दिन में कैसे कोई पढ़ सकता है। बिलासपुर में वनवासी विकास समिति की ओर से आयोजित बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में शामिल होने आईं अनुसइया उइके ने कहा हमें जस्टिस की ओर से रिपोर्ट भेजी गई थी। रिपोर्ट के बाद छुटि्टयां पड़ गई। इसके बाद हमने लीगल ओपीनियन लिया और शासन को रिपोर्ट दे दी।
इसमें जल्दबाजी का कोई सवाल ही नहीं है। मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में धर्मांतरण हो रहा है। समाचार पत्रों व मीडिया में आने के साथ ही शिकायतें भी मिल रही है। बस्तर के आदिवासी समाज के मुखिया और पुजारियों ने राजभवन आकर बताया कि उनकी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। गांव-गांव में चर्च खुल रहे हैं और प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून बना है और कार्रवाई करने का भी प्रावधान है। उन्होंने ठोस सबूत के साथ शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। किसी को जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन नहीं कराया जा सकता।