संविधान के अनुच्छेदों के साथ तोड़मरोड़ के,लोहाण्डीगुडा ब्लॉक के टाकरागुडा, बेलर और मटनार मे ग्राम सभा प्रस्ताव आदेश पारित कर धर्म विशेष लोगो के जीवन जीने मे रोक एवं मौलिक अधिकारो के हनन जैसे कृत्य पर,किया अर्धनग्न होकर,धरना प्रदर्शन,पश्चात लोहाण्डीगुडा अनुविभागीय डंडाधिकारी द्वारा संभागीय आयुक्त के नाम सौंपा ज्ञापन, किये रैली, हुआ सड़क जाम, तब जाके जागा प्रशासन - नरेन्द्र भवानी /छ. यु. म.




संविधान के अनुच्छेदों के साथ तोड़मरोड़ के,लोहाण्डीगुडा ब्लॉक के टाकरागुडा, बेलर और मटनार मे ग्राम सभा प्रस्ताव आदेश पारित कर धर्म विशेष लोगो के जीवन जीने मे रोक एवं मौलिक अधिकारो के हनन जैसे कृत्य पर,किया अर्धनग्न होकर,धरना प्रदर्शन,पश्चात लोहाण्डीगुडा अनुविभागीय डंडाधिकारी द्वारा संभागीय आयुक्त के नाम सौंपा ज्ञापन, किये रैली, हुआ सड़क जाम, तब जाके जागा प्रशासन - नरेन्द्र भवानी /छ. यु. म.
जगदलपुर : मामले मे छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक नरेन्द्र भवानी ने कहा है की, लोहाण्डीगुडा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत बेलर,ग्राम टाकरागुडा एवं ग्राम मटनार मे ग्राम सभा प्रस्ताव / आदेश दिनांक 11/03/2024 दिन सोमवार, स्थान - ग्राम गणराज्य - लर स्थल -भारतीय संविधान के अनुच्छेद 244 (1) पांचवी अनुसूचित क्षेत्र व अनुच्छेद 13 (3) क - रुढ़ी व प्रथा आदिवासी समुदाय स्वाशासन, प्रशासन व इसका नियंत्रण के तहत पांरपारिक ग्राम सभा आयोजन किया गया, यह ग्राम सभा के द्वारा निम्न बिंन्धुओ पर प्रस्ताव पारित कर आदेश के खिलाफ भारतीय संविधान नियमा विरुद्ध यह आदेश पर तत्काल जांच दल गठित कर कार्यवाही की मांग एवं सम्मिलित सरपंच जिन्होंने पंचायती राज अधिनियम का उल्लंघ्न कर अपने पद का दुरूपयोग करते हुवे ऐसे असंवैधानिक आदेश पारित करने मे है प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित पर,कार्यवाही की मांगो को लेकर पीड़ितो के साथ अर्धनग्न होकर किये लोहाण्डीगुडा स्टेडियम मे धरना प्रदर्शन कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को ज्ञापन देने हेतु भेजें सन्देश, पर धरना स्थल कोई नहीं आया, मजबूरन हजारो की संख्या मे रैली निकालकर अनुविभागीय डंडाधिकारी लोहाण्डीगुडा कार्यलय के 500 मीटर दूर मेन रोड पर एक घंटे तक करते रहें कार्यवाही की मांग,किन्तु उसके बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी ज्ञापन तक लेने को नहीं पहुंचे, फिर मजबूरन सभी पीड़ितों के साथ बिच रोड मे बैठकर अपने आधे कपडे उतारकर किये सड़क जाम, जहां हमने लगभग मजबूरन 1 घंटे सड़क मे बैठें रहें, तब जाकर 4 घंटे के विरोध प्रदर्शन के बाद जिम्मेदार अधिकारी अपने विभाग हम 10 लोगो की टीम के साथ बात करने एवं ज्ञापन लेने का बात किये,और हमने भी हमारी डेलीगेशन की टीम जिम्मेदार अधिकारी पास पहुँच, अपनी मांगो को रखते हुवे तत्काल जांच दल गठित कर कार्यवाही की मांग करके संभागीय आयुक्त के नाम सौंपा ज्ञापन मिला कार्यवाही का आश्वाशन।
भवानी ने कहा है की उक्त भारतीय संविधान अनुच्छेदों का उल्लेख कर,ग्राम पंचायत बेलर, टाकरागुडा, मटनार के उपरोक्त पत्र अनुसार जिम्मेदार लोग गांव के आम नागरिको का मौलिक अधिकारो का हनन करते हुवे, पांरपारिक ग्राम सभा का नाम उल्लेख करते हुवे, ग्राम सभा कर प्रस्ताव पारित का आदेश जारी करके स्वतः ही उपरोक्त पत्र अनुसार उल्लेख भारतीय संविधान का ऊन कंडीकाओ का उल्लंघ्न कर उसी गांव के विशेष धर्म को मानने वाले आम लोगो को डरा के गैर नियमानुसार यह आदेश को जारी किया गया, यह जांच का विषय है, किया कार्यवाही की मांग, तत्काल नियमानुसार जांच कर कार्यवाही की जानी चाहिए, जिससे किसी भी हाल मे किसी भी भारतीय नागरिक होने के नाते, किसी भी धर्म, जात के लोगो का मौलिक अधिकारो हनन नहीं होना चाहिए !
