CG ब्रेकिंग:छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र मनीष गर्ग प्रतिष्ठित ‘मैक्स ऑवर्टर अवार्ड’ से सम्मानित होने वाले बने पहले भारतीय....पढ़िए युवा वैज्ञानिक मनीष गर्ग की जीवन यात्रा की महत्वपूर्ण उपलब्धियां...

CG Breaking: Mati son of Chhattisgarh Manish Garg becomes the first Indian to be honored with the prestigious 'Max Overture Award' : डॉ मनीष गर्ग विज्ञान जगत के प्रतिष्ठित ‘मैक्स ऑवर्टर अवार्ड’ से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय बन गए हैं .यह ‘मैक्स ऑवर्टर पुरस्कार’ ऑस्ट्रिया के मैक्स ऑवर्टर फाउंडेशन के द्वारा हर दो साल में प्रदान किया जाता है .

CG ब्रेकिंग:छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र मनीष गर्ग प्रतिष्ठित ‘मैक्स ऑवर्टर अवार्ड’ से सम्मानित होने वाले बने पहले भारतीय....पढ़िए युवा वैज्ञानिक मनीष गर्ग की जीवन यात्रा की महत्वपूर्ण उपलब्धियां...
CG ब्रेकिंग:छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र मनीष गर्ग प्रतिष्ठित ‘मैक्स ऑवर्टर अवार्ड’ से सम्मानित होने वाले बने पहले भारतीय....पढ़िए युवा वैज्ञानिक मनीष गर्ग की जीवन यात्रा की महत्वपूर्ण उपलब्धियां...

 Mati son of Chhattisgarh Manish Garg becomes the first Indian to be honored with the prestigious 'Max Overture Award'

नया भारत डेस्क : डॉ मनीष गर्ग विज्ञान जगत के प्रतिष्ठित ‘मैक्स ऑवर्टर अवार्ड’ से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय बन गए हैं .यह ‘मैक्स ऑवर्टर पुरस्कार’ ऑस्ट्रिया के मैक्स ऑवर्टर फाउंडेशन के द्वारा हर दो साल में प्रदान किया जाता है .

श्री मनीष गर्ग, एसईसीएल हसदेव क्षेत्र के मनेंद्रगढ़ रेस्क्यू स्टेशन में बतौर रेस्क्यू ब्रिगेड मेम्बर /सीनियर ओवरमैन पदस्थ श्री विद्याधर गर्ग के सुपुत्र हैं । 

विदित हो कि सन 1978 में प्रो. डॉ. मैक्स औवर्टर की पत्नी हिल्डेगार्ड औवर्टर ने अपने पति के 70वें जन्मदिन के अवसर पर मैक्स ऑवर्टर फाउंडेशन की स्थापना की थी .इसके बाद सन 1980 से मैक्स ऑवर्टर पुरुष्कार आरम्भ किया गया था।

 


मैक्स ऑवर्टर पुरुष्कार भौतिकी अथवा कार्बनिक या अकार्बनिक रसायन विज्ञान के क्षेत्र में 35 वर्ष की आयु तक के छात्रों और युवा वैज्ञानिकों द्वारा उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र तथा 10,000 यूरो (लगभग आठ लाख रुपये ) की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है।

डॉ मनीष गर्ग को यह अवार्ड ऑस्ट्रिया के लिओबेन शहर में आयोजित ‘ऑस्ट्रियन फिजिकल सोसाइटी’ की 71 वीं वार्षिक बैठक में, गत 28 सितंबर 2022 को प्रदान किया गया ।

 

डॉ मनीष गर्ग भारतीय मूल के एक ऐसे वैज्ञानिक हैं जिन्होंने अपनी अधिकाँश वैज्ञानिक खोजें जर्मनी में रहकर की हैं . उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों के कारण आज एक तीसरे देश ऑस्ट्रिया में उन्हें पुरस्कृत  किया गया है, यह पूरे भारत के लिए एक गौरव का विषय है .

 

युवा वैज्ञानिक मनीष गर्ग की जीवन यात्रा की महत्वपूर्ण उपलब्धियां 

1. सन 2007 में बिना किसी भी स्कूल, ट्यूशन या कोचिंग की मदद के दुनिया की सबसे कठिन इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा IIT JEE में टॉप रैंक प्राप्त किया . मूलभूत अनुसंधान में गहरी अभिरुचि होने के कारण उन्होंने आगे की पढाई के लिए प्रतिष्ठित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान कोलकाता में प्रवेश लिया .

2. भारत सरकार द्वारा उन्हें स्नातकोत्तर की उपाधि पूर्ण करने हेतु (सन 2007-2012 तक) प्रतिष्ठित INSPIRE फेलोशिप प्रदान की गयी.

3. भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान कोलकाता में स्नातकोत्तर की उपाधि पूर्ण करने के दौरान प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनके तीन शोध पत्र प्रकाशित हुए .

 

4. इस बीच 'टाटा मूलभूत अनुसन्धान संस्थान,मुंबई तथा 'भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान,कोलकाता' जैसे विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक संस्थानों में अध्ययन करते हुए उन्होंने कई बड़े अनुसन्धान किये। इसके बाद सन 2012 से 2016 तक विश्व के सबसे प्रतिष्ठित 'मैक्स प्लांक क्वांटम ऑप्टिक्स संस्थान' म्युनिक, जर्मनी में शोधरत रहते हुए उन्होंने पी एच डी की उपाधि प्राप्त की .

5. जर्मनी में रहते हुए एक पी एच डी शोधार्थी के रूप में उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चलाने के लिए लेजर-लाइट का उपयोग करने की अनूठी तकनीक की खोज की . उनके द्वारा खोजी गयी यह तकनीक मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की गति को लाखों गुना बढ़ा देगी तथा प्रकाश किरणों द्वारा संचालित फोटोनिक उपकरणों के नए युग का मार्ग प्रशस्त करेगी ।

6. उन्होंने किसी ठोस पदार्थ में सबसे तेज़ विद्युत प्रवाह उत्पन्न करने का रिकॉर्ड बनाया . (पिछले 50 वर्षों में लेजर-प्रकाश के क्षेत्र में यह सबसे बड़ी खोज है )

उपरोक्त शोध कार्यों पर आधारित चार शोधपत्र दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित शीर्ष वैज्ञानिक पत्रिका ‘नेचर ’में प्रकाशित हुए .

7. उन्होंने ठोस पदार्थ के अंदर प्रकाश प्रेरित विद्युत धारा का पता लगाया गया जो कई वर्षों तक वैज्ञानिक के लिए एक बड़ी चुनौती थी।

 

8.Intel Corporation ने अपने डिजिटल इंडिया अभियान के लिए मनीष को अपना ब्रांड अम्बेसडर चुना तथा भारत के एक सुदूर स्थान से दुनिया के शीर्ष शोध संस्थान में पहुचने की उनकी यात्रा को उजागर करने के लिए एक टीवी विज्ञापन बनाया।

9. युवा वैज्ञानिक डॉ मनीष गर्ग फ़िलहाल 'मैक्स प्लांक सॉलिड-स्टेट अनुसन्धान संस्थान' स्टुटगार्ट, जर्मनी में एक वरिष्ठ शोधकर्ता वैज्ञानिक हैं। उनके द्वारा की गयी चार महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजों को विश्व की सबसे प्रतिष्ठित तथा सबसे 'हाईएस्ट इम्पैक्ट फैक्टर' की वैज्ञानिक पत्रिका "Nature" ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है , तथा एक शोध पत्र हाईएस्ट इम्पैक्ट फैक्टर की दूसरी वैज्ञानिक पत्रिका 'Science ' में प्रकाशित हो चूका है .जो किसी भारतीय वैज्ञानिक के लिए एक गौरव का विषय है।

 

10. उनके द्वारा की गयी नवीनतम खोज उस माइक्रोस्कोप तकनीक से सम्बन्धित है जो किसी परमाणु के अन्दर सबसे अस्थिर और तीब्र्गामी मूलभूत कण इलेक्ट्रोन की गतिविधियों की लाइव रिकार्डिंग करने में वैज्ञानिकों को सक्षम बनाती है . यह महत्वपूर्ण खोज विश्व की सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक पत्रिका ‘साइंस’ में प्रकाशित हो चुकी है.