कार्तिक मास में मंत्र जाप का विशेष महत्व होता है जानते है वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा से की किन ३ मंत्र का जाप करे...




कार्तिक मास में मंत्र जाप का विशेष महत्व होता है जानते है वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा से की किन ३ मंत्र का जाप करे
डॉ सुमित्रा अग्रवाल
वास्तु शास्त्री
यूट्यूब वास्तु सुमित्रा
कोलकाता : कार्तिक मास में मंत्र जाप का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इस महीने को धार्मिक और आध्यात्मिक साधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। तीन मंत्रों का जाप कार्तिक मास में अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह मंत्र जीवन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति लाने के साथ-साथ भगवान विष्णु, शिव और तुलसी देवी की कृपा प्राप्त करने में सहायक होते हैं।
1. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
मंत्र का अर्थ: इस मंत्र का अर्थ है "भगवान विष्णु को प्रणाम"।
महत्व: यह मंत्र भगवान विष्णु का महामंत्र है, जो उन्हें समर्पित है। कार्तिक मास को विष्णु की आराधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि इस महीने के दौरान विष्णु देव योग निद्रा से जागते हैं। इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है।
जप विधि: रोज़ाना सुबह स्नान के बाद या संध्या समय १०८ बार इस मंत्र का जाप करें।
2. ॐ महादेवाय नमः
मंत्र का अर्थ: "महादेव (भगवान शिव) को प्रणाम"।
महत्व: कार्तिक मास में भगवान शिव की पूजा भी अत्यधिक पुण्यदायक मानी जाती है। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है, कष्टों का निवारण होता है, और मोक्ष प्राप्ति के मार्ग की ओर अग्रसर होता है।
जप विधि: इस मंत्र का जाप सुबह-सुबह या संध्या के समय १०८ बार करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
3. ॐ श्री तुलस्यै नमः
मंत्र का अर्थ: "तुलसी माता को नमन"।
महत्व: कार्तिक मास में तुलसी पूजा का विशेष स्थान है, और तुलसी माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह मंत्र अत्यधिक प्रभावी है। तुलसी देवी भगवान विष्णु की प्रिय हैं, और इस महीने में उनकी पूजा और जाप से समृद्धि और घर में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
जप विधि: तुलसी के पौधे के पास दीप जलाकर इस मंत्र का जाप करें। इसे रोज़ सुबह और शाम १०८ बार जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।