CG - जग्गी हत्याकांड : बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड के शूटर सहित दो लोगों ने कोर्ट में किया सरेंडर, मेयर ढेबर के भाई सहित 25 के खिलाफ वारंट जारी.....
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड मामले को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। राज्य के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड के 5 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने मोहलत दी है।




रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड मामले को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। राज्य के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड के 5 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने मोहलत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केस के आरोपियों आरसी त्रिवेदी, वीके पांडे, अमरीक सिंह गिल, सूर्यकांत तिवारी और याह्या ढेबर को सरेंडर करने के लिए तीन हफ्ते अतिरिक्त समय दिया है। दूसरी तरफ, जग्गी हत्याकाण्ड के दो शूटरों ने 15 अप्रैल को सरेंडर कर दिया। शूटर विनोद सिंह राठौर और चिमन सिंह ने विशेष न्यायाधीश की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने शेष सभी 25 आरोपियों को वारंट जारी कर दिया। गौरतलब है कि, जग्गी हत्याकांड छत्तीसगढ़ की पहली राजनीतिक हत्या थी।
बता दें कि लोवर कोर्ट ने इस मामले के सभी 28 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके बाद इन सभी ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। 4 अप्रैल को हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद वर्मा की डिवीजन बेंच ने लोअर कोर्ट के आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा और कोर्ट में सरेंडर करने के निर्देश दिए थे। ये सभी अब तक जमानत पर बाहर थे।
2003 में हुई थी रामावतार जग्गी की हत्या
4 जून 2003 को एनसीपी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 31 अभियुक्त बनाए गए थे, जिनमें से दो विक्रम शर्मा उर्फ बल्टू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। 29 आरोपितों पर केस चला। इस मामले के मुख्य आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को छोड़कर शेष 27 आरोपितों को उम्रकैद की सजा हुई थी। उम्रकैद की सजा पाने वालों में 2 तत्कालीन CSP और एक तत्कालीन थाना प्रभारी के अलावा रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई याहया ढेबर और शूटर चिमन सिंह भी शामिल हैं।