CG High Court ब्रेकिंग : प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले के खिलाफ बड़ा एक्शन, 215 अधिकारियों के ट्रांसफर को हाईकोर्ट ने किया रद्द, सामने आई ये बड़ी वजह....

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। राज्य सरकार की तरफ से जारी 215 तबादला आदेश हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है।

CG High Court ब्रेकिंग : प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले के खिलाफ बड़ा एक्शन,  215 अधिकारियों के ट्रांसफर को हाईकोर्ट ने किया रद्द, सामने आई ये बड़ी वजह....
CG High Court ब्रेकिंग : प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले के खिलाफ बड़ा एक्शन, 215 अधिकारियों के ट्रांसफर को हाईकोर्ट ने किया रद्द, सामने आई ये बड़ी वजह....

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। राज्य सरकार की तरफ से जारी 215 तबादला आदेश हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। राज्य सरकार ने पिछले दिनों राज्य में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू अभिलेख, सहायक अधीक्षक भू अभिलेख और जनपद पंचायत सीईओ के 200 से ज्यादा तबादला किये थे, जिसमें नायब तहसीलदार के 79, तहसीलदार के 49, अधीक्षक भू अभिलेख के 5, सहायक अधीक्षक भू अभिलेख के 59 और जनपद पंचायत सीईओ के 23 अधिकारी शामिल थे। दरअसल राज्य सरकार ने केंद्रीय चुनाव आयोग के 23 फ़रवरी के पत्र को आधार बनाकर ये तबादले किये थे। हाईकोर्ट में इस तबादले के विरुद्ध 50 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गयी थी।

दरअसल भारत निर्वाचन आयोग ने 23 फरवरी को कर्मचारियों के तबादले को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसमें तबादले के संदर्भ में उल्लेख था कि वैसे अधिकारी या कर्मचारी जो एक ही संसदीय क्षेत्र में तीन वर्ष या उससे अधिक समय से पदस्थ हैं, उनका तबादला किया जाना है। इ आधार बनाकर राज्य सरकार ने तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू अभिलेख और सहायक अधीक्षक भू अभिलेख,ट्रायबल विभाग के सीईओ के तबादले किये। लेकिन भारत निर्वाचन आयोग ने कर्मचारियों व अधिकारियों के तबादले को लेकर 27 फरवरी को एक और निर्देश जारी किया।

लिहाजा याचिका में इस बात को आधार बनाया गया कि जब भारत निर्वाचन आयोग ने अपने पूर्व के निर्देश के बाद ट्रांसफर को लेकर नया निर्देश जारी किया है, लिहाजा पिछले निर्देश को आधार बनाकर किये गये तबादले अवैध हैं। जस्टिस एनके व्यास ने इस मामले की सुनवाई की। हालांकि सुनवाई के दौरान राज्य शासन की तरफ से जानकारी दी गयी, कि वो तबादला रद्द करने पर विचार कर रही है, लेकिन जब शासन की तरफ से इस आदेश को निरस्त नहीं किया गया, तो फिर हाईकोर्ट ने तबादला आदेश को निरस्त करने का आदेश दिया।