महानायक का 79वां बर्थडे: 'साठा तो पाठा, अस्सी तो लस्सी...' इंजीनियर बनना चाहते थे अमिताभ बच्चन.... 12 फ्लॉप फिल्में देने के बाद बने 'शहंशाह'!.... जानें कुछ अनछुए पहलू......

महानायक का 79वां बर्थडे: 'साठा तो पाठा, अस्सी तो लस्सी...' इंजीनियर बनना चाहते थे अमिताभ बच्चन.... 12 फ्लॉप फिल्में देने के बाद बने 'शहंशाह'!.... जानें कुछ अनछुए पहलू......


डेस्क। बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन आज यानी 11 अक्टूबर को अपना 79वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहे हैं। बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन अपनी उम्र के अगले पड़ाव में पहुंच चुके हैं। अमिताभ ने अपनी बढ़ती उम्र का जश्न शान से सोशल मीडिया पर मनाया। उन्होंने जन्मदिन के मौके पर अपनी एक अनसीन फोटो शेयर की है जिसके साथ उन्होंने अपनी उम्र का भी जिक्र किया है। कंधे में स्लिंग बैंग लिए अमिताभ इस तस्वीर में चलते देखे जा सकते हैं। उन्होंने इस तस्वीर को 79 के बाद अगले साल अपने 80वें साल से जोड़ते हुए लिखा- '80 की ओर बढ़ते हुए...' अमिताभ ने ट्विटर पर भी इसे शेयर कर अपने गुजरते उम्र को खास अंदाज में पेश किया है। वे लिखते हैं- 'जब साठा (60) तब पाठा, जब अस्सी (80) तब लस्सी...मुहावरे को समझना भी एक समझ है।' मशहूर कहावत के माध्यम से अमिताभ ने अपने बुढ़ापे को नकारा है।

 महानायक अमिताभ बच्चन ने अपनी इस लंबी जर्नी में कई पड़ाव देखे हैं। सुपरहिट फिल्में दी, तो लगातार फ्लॉप फिल्मों का दबाव भी झेला। फिल्म के सेट पर घायल हुए, राजनीति में गये और फिर वापस इंडस्ट्री में कदम रखने वाले अमिताभ के भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी करोड़ों चाहने वाले हैं। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में पैदा हुए अमिताभ के पिता डॉ हरिवंश राय बच्चन मशहूर कवि थे। उनकी मां तेजी बच्चन कराची से थीं। अमिताभ बच्चन कभी इंजीनियर बनने या एयरफोर्स में जाने का सपना देखा करते थे, पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, और  वह फिल्म इंडस्ट्री के शहंशाह बन गये। हिंदी सिनेमा के रूपहले पर्दे पर अमिताभ को जो पहचान और शौहरत मिली है, उसकी हर अभिनेता को चाहत होती है। 

वह बॉलीवुड के सबसे सफल व दिग्गज अभिनेता माने जाते हैं। अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाले अमिताभ ने लगातार 12 फ्लाप फिल्में भी दीं। भारी भरकम आवाज की वजह से ऑल इंडिया रेडियो से रिजेक्ट भी हुए। पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और फिल्म जंजीर उनके करियर में मील का पत्थर साबित हुई। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़े और अमिताभ ने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और इंडस्ट्री के 'शहंशाह' बन गये। अमिताभ की सबसे बड़ी खासियत उनकी दमदार अदाकारी और डायलॉग डिलीवरी है। उनकी कई फिल्मों के डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं। 'सात हिन्दुस्तानी' फिल्म से अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाले अमिताभ के लिए शुरू-शुरू में निर्देशकों का मानना था कि दुबले-पतले और सामान्य से अधिक लंबे इस शख्स में ऐसा कोई गुण नहीं है, जिसके कारण दर्शक उन्हें पर्दे पर पसंद करेंगे। लेकिन बिग बी ने अभिनय, अनुशासन और कड़ी मेहनत की बदौलत इंडस्ट्री में जो पहचान बनाई, वह हर किसी को नसीब नहीं होती है।