Excise Duty Hike: मोदी सरकार ने पेट्रोल पर 6 और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया टैक्स, ATF के एक्सपोर्ट पर भी बढ़ाई एक्साइज ड्यूटी, जानें आपको फायदा होगा या नुकसान?.....
Excise Duty Hike Tax on Fuel petrol Diesel Price Excise Duty Hike, Tax on Fuel नई दिल्ली. 1 जुलाई 2022 को केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के निर्यात पर बड़ा फैसला लिया है. सरकार के पेट्रोल, डीजल और हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाले एटीएफ के एक्सपोर्ट पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फीसला लिया है. आम आदमी पर इस एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का सीधा-सीधा कोई असर नहीं पड़ेगा. सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर की दर से टैक्स लगाने का फैसला लिया है.




Excise Duty Hike, Tax on Fuel
नई दिल्ली. आज केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के निर्यात पर बड़ा फैसला लिया है. सरकार के पेट्रोल, डीजल और हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाले एटीएफ के एक्सपोर्ट पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फीसला लिया है. आम आदमी पर इस एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का सीधा-सीधा कोई असर नहीं पड़ेगा. सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर की दर से टैक्स लगाने का फैसला लिया है. (Excise Duty Hike,)
इसके साथ ही डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर की दर से टैक्स लगाने का निर्णय लिया गया है. सरकार ने पेट्रोल और एटीएफ के एक्सपोर्ट पर 6 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई. वहीं डीजल के एक्सपोर्ट पर 13 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी लगाई है. वित्त मंत्रालय की ओर से इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. इसके अलावा सरकार ने डोमेस्टिक लेवल पर पुन: उत्पादित कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त टैक्स लगाया है. (Excise Duty Hike,)
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल कीमतों के बढ़ने के बाद ऑयल प्रोड्यूसर्स को होने वाले अप्रत्याशित फायदे को कंट्रोल करने के लिए घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर 23,230 रुपये प्रति टन का एक्स्ट्रा टैक्स लगाने का निर्णय भी लिया है. आम आदमी पर इस एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी का सीधा सीधा कोई असर नहीं आएगा लेकिन इस कदम से देश में फ्यूल का संकट ना हो, ऐसा करना सरकार का उद्देश्य है. (Excise Duty Hike,)
दरअसल ऑयल कंपनियां घरेलू स्तर पर कच्चा तेल इंपोर्ट करके, उसे रिफाइन करके विदेशी बाजारों को एक्सपोर्ट कर रही थीं जिसके चलते इनका एक्सपोर्ट ज्यादा हो रहा था और इसी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने ये एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है. पेट्रोल-डीजल के एक्सपोर्ट एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाने से आम ग्राहक पर कोई बोझ नहीं बढ़ेगा. चूंकि कंपनियां ज्यादा एक्सपोर्ट कर रही थीं और विदेशी मुद्रा कमा रही थीं लेकिन ऐसा करने से घरेलू बाजार के लिए तेल कम पड़ रहा था और देश के कुछ राज्यों में तेल संकट देखने को मिला था. (Excise Duty Hike,)