नरेन्द्र भवानी ने आगे बताया है की जबकि यह लोग या इनके पीछे षड्यंत्र कारी लोगो द्वारा - ऐसी ग्राम सभा कर भारतीय संवीधान के अनुच्छेदों को तोड़मरोड़ के ग्राम सभा प्रस्ताव पारित कर सीधे आदेश जारी करके, बाकि आम लोगो का मौलिक अधिकारो को कुचलने का प्रयास है, जिसपर जांच कर कार्यवाही होना ही चाहिए !इसी मांग को लेकर पहुंचा लोहाण्डीगुडा डंडाधिकारो दफ्तर दिया कमिश्नर के नाम ज्ञापन मिला कार्यवाही का आश्वाशन।
आगे भवानी ने कहा है की ये जो ग्राम सभा में बता रहे है ! उपरोक्त पत्र अनुसार अनुच्छेद 13(3) क और 244 (1) एवं अन्य बातें इस प्रकार है जो ग्राम सभा करके आदेश जारी किये है।
1. भारत का संविधान अनुच्छेद-13 (3) (क) के तहत रूढ़ि या प्रथा विधि का बल है, यानि संविधान है।
2.पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में कोई बाहरी गैर रूढ़ि प्रथा व्यक्तियों को स्वतंत्र रूप से भ्रमण करता, निवास करता, बस जाना, घूमना वर्जित करता है।
3. भारत का संविधान के तहत कोई भी बाहरी व्यक्तियों को पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में व्यवसाय, कारोबार, रोजगार पर प्रतिबंध है।
4. पांचवीं अनुसूची जिलों या क्षेत्रों में भारत का संविधान अनुच्छेद 244(1) के तहत सांसद या विधान मंडल का कोई भी कानून लागू नहीं।
एवं अन्य बातें जो उल्लेख है उपरोक्त पत्र मे शामिल है
एसे बातों पर चर्चा कर खुल्लम खुल्ला भारतीय संविधान का मजाक बनाया जा रहा है,और यह गैर संवैधानिक पत्र नियम विरुद्ध पत्र आदेश जारी करके बकायदा उच्च अधिकारियों को एड करके भेजा जा रहा है, जो बेहद गंभीर विषय है, जांच कर कार्यवाही योग्य मामला है किन्तु जिम्मेदार अधिकारी ऐसी संविधान विरुद्ध कार्यो को होते देख रहें जो बिलकुल उचित नहीं, संविधान के साथ छेडछाड बर्दास्त योग्य नहीं।
आगे भवानी ने कहा है वास्तव मे जो हमारे भारतीय संविधान में दर्ज है, वह इस प्रकार है !
1. किसी राज्य या स्थान विशेष में अगर पशु की बलि देने की प्रथा या रूढ़ि है,तो यह भारतीय कानून के अनुसार दंडनीय अपराध है। संविधान के मुताबिक ऐसी कोई भी प्रथा या रूढ़ि सर्वोच्च नहीं है।
2. अनुच्छेद 19-5 के उपखंड घ और ड में कहा है,कि नागरिकों को भारत के राज्य क्षेत्र में बिना किसी बाधा के आने-जाने, निवास करने, बसने का अधिकार है। इसमें यह नहीं है कि अनुसूचित क्षेत्रों में गैर अनुसूचित लोग भ्रमण नहीं कर सकते या बस नहीं सकते हैं।
3. अनुच्छेद 19-6 उक्त खंड के उपखंड-छ में सभी नागरिकों को कोई भी पेशा, व्यापार, रोजगार करने, उपजीविका चलाने का अधिकार है। इस प्रावधान में अनुसूचित जाति का उल्लेख नहीं है,बल्कि साधार जनता का उल्लेख है। गैर अनुसूचित जनजाति को अनुसूचित क्षेत्रों में पेशा करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
4. संविधान की 5वीं अनुसूची आसाम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम को छोड़कर अन्य राज्यों के अनुसूचित क्षेत्रों, अनुसूचित जातियों के प्रशासन व नियंत्रण के बारे में प्रावधान है। अनसूची के पैरा 2 के अनुसार किसी राज्य में कार्यपालिका शक्ति का विस्तार अनुसूचित क्षेत्रों पर इस अनुबंध में दिए प्रावधानों के अनुसार होगा।
यह हमारे भारत के सुन्दर संविधान का छोटा सा कंडीकाओ के साथ उदाहरण है, बावजूद उपरोक्त पत्र पर आदेश जारी कर गलत तरीको से गांव मे रह रहें, मसीही ईसाई मानने वाले आदिवासी अथवा गैर आदिवासी साथियों को डराकर, गलत नियम बता कर, उच्च पद का गलत फायदा उठाकर, इनका मौलिक अधिकारो का हनन किया जा रहा है, इन्हे गांव से बहिष्कार करने जैसा कार्य किया जा रहा है, गांव के नल बोरिंग तालाब के स्तेमाल पर रोक लगाने का कार्य किया जा रहा है, यह लोग जो पीढ़ी दर पीढ़ी या वर्ष दर वर्षो से चल रहें सब्जी बेचने का, दूकान चलाने का, गाडी ट्रांसपोट काम का एवं अन्य काम का व्यवसाय करते आ रहें है, किन्तु अब यह सब काम बंद करने का आदेश जारी कर भूखे मरने की स्थिति निर्मित कर दिया गया है जो गंभीर विषय है!जो लोग ईसाई मसीही मान रहें है उन्हें चुन चुन के गांव मे जीस भी संस्था अथवा सरकारी जगह पर वर्षो से कार्यरत है उन्हें वहां काम / नौकरी करने तक नहीं दिया जा रहा है ऐसे मे यह लोगो के पास भूखे मरने की स्थिति बन जायेगी, जो किसी भी समाज हित मे सही नहीं होता है।