ब्रेकिंग न्यूज़ :छत्तीसगढ़ में Swine flu के मामलों में इजाफा ! CM भूपेश ने स्वास्थ्य सचिव को दिए ये निर्देश…जानें Swine flu के लक्षण, कारण और उपचार…
Breaking News: Chhattisgarh. Increase in cases of swine flu in CM Bhupesh gave these instructions to the health secretary… know the symptoms, causes and treatment of swine flu रायपुर।छत्तीसगढ़( chhattisgarh) में स्वाईन फ्लू ( swine flu)के प्रकरणों में इजाफ़े को देखते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वास्थ्य सचिव को समीक्षा बैठक लेने के निर्देश दिए है.




Chhattisgarh. Increase in cases of swine flu in CM Bhupesh gave these instructions to the health secretary
रायपुर।छत्तीसगढ़( chhattisgarh) में स्वाईन फ्लू ( swine flu)के प्रकरणों में इजाफ़े को देखते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वास्थ्य सचिव को समीक्षा बैठक लेने के निर्देश दिए है.
उन्होंने कहा – अस्पतालों में आवश्यक तैयारी रखी जाएँ साथ ही अन्य बीमारियों से बचाव एवं रोकथाम हेतु तैयारी रखने के भी निर्देश दिए है।
स्वाईन फ्लू को लेकर क्या कहते है डॉक्टर ( doctor)
ये वायरस अटैक( virus attack) करता है तो मानव शरीर में मौजूद श्वेत रक्त कण, अगर मजबूत होता है तो वह वायरस के अटैक को रोकता है लेकिन अगर यह कमजोर होता है तो इसका अटैक रोक नहीं पाता। ऐसी स्थिति में लोग वायरस का शिकार हो जाता है। इससे सबसे ज्यादा दिक्कत टीबी के मरीज, एचआईवी के मरीज, एनिमिया के मरीज, बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं(women), मधुमेह से पीड़ित लोग को होती है। ऐसे लोग जब इसके चपेट में आते हैं तो उन्हें तत्काल इलाज की जरूरत महसूस होती है। नहीं तो मरीज की जान भी जा सकती है।
क्या है स्वाइन फ्लू?
स्वाइन फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है, जो मूल रूप से सूअरों से मनुष्यों में फैला। स्वाइन फ्लू एच1एन1 इन्फ्लूएंजा एक तरह का वायरस है। यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। नियमित इन्फ्लूएंजा और स्वाइन फ्लू के लक्षण बहुत मिलते-जुलते हैं। गर्मी और मानसून के मौसम में स्वाइन फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए कई वैक्सीन हैं, साथ ही इलाज के लिए कई तरह के एंटीवायरल उपचार भी मौजूद हैं। इसके अलावा हाइजीन का ख्याल रखकर और सर्जिकल मास्क पहनकर स्वाइन फ्लू से बचा जा सकता है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण (symptoms Of Swine Flu)
स्वाइन फ्लू के अधिकांश लक्षण सामान्य इन्फ्लूएंजा से काफी हद तक मिलते हैं। स्वाइन फ्लू के लक्षणों में शामिल हैं:
- बुखार
- सिरदर्द
- ठंड लगना
- डायरिया
- खांसी
- छींकें आना
- गले में खराश
- थकान
- नासिका मार्ग ब्लॉक होना
रेगुलर फ्लू की तरह, स्वाइन फ्लू गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे निमोनिया (लंग डिसऑर्डर) और सांस लेने से संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकता है। जिन लोगों को अस्थमा और डायबिटीज है, उनमें इनके लक्षणों को और भी अधिक बढ़ा सकता है। यदि आपको सांस लेने में तकलीफ, उल्टी, पेट दर्द, चक्कर या भ्रम जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
स्वाइन फ्लू के कारण (causes Of Swine Flu)
स्वाइन फ्लू एक श्वसन संबंधित बीमारी (respiratory illness) है, जो स्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस या एसआईवी (SIV) के कारण होता है। स्वाइन फ्लू महामारी H1N1 के सब टाइप एसआईवी के कारण फैला था। हालांकि, दूसरे उप प्रकार (Subtypes) एच1एन2, एच1एन3, एच3एन1, एच3एन2 और एच2एन3 भी इस बीमारी के होने का कारण बन सकते हैं। वायरस को H1N1 इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसमें मुख्य रूप से दो प्रकार के एंटीजन हेमाग्लगुटिनिन 1 (hemagglutinin 1) और न्यूरोमिनिडेज (neuraminidase) नजर आए थे। स्वाइन फ्लू के प्रसार का तरीका बिल्कुल अन्य फ्लू की ही तरह होता है। यदि आप संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने के बाद हवा में फैली वायरस से भरी बूंदों (Droplets) के संपर्क में आते हैं, तो आप भी स्वाइन फ्लू से संक्रमित हो सकते हैं। इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुई गई सतहों या उन सतहों पर एच1एन1 वायरस से संक्रमित बूंदों को छूने से भी आपके संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है। लक्षण प्रकट होने से एक दिन पहले और बीमारी होने के 7 दिन बाद तक आप एक व्यक्ति के जरिेए इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। बेकन (Bacon), हैम (Ham) या कोई अन्य सूअर (Pork) के मांस से बने प्रो़डक्ट से स्वाइन फ्लू नहीं हो सकता है।
स्वाइन फ्लू के जोखिम कारक (swine Flu Risk Factors)
कई अध्ययनों के अनुसार, कुछ लोगों में दूसरों की तुलना में स्वाइन फ्लू के होने की संभावना अधिक होती है। उच्च जोखिम वाले लोगों में शामिल हैं:
- रेस्पिरेटरी समस्याए जैसे निमोनिया से ग्रस्त लोग
- गर्भवती महिला
- हृदय रोग और डायबिटीज से पीड़ित लोग
- 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग और 2 वर्ष से छोटे बच्चे
काफी गहन ऑब्जर्वेशन के आधार पर इन समूहों में इसकी पहचान की गई है। हालांकि, यह ऑब्जर्वेशन इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि यदि आप इन जोखिम समूहों के अंतर्गत आते हैं या आप फ्लू जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो आपको स्वाइन फ्लू होगा ही। भारत में स्वाइन फ्लू (H1N1 इन्फ्लूएंजा) से निपटने के लिए आईएमए (IMA) ने भी कई दिशा-निर्देश दिए हैं।
स्वाइन फ्लू का निदान (diagnosis Of Swine Flu)
कोई व्यक्ति स्वाइन फ्लू से पीड़ित है या नहीं, उसे जानने के लिए लैब टेस्ट करने की आवश्यकता प़ड़ती है, क्योंकि इसके लक्षण इन्फ्लूएंजा के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं। डॉक्टर स्वाइन फ्लू का पता लगाने के लिए स्वाब टेस्ट करवा सकता है। यह टेस्ट स्वाइन फ्लू का पता लगाने के लिए आपकी नाक या गले में किया जाता है।
स्वाइन फ्लू का इलाज (treatment Of Swine Flu)
यदि टेस्ट में आपको स्वाइन फ्लू पॉजिटिव आता है, तो इसका इलाज तुरंत शुरू किया जाना चाहिए। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्यूनिकेबल डिजीज (NICD) के अनुसार, यदि इसका निदान प्रारंभिक अवस्था में ही कर लिया जाए, तो स्वाइन फ्लू का पूरी तरह से इलाज संभव है।
- इसमें पीड़ित व्यक्ति को एंटी-वायरल दवाएं ओसेल्टामिविर (Oseltamivir) (टैमीफ्लू/फ्लुविर) (Tamiflu/Fluvir) और जैनामिविर (रिलेन्जा) zanamivir (Relenza) दी जाती हैं। ओसेल्टामिविर वयस्कों के साथ-साथ 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दिया जाता है।
- एनआईसीडी के दिशानिर्देशों के अनुसार, जब स्वाइन फ्लू का पहले लक्षण दिखे, तो उसके 48 घंटों के भीतर ही दवाएं दी जानी चाहिए।
- स्वाइन फ्लू में एंटीबायोटिक्स नहीं दी जाती हैं, क्योंकि यह वायरस के कारण होता है। दर्द और बुखार जैसे लक्षणों से राहत पाने के लिए एंटीवायरल के साथ-साथ ओवर-द-काउंटर (OTC) दर्द निवारक दवाएं भी दी जाती हैं। डॉक्टर्स के अनुसार, एस्पिरिन, ओटीसी दवा बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए।
स्वाइन फ्लू में क्या खाएं, क्या ना खाएं (diet In Swine Flu)
स्वाइन फ्लू होने पर आपको हेल्दी और पौष्टिक भोजन लेने की जरूरत होती है। साथ ही खानपान में कुछ परहेज करने की भी डॉक्टर सलाह देते हैं। ऐसा करने से हीलिंग प्रॉसेस सुचारू और तेज होती है। जानिए, स्वाइन फ्लू होने पर आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं:
- स्वाइन फ्लू हो या कोई अन्य फ्लू, ये सभी डिहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं। डिहाइड्रेशन से मतली और उल्टी जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। ऐसे में आपको खुद को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है।
- स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने की जरूरत होती है। इसके लिए आप विटामिन सी से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करें। साथ ही, इस स्थिति में घर का पका भोजन ही करें। अगर आप स्वाइन फ्लू से पीड़ित हैं, तो साबुत अनाज भी डायट का हिस्सा होना चाहिए। इन सभी खाद्य पदार्थों में बहुत सारे फाइटोकेमिकल्स और जिंक जैसे आवश्यक खनिज होते हैं।
- तला-भुना, मसालेदार, प्रोसेस्ड और शुगर से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। इन सभी चीजों के सेवन से स्वाइन फ्लू के लक्षण बढ़ सकते हैं।