अखाड़ा परिषद अध्यक्ष की संदिग्ध मौत: महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से मिला 7-8 पेज का सुसाइड नोट.... शिष्य आनंद गिरि गिरफ्तार.... आनंद गिरी का दावा, लिखना-पढ़ना नहीं जानते थे गुरुजी, तो कैसे लिखा सुसाइड नोट.... हत्या हुई... सामने आए ये बड़े विवाद......

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष की संदिग्ध मौत: महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से मिला 7-8 पेज का सुसाइड नोट.... शिष्य आनंद गिरि गिरफ्तार.... आनंद गिरी का दावा, लिखना-पढ़ना नहीं जानते थे गुरुजी, तो कैसे लिखा सुसाइड नोट.... हत्या हुई... सामने आए ये बड़े विवाद......

डेस्क। भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि नहीं रहे। सोमवार को उनका शव अल्लापुर में बाघंबरी गद्दी मठ के कमरे से मिला। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि फांसी के फंदे पर लटके मिले। महंत के शिष्यों के मुताबिक घटना के समय कमरे का दरवाजा भीतर से बंद था और उन्होंने दरवाजा तोड़कर उन्हें फंदे से उतारकर जमीन पर लिटाया। मौके से 7-8 पेज का सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें महंत ने अपने आश्रम के बारे में क्या करना है, एक तरह से वसीयतनामा लिखा है। सुसाइड नोट में महंत ने लिखा है कि वह अपने एक शिष्य से दुखी थे।

 


केपी सिंह ने बताया कि महंत ने अपने सुसाइड नोट में इस कठोर कदम के पीछे कई कारण लिखे हैं और कई मार्मिक बातें लिखी हैं। सिंह ने कहा कि फॉरेंसिक टीम सुसाइड नोट की जांच कर रही है और महंत के शव का मंगलवार को पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड की टीम अपना काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के आने के बाद महंत नरेंद्र गिरि के अंतिम संस्कार पर निर्णय किया जाएगा।

 

हिरासत में शिष्य आनंद गिरि

 

आईजी ने कहा कि महंत ने अपने सुसाइड नोट में समाधि बनाए जाने का भी जिक्र किया है, जिसपर अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि महंत के निधन की सूचना मुख्यमंत्री कार्यालय को भी दे दी गई है और कल प्रोटोकॉल आने के बाद ही पता चलेगा कि कौन-कौन लोग यहां आ रहे हैं। उधर यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि सुसाइड नोट में महंत ने 2 लोगों पर आरोप लगाए हैं और उनमें से एक आनंद गिरि को हरिद्वार से हिरासत में लिया गया है।  

 

आनंद गिरी का दावा- लिखना-पढ़ना नहीं जानते थे गुरुजी, तो कैसे लिखा सुसाइड नोट

 

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की मौत के बाद सवालों के घेरे में आए उनके शिष्य आनंद गिरी ने अब बड़ा दावा किया है। महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद मिले सुसाइड नोट और उसमें आनंद गिरी की ओर से मानसिक तौर पर प्रताड़ित की जाने की बात का खुलासा होने के बाद आनंद गिरी ने कहा कि गुरुजी आत्महत्या कर ही नहीं सकते। वहीं रही बात सुसाइड नोट की तो उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरी को लिखना पढ़ना ही नहीं आता था ऐसे में वे 8 पन्नों का सुसाइड नोट कैसे लिख सकते हैं। 

 


उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जानी चाहिए। आनंद गिरी ने कहा कि वो इस मामले में किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं और उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है। आनंद गिरी ने कहा कि लोग हमें रास्ते से हटाना चाहते थे और कुछ लोग लगातार गुरुजी को परेशान भी कर रहे थे। गौरतलब है कि आनंद गिरी का सुसाइड नोट में नाम आने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने हरिद्वार से हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।

 

आनंद गिरी ने कहा है कि गुरुजी कभी आत्महत्या नहीं कर सकते, उनकी हत्या हुई है। उन्होंने कुछ अधिकारियों पर ही गंभीर आरोप लगाकर साजिश करने की बात कही है। आनंद गिरी ने कहा कि आईजी स्वयं इसमें संदिग्ध हैं। आईजी लगातार नरेन्द्र गिरी के संपर्क में रहते थे। 

 

क्यों घेरे में हैं आनंद गिरी

 

पंचायती अखाड़ा निरंजनी से निष्कासित किए जाने के बाद स्वामी आनंद गिरी और उनके गुरु अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के बीच तकरार बढ़ गई थी। नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट में कई नाम सामने आए हैं। पुलिस इसकी जांच में जुट गई है। निष्कासन के बाद उन्होंने एक वीडियो जारी कर स्वामी आनंद गिरी ने अखाड़े की संपत्ति को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि संपत्ति के विवाद में ही निरंजनी अखाड़े से जुड़े दो युवा संतों ने आत्महत्या कर ली थी और संदिग्ध परिस्थितियों में उनके शव पाए गए थे।

 

उन्होंने निरंजनी अखाड़े से जुड़े महंत आशीष गिरीजी महाराज और महंत दिगंबