वैसे तो नया साल (Happy New Year) दुनियाभर में अलग-अलग दिन मनाया जाता है और भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में भी नए साल की शुरुआत अलग-अलग समय होती है.

By the way, Happy New Year is celebrated on different

वैसे तो नया साल (Happy New Year) दुनियाभर में अलग-अलग दिन मनाया जाता है और भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में भी नए साल की शुरुआत अलग-अलग समय होती है.
वैसे तो नया साल (Happy New Year) दुनियाभर में अलग-अलग दिन मनाया जाता है और भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में भी नए साल की शुरुआत अलग-अलग समय होती है.

NBL, 31/12/2022, Lokeshwer Prasad Verma, Raipur CG: By the way, Happy New Year is celebrated on different days all over the world and in different regions of India also the new year starts at different times.

सब गिले सिकवे भूलकर, नये जोश नये उमंग के साथ व नये विश्वास के साथ जो आगे बढ़  कर आगे बढ़ता है उन्ही के लिए है, नया साल, जो नया उम्मीद नया इतिहास रचता है उन्ही के लिए है नया साल, छल, कपट, द्वेष दुर्भावना पालकर रखते है, उनके लिए क्या पुराना साल क्या नया साल ऐसे लोगों के लिए तो हर साल एक बरोबर है, पढ़े विस्तार से... 

जो अपने अवगुण को त्याग दे उन्ही के लिए है नया साल नया वर्ष... अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी (1st January) से नए साल की शुरुआत मानी जाती है, क्योंकि अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से 31 दिसंबर को एक वर्ष का अंत होने के बाद 1 जनवरी से नए कैलेंडर (New Calender) वर्ष की शुरुआत होती है। इसलिए इस दिन को पूरी दुनिया में नया साल शुरू होने के उपलक्ष्य में पर्व की तरह मनाया जाता है।

 माना जाता है कि साल का पहला दिन अगर उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाए, तो पूरा साल इसी उत्साह और खुशियों के साथ बीतेगा। हमें नया साल नई आशाएं, उम्मीदें, नए सपने, नए लक्ष्य और नए आइडियाज की उम्मीद देता है, इसलिए सभी लोग खुशी से इसका स्वागत करते है।

नववर्ष आगमन की खुशी में कई स्थानों पर पार्टियों का आयोजन किया जाता है, जिसमें नाच-गाना और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ-साथ मजेदार खेलों के जरिए मनोरंजन किया जाता है। कुछ लोग धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर ईश्वर को याद कर नए साल की शुरुआत करते हैं।

हालांकि हिन्दू पंचांग के अनुसार नया साल 1 जनवरी से नहीं बल्कि हिन्दू नववर्ष का आगाज गुड़ी पड़वा से होता है। लेकिन 1 जनवरी को नया साल मनाना सभी धर्मों में एकता कायम करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है, क्योंकि इसे सभी मिलकर मनाते हैं। 31 दिसंबर की रात से ही कई स्थानों पर अलग-अलग समूहों में इकट्ठा होकर लोग नए साल का जश्न मनाना शुरू कर देते हैं और रात 12 बजते ही सभी एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं देते हैं।

नया साल यह केवल एक नई शुरुआत ही नहीं, यह हमें निरंतर आगे बढ़ने की, नित नया कुछ न कुछ सीखने की सीख भी देता है। बीते वर्ष में हमने जो भी किया, सीखा, सफल हुए या असफल उससे सीख लेकर, एक नई उम्मीद के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। एक तारीख लगते ही नववर्ष लगा जाता है यानी सभी के लिए नए-नए अवसर लेकर आता है, इस दिन हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करके और सच बोलने की भी प्रेरणा देता है।

जिस प्रकार हम पुराने साल के समाप्त होने पर दुखी नहीं होते बल्‍कि नए साल का स्वागत बड़े उत्साह और खुशी के साथ करते हैं, उसी तरह जीवन में भी बीते हुए समय को लेकर हमें दुखी नहीं होना चाहिए। जो बीत गया उसके बारे में सोचने की अपेक्षा आने वाले अवसरों का स्वागत करें और उनके जरिए जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश करें। 

अभी फिर से कोरोना वायरस (Corona virus) महामारी ने दस्तक दे दी है। अत: (how to welcome 2023 ) इस समय हमें नववर्ष मनाने के साथ ही पहले से भी बहुत अधिक सर्तक रहने की आवश्‍यकता है। अब हमें खुद से एक वादा करना होगा कि हम भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाकर घर पर ही नया साल मनाएंगे, यह इसीलिए जरूरी है कि हम और दूसरे को भी सुरक्षित रख सकें।

तो आओ हम सभी मिलकर नववर्ष पर पुराने दुख, परेशानियां, चुनौतियां, संकट और बुरे अनुभवों को भूलाकर सभी के अच्छे स्वास्थ्य, अच्छा भाग्य और सुख प्राप्ति की कामना करें तथा कोरोना के इस समय में एक-दूसरे का हौसला बढ़ाएं और सभी जीवों के प्रति समान भाव रखते हुए सभी के जीवन की सुरक्षा का संकल्प लें।