बेरोज़गारो से लूट : रोजगार पंजीकरण का लिया जा रहा शुल्क!….रोजगार कार्यालय के बाबू बेखौफ होकर निःशुल्क कार्यों के लिए ले रहें शुल्क….पूर्व में भी उच्च अधिकारियों से हुई थी शिकायत….जाने पूरा मामला…..

बेरोज़गारो से लूट : रोजगार पंजीकरण का लिया जा रहा शुल्क!….रोजगार कार्यालय के बाबू बेखौफ होकर निःशुल्क कार्यों के लिए ले रहें शुल्क….पूर्व में भी उच्च अधिकारियों से हुई थी शिकायत….जाने पूरा मामला…..

बलौदाबाजार:- सरकारी योजनाओं को निःशुल्क जमीन पर उतरने के लिए सरकारें चाहे कितने भी हथकण्डे अपना ले, लेकिन दलाल एवं भ्रष्ट सरकारी बाबुओं पर अब भी लगम नही लगा पायी है।जिले के रोजगार पंजीयन कार्यालय में बाबुओं द्वारा पंजीयन करने के एवज में शुल्क की मांग की जा रही है।

इस संबंध में रोजगार पंजीयन के लिए पहुँचे लाभार्थी से पूछताछ करने पर बताया कि पंजीयन करने के लिए बाबू निशा जांगड़े ने शुल्क लिया है जबकि यह कार्य निःशुल्क होता है।20 किमी दुर स्थित दतान गांव से पंजीयन कराने पहुंची लाभार्थी अपर्णा साहू ने बताया कि पंजीयन करने के लिए काउंटर पर बैठी बाबू ने 50 रुपये शुल्क की मांग की थी जानकारी के अभाव में उसने बाबू को मुँह मांगी कीमत अदा कर दिए।ऐसा ही कुछ पंजीयन के लिए पहुंचे लाभार्थी अर्चना ने भी बताया। आस-पास के क्षेत्रों से रोजगार पंजीयन के लिए पहुंचे लाभर्थियों ने बताया कि उनसे पंजीयन के लिए 100-50 रुपयों की मांग कर पंजीयन किया जा रहा है।रोजगार पंजीयन के लिए पहुँचे युवा पहले से ही बेरोजगारी की मार झेल रहें है ऊपर से बाबुओं द्वारा निःशुल्क कामों के लिए पैसे की मांग बेरोजगारी पर युवाओं की जेब भारी करती है।

मिली जानकारी के अनुसार पंजीयन के लिए शुल्क लेने के सम्बंध में पहले भी उच्च अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है।बावजूद इसके कार्यालय के बाबू बेखौफ होकर निःशुल्क कार्यों के लिए शुल्क ले रहें है।

जिला रोजगार कार्यालय की प्रभारी मनोरमा भगत से इस पूरे मामले पर पूछने पर बताया कि पंजीकरण पूर्णतः निःशुल्क है।इस पर किसी प्रकार का कोई शुल्क नही लिया जाता है।यदि कार्यालय के बाबूओं ने कोई शुल्क लिया है तो मैं इसकी जाँच करूंगी।

दरअसल बलौदाबाजार जिले में मनोरमा भगत प्रभारी रोजगार अधिकारी है जो केवल हफ्ते में तीन दिवस बलौदाबाजार कार्यलय में ड्यूटी पर रहती है व तीन दिन रायपुर का कार्यभार देखती है।प्रभारी अधिकारी के गैर मौजूदगी में बाबूओ द्वारा पंजीकरण कराने पहुंचे बेरोजगार लाभार्थियों से पैसों की मांग की जाती है व जानकारी के अभाव में वह भ्रष्ट बाबूओ या दलालों के शिकार हो जातें है।