Business Ideas: सुपरहिट आईडिया! सिर्फ 25 हजार में शुरू करें ये बिजनेस, हर महीने होगी लाखों की कमाई, मोदी सरकार दे रही है मदद....
Business Ideas: Superhit Idea! Start this business in only 25 thousand, every month you will earn lakhs, Modi government is giving help.... Business Ideas: सुपरहिट आईडिया! सिर्फ 25 हजार में शुरू करें ये बिजनेस, हर महीने होगी लाखों की कमाई, मोदी सरकार दे रही है मदद....




Pearl farming Business :
नया भारत डेस्क : अगर आप कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आज हम आपको एक ऐसा आइडिया दे रहे हैं, जिसे मामूली निवेश के साथ शुरू कर सकते हैं। आपको बता दें कि इस बिजनेस से आप हर महीने लाखों रुपये कमा सकते हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि इस बिजनेस को स्टार्ट करने में सरकार की तरफ से 50 फीसदी तक की सब्सिडी (take 50% subsidy) मिलती है. ये खास बिजनेस है- मोती की खेती (Pearl farming) का. सीप और मोती के बिजनेस पर लोगों की रुचि बढ़ी है और कई लोग इससे अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं. इस बिजनेस में निवेश ज्यादा नहीं करना पड़ता है. (Pearl farming Business)
अगर आप भी नौकरी के प्रेशर से बाहर निकलना चाहते हैं और अपनी बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो ये खबर खास आपके लिए है। आज हम आपके लिए एक जबरदस्त बिजनेस आइडिया (Best Business Idea) लेकर आए हैं, जिसमें आप महज 25 हजार रुपये खर्च हर महीने 3 लाख से ज्यादा की कमाई कर सकते हैं और सबसे खास बात कि इस बिजनेस को शुरू करने में सरकार की तरफ से 50% तक की सब्सिडी मिल सकती है। ये खास बिजनेस है – मोती की खेती (Pearl farming) का। आइये जानते हैं कैसे आप इस बिजनेस से लाखों की कमाई कर सकते हैं। (Pearl farming Business)
आपको बता दें कि इस बिजनेस से आप हर महीने लाखों रुपये कमा सकते हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि इस बिजनेस को स्टार्ट करने में सरकार की तरफ से 50 फीसदी तक की सब्सिडी (50% subsidy) मिलती है। ये खास बिजनेस है- मोती की खेती (Pearl farming) का। सीप और मोती के बिजनेस पर लोगों की रुचि बढ़ी है और कई लोग इससे अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं। इस बिजनेस में निवेश ज्यादा नहीं करना पड़ता है।महज 25 हजार रूपये लगाकर इस बिजनेस को शुरू किया जा सकता है और हर महीने 3 लाख रूपये तक की कमाई कर सकते है। (Pearl farming Business)
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) में इसका जिक्र कर चुके हैं। उन्होंने कुछ युवाओं का जिक्र करते हुए कहा था कि वे अपनी सामान्य नौकरी छोड़कर मोती की खेती कर रहे हैं और अच्छी कमाई के साथ अन्य लोगों को भी इसी जानकारी दे रहे हैं। सरकार की तरफ से भी मोती की खेती करने के लिए सब्सिडी दी जा रही है, जो बैंक कर्ज का करीब 30 फीसदी हो सकता है। (Pearl farming Business)
बिहार के दरभंगा के सीप की क्वालिटी काफी अच्छी होती है :
इसके लिए आपको तीन चीजों की जरूरत होती है – एक तालाब, सीप ( जिससे मोती तैयार होता है) और ट्रेनिंग। इसमें सबसे जरूरी तालाब होता है, जिसे आप खुद खुदवा सकते हैं। सरकार की तरफ से इसके लिए 50% सब्सिडी मिलती है जिसका फायदा आप उठा सकते हैं। दूसरी चीज सीप होती है, जो कि भारत के कई राज्यों में मिलते हैं। जान लीजिए कि दक्षिण भारत और बिहार के दरभंगा के सीप की क्वालिटी अच्छी होती है। (Pearl farming Business)
कैसे शुरू करें मोती की खेती (Moti ki kheti) :
मोती की खेती शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको तालाब की जरूरत होगी। इसके लिए आपको चाहिए की आप खेत में तालाब का निर्माण करवाएं। बता दें कि खेत में तालाब निर्माण कराने का फायदा ये हैं कि खेत की मिट्टी मोती पालन के लिए काफी अच्छी रहती है। खेत में बने तालाब में प्राकृतिक वातावरण मिल जाता है जो मोती की खेती के लिए काफी अच्छा रहता है। आप तालाब अपने बजट के अनुसार बनवा सकते हैं लेकिन तालाब की गहराई करीब 12 फुट होनी चाहिए। इस तालाब में आपको पानी की बेहतर व्यवस्था रखनी होगी। क्योंकि मोती बनाने वाले सीप ज्यादा पीएच मान वाले पानी में जिंदा नहीं रह पाते हैं। आपको पानी का पीएच मान 7 के आसपास ही रखना होगा। इसके अलावा सीप के लिए भोजन की व्यवस्था भी करनी होगी और समय-समय पर उनकी स्थिति की जांच भी करते रहना होगा। (Pearl farming Business)
ऐसे होता है कृत्रिम मोती का उत्पादन :
किसान कृत्रिम तरीके से मोती की पैदावार सकते हैं। इसके तहत सबसे पहले सीप को 2 से 3 दिन के लिए खुले पानी में डाला जाता है ताकि सीप के ऊपर का कवच और उसकी मांसपेशियां नरम हो जाए। यदि सीपों को ज्यादा समय के लिए पानी से बाहर रखा गया तो ये खराब हो सकती हैं। मांशपेशियों में नरमी आने के बाद उसकी सतह पर 2 से 3 मिलीमीटर के छेद किया जाता हैं, जिसमें रेत का छोटा सा कण डाला जाता हैं। इसके बाद 2 से 3 सीप को नायलॉन के जालीदार बैग में रखकर तालाब में बांस या पाइप के सहारे पानी में लटका दिया जाता है। (Pearl farming Business)
तीन प्रकार के होते हैं मोती :
(1) केवीटी- सीप के अंदर ऑपरेशन के जरिए फारेन बॉडी डालकर मोती तैयार किया जाता है। इसका इस्तेमाल अंगूठी और लॉकेट बनाने में होता है। चमकदार होने के कारण एक मोती की कीमत हजारों रुपए में होती है।
(2) गोनट- इसमें प्राकृतिक रूप से गोल आकार का मोती तैयार होता है। मोती चमकदार व सुंदर होता है। एक मोती की कीमत आकार व चमक के अनुसार 1 हजार से 50 हजार तक होती है।
(3) मेंटलटीसू- इसमें सीप के अंदर सीप की बॉडी का हिस्सा ही डाला जाता है। इस मोती का उपयोग खाने के पदार्थों जैसे मोती भस्म, च्यवनप्राश व टॉनिक बनाने में होता है। बाजार में इसकी सबसे ज्यादा मांग है। (Pearl farming Business)
मोती की खेती (Pearl farming) में कितना आएगा खर्चा और कितनी होगी कमाई :
मोती की खेती में आने वाला खर्च और कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितना बड़ा तालाब बनाते हैं। यदि आप 50-100 मीटर लंबाई-चौड़ाई वाला तालाब बनवाते है तो उस पर करीब 60-70 हजार रुपए का खर्च आएगा। इसमें 25 हजार सीप को आसानी से पाला जा सकता है। बाजार में एक सीप की कीमत 15-25 रुपए होती है। यदि आप 20 रुपए के औसत भाव से देखें तो आपको पांच लाख सीप डालने होंगे। इसके बाद पानी, भोजन व अन्य उपकरणों पर भी मोती तैयार होने तक करीब 2-3 लाख का खर्चा आ जाएगा। 12-15 महीने में सीप से मोती बनकर तैयार हो जाता है। यह समय वातावरण और रखरखाव के अनुसार कम या ज्यादा भी हो सकता है। मोती की खेती करने वाले जानकारों की मानें तो कुल सीप में से करीब 40 फीसदी खराब हो जाते हैं। ऐसे में यदि आपने 25 हजार सीप डाले थे, तो आपको करीब 15 हजार सीप से मोती मिल पाएंगे। एक सीप में 2 मोती होते है, जिसकी औसत कीमत 100 रुपए हो सकती है। इस तरह 30 हजार मोती पैदा करके आप 30 लाख रुपए कमा सकते हैं। यदि इसमें से आप के द्वारा मोती उत्पादन में लगाई गई लागत करीब 9-10 लाख रुपए जो आपने लगाई है, इसे निकाल दें तो भी आपको 20 लाख रुपए की कमाई हो जाएगी। (Pearl farming Business)
मोती की खेती (Pearl farming) की ट्रेनिंग :
देश में मोती की खेती के लिए कई जगह ट्रेनिंग मिलती है। मोती की खेती थोड़ा वैज्ञानिक खेती है। इसलिए इसे शुरू करने से पहले किसानों को प्रशिक्षण की जरूरत होती है। इंडियर काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च के तहत एक विंग देश में बना हुआ है। इस विंग का नाम सीफा यानी सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेश वॉटर एक्वाकल्चर है। यह मोती की खेती की ट्रेनिंग देता है। इसका मुख्यालय उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर में है। यह संस्थान ग्रामीण नवयुवकों, किसानों एवं छात्र-छात्राओं को मोती उत्पादन पर तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करता है। यहां पर कोई भी 15 दिनों की ट्रेनिंग ले सकता है। भारत सरकार का सेंट्रल मेरिन फिसरिज रिसर्च इंस्टीच्यूट ने केरल के तिरुवनंतपुरम में व्यवसायिक रूप से मोती के उत्पादन का बड़ा केंद्र स्थापित किया है। (Pearl farming Business)
सरकार दे रही है मोती की खेती को प्रोत्साहन (Pearl farming) :
मोती की खेती के लिए सरकार की ओर से किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। क्योंकि मोती की खेती करके किसान लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं। यदि किसान परंपरागत खेती के साथ व्यवसायिक रूप से मोती की खेती करें तो किसान को दोहरा लाभ हो सकता है। हालांकि मोती की खेती में शुरुआत में खर्चा आता है लेकिन पहली बार में ही लागत निकल आती है। (Pearl farming Business)