शहीद डेबरीधूर के नाम पर होगा तोंगपाल में निर्माणाधीन कॉलेज का नाम : कवासी लखमा सुकमा जमींदार मनोज देव् ने धुरवा समाज हेतु 25 हजार रुपये का चेक व 25 डिसमिल भूमि देने का किया वादा




सुकमा. शनिवार को समस्त परगना से आये हुए देवी - देवताओं की सेवा अर्जी के बाद माता गुड़ी से बस स्टैण्ड होते हुए डेबरीधुर पार्क तक झांकी निकाल कर वीर शहीद डेबरीधुर मूर्ति का अनावरण हजारो ग्रामीणों के साथ साथ छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा ने अन्य अतिथियों की उपस्थिति में किया। उसके पश्चात मातागुड़ी मारेंगा में अतिथियों का स्वागत एवं उद्बोधन व सांस्कृतिक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी,भाजपा जिलाध्यक्ष हूँगाराम,कुमार जयदेव,प्रकाश ठाकुर के साथ साथ उपस्थित अन्य अतिथियों ने भी सम्बोधित कर वीर डेबरीधूर के जीवन काल व उनके योगदान को बताया। इस दौरान बड़ी संख्या में क्षेत्र के सर्व समाज के नागरिक उपस्थित रहे।
धुरवा समाज की मांगें होगी पूरी : कवासी लखमा
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि शहीद डेबरीधूर ने अंग्रेजों से लड़ाई की उनके साथ साथ सैकड़ों आदिवासियों ने अंग्रेजों से लड़ाई की आज शहीद डेबरीधूर जो शहीद गुंडाधूर के कंधे कन्धा मिलाकर अंग्रेजों से लड़ाई किया। उनके गांव एलेंगनार में सड़क नहीं है बिजली नहीं है,मैं इस गाँव मे सड़क,बिजली एवं पानी की व्यवस्था करूँगा,जब बिजली और सड़क व मोबाइल नहीं था। ऐसे समय में जंगल का कांदा खाकर ऐसे वीर लोगों ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहा कि धुरवा समाज के लोगों ने जो मांग रखी है उसे मैं पूरा करूँगा। मंत्री कवासी लखमा ने तोंगपाल में निर्माणाधीन कालेज को शहीद डेबरीधूर के नाम से करने की घोषणा की। इस कार्यक्रम में शामिल हुए,सुकमा जमींदार मनोज देव् ने धुरवा समाज हेतु 25 हजार रुपये का चेक देने के साथ ही धुरवा समाज के द्वारा सामाजिक उपायोग हेतु शासन से भूमि की मांग की जा रही है इस पर मनोज देव ने वर्तमान शासन के द्वारा अपने शासन काल मे भूमि आबंटित नहीं करने की स्तिथि पर अपने रकबा से 25 डिसमिल भूमि देने का वादा किया।
धुरवा समाज को धर्मांतरण से है खतरा-मनोज देव
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सुकमा जमींदार कुमार मनोज देव ने कहा कि समाज के जितने भी महापुरुष हैं उनके नाम को उनके द्वारा किए गए महान कार्यों का संरक्षण करें। जिससे आने वाली पीढ़ी उनके बलिदान को जान सके। साथ ही उन्होंने कहा कि धुरवा समाज का हमेशा से ही शोषण हुआ है। सभी जिम्मेदारों से अपील करूँगा की उनके उत्थान हेतु सभी कार्य करना चाहिए। जिससे शिक्षा की चिंगारी आखरी गाँव के आखरी व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। जो समाज के माध्यम से पहुंचना चाहिए जिससे समाज आगे बढ़ सके,तथा धर्मांतरण एक बहुत बड़ा मुद्दा है क्योंकि विदेशी शक्तियाँ बस्तर को और जनजातीय क्षेत्र पर अपनी गिद्ध दृष्टि डाली हुई है यह एक सोच का विषय है,इसलिए आज का मंच एवं आज की सभा मे उपस्थित सभी को इस विषय मे विचार करना चाहिए क्योंकी धर्मांतरण से सबसे बड़ा खतरा जनजातियों को है।