प्रेसवार्ता कर सुकमा जिला पंचायत उपाध्यक्ष बोड्डू राजा ने मनीष कुंजाम के आरोपो पर किया पलटवार




सुकमा:-विगत 3 अगस्त को कोंटा में पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के द्वारा क्षेत्रीय विधायक व मंत्री कवासी लखमा व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी व मेरे ऊपर जो व्यक्तिगत टिप्पणी की गई उसकी मैं घोर निंदा करता हूं।
बोड्डू राजा ने कहा मनीष कुंजाम सुकमा व छिंदगढ़ ब्लॉक में मूल रूप से अपना जनाधार खो चुके हैं इस वजह से वह कोंटा क्षेत्र का रुख कर रहे हैं मगर कोंटा नगर पंचायत मैं जिस प्रकार मात्र एक पार्षद का चुनाव लड़ा और बुरी तरह उनका प्रत्याशी हारा इससे पता चलता है कि कोंटा क्षेत्र में उनकी दाल गलने वाली नहीं है। व जमीन हड़पने का जो आरोप मेरे ऊपर लगाया गया है वह सरासर गलत है मेरे बाप, दादाओ की सैकड़ों एकड़ जमीन मेरे पास है जिसकी देखभाल मैं स्वयं नहीं कर पा रहा हूं मुझे दूसरे की जमीन हड़पने की आवश्यकता नहीं है जिस प्रकार से रामाराम के रहने वाले मनीष कुंजाम सुकमा के सुपनार में सैकड़ो एकड़ जमीन हड़प कर मजे से किसानी कर रहे हैं एस्सार की दलाली की बात किसी से छुपी नहीं है हमें ऐसा ना समझे।
राजा ने कहा मनीष कुंजाम भोले भाले आदिवासियों को गुमराह करना बंद करें आप दो बार विधायक रह चुके हैं और आपको जनता समझ चुकी है इसी वजह से कोंटा विधानसभा की जनता लगातार 5 बार विधानसभा में कवासी लखमा को जीता रही है और आपका प्रयास व्यर्थ ही रहेगा क्योंकि आने वाले 2023 के चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी और कवासी लखमा ही विधायक बने रहेंगे।
पूर्व में जब छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही उस समय आप की बोलती बंद थी जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार भूपेश बघेल की सरकार आदिवासियों की हितों के लिए काम कर रही है उस समय आपको पेट दर्द हो रहा है जबकि आदिवासी हितों के लिए लगातार कवासी लखमा संघर्ष कर रहे हैं ग्रामीण क्षेत्रों में देव गुड़ियों का निर्माण किया जा रहा है तेंदूपत्ता का रेट प्रति हजार गड्डी ₹4000 दिया जा रहा है 2500 रुपए में धान खरीदी की जा रही है आदिवासियों के लिए भवनों के निर्माण के लिए राशि उपलब्ध की जा रही है बेकसूर आदिवासियों को जेलों से छुड़वाने का काम भूपेश बघेल सरकार व मंत्री कवासी लखमा कर रहे हैं तो आपको पेट में दर्द हो रहा है जब रमन सिंह की सरकार थी उस समय आदिवासियों के ऊपर अत्याचार होता था तब मात्र हमारे एक नेता कवासी लखमा खड़े रहे उस समय आप कहां थे मनीष कुंजाम जी।