प्रशासन की लापरवाही के कारण श्रीगंगानगर शहर की उभरती सड़कें और डूबते घर, जिला कलेक्टर समेत अन्य अधिकारी तलब




श्री गंगानगर। राजस्थान हाईकोर्ट में नगर परिषद, श्रीगंगानगर व एलएंडटी कंपनी के खिलाफ एक परमादेश याचिका दायर की गई। जस्टिस संदीप मेहता व कुलदीप माथुर की खण्डपीठ में दायर की गयी याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकार्ता की ओर से अधिवक्ता प्रियंका बोराना ने कोर्ट के समक्ष तर्क प्रस्तूत करते हुए कोर्ट का ध्यान इस बिंदु पर केंद्रित किया कि, रूडिप व नगर परिषद गंगानगर द्वार एलएंडटी कंपनी को शहर की सड़कों का पुनःनिर्माण व शहर के सीवरेज की मरम्मत का टेंडर आवंटित किया गया।याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि रूडिप के तीसरे चरण के तहत श्री गंगानगर शहर के लिए जल और सीवरेज परियोजना का टेंडर एलएंडटी कंस्ट्रक्शन चेन्नई को 555 करोड़ में दिया गया। लेकिन एलएंडटी एवं स्थानीय निकायों की लापरवाही की वजह से शहर वासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही एलएंडटी व स्थानीय निकायों की अनियमित्ता के कारण शहर के रिहायशी इलाकों में घरों में पानी भरने जैसी समस्या सामने आ रही है। एलएंडटी द्वारा मौजूदा सड़क पर नई सड़क बनाने से घरों का स्तर सड़क स्तर के मुकबले काफी नीचे चले जाने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है। याचिकाकर्ता का कहना है कि सड़कों के नवनिर्माण के कारण भारी नुक़सान हो रहा है क्योंकि जिन लोगों ने अपने घरों को सड़क स्तर के अनुसार बनाया था,जो पहले सड़कों के साथ संरेखण में रही थी अभी स्थिति यह है कि उनके घरों के प्लेटफॉर्म मौजूदा सड़क स्तर से नीचे जा रहे हैं। याचिकाकर्ता ने न्यायालय में प्रतिवादिगण की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए वर्तमान मामले में प्रतिवादी नगरपालिका आयुक्त, एसई,एई, जेई आरयूआईडीपी, एलएंडटी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने लापरवाही से काम किया है,जिसमें विशेष रूप से अधिकांश मौजूदा सार्वजनिक सीमेंटेड (सीसी रोड) सड़कों को बिना हटाये हुए सड़कों की ऊंचाई को 4 इंच ऊपर उठाया गया है और मौजूदा सड़क के ऊपर ही नयी सड़क का निर्माण शुरू कर दिया गया है। अधिवक्ता प्रियंका बोराना द्वारा दिए गए तर्कों को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने तुरंत संज्ञान लिया तथा परमदेश याचिका को जनहित याचिका में तबदील करते हुए जिला कलेक्टर गंगानगर, नगर आयोग गंगानगर, एलएंडटी कंपनी चेन्नई को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है।