हाईकोर्ट का फैसला: शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाना धोखा नहीं.... कस्टम अधिकारी को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत.... जानिए पूरा मामला......
Doing sex by promising marriage is not a fraud the accused custom officer got a big relief from the High Court




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जयपुर। राजस्थान कोर्ट के जयपुर बेंच ने अहम फैसला सुनाया है। शादी का झांसा देकर युवती से शारीरिक संबंध बनाए जाने के मामले को लेकर याचिका लगाई गई थी। कोर्ट ने कहा है कि यदि युवक विवाह का वादा करता है, लेकिन किसी कारण वे वह विवाह नहीं कर पाता है तो इसे धोखाधड़ी से शारीरिक संबंध बनाने को प्रेरित नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा है कि किसी धोखा या कांट्रेक्ट को तोड़ने की मंशा शुरू से ही होनी चाहिए। लेकिन जब सब कुछ सहमति से हो और किसी कारणवश वादा नहीं निभा पाते तो इसे धोखा नहीं माना जाएगा। हाईकोर्ट के न्यायाधीश फरजंद अली ने यह टिप्पणी राधाकृष्ण मीणा व अन्य के खिलाफ रेप के आरोप में दर्ज एफआईआर को रद्द करते हुए की।
अदालत ने याचिकाकर्ता और परिजनों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने फैसले में लिखा है कि याचिकाकर्ता ने विवाह से कब इनकार किया। यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन लगता है यह संभवत 2018 में हुआ होगा। इसके बाद भी शिकायतकर्ता युवती का लंबे समय तक चुप रहना और कार्यवाही नहीं करना गंभीर संदेह उत्पन्न करता है। इतना ही नहीं युवती इसके बाद भी याचिकाकर्ता के साथ लंबे समय तक संबंध में रही और कोई कार्यवाही नहीं की। ना ही कोई वीडियो पेश किया। यह भी स्थापित है कि युवती का परिवार याचिकाकर्ता के साथ विवाह करने को राजी नहीं था।
अदालत ने लिखा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन रुटीन केस हो चुके है कि युवक-युवती प्रेम में पड़कर शारीरिक संबंध कायम कर लेते है। बाद में ब्रेकअप हो जाता है। इस मामले में भी दोनों प्रेम में पड़कर शारीरिक संबंध बनाते रहे, लेकिन इस मामले में न तो जबरदस्ती है और ना ही याचिकाकर्ता प्रारंभ में झूठ बोलकर रिश्ता बनाया था। मामले में यदि किसी अनपढ़ महिला को विवाह का वादा करके शारीरिक संबंध बनाकर इनकार होता तो यह रेप माना जाता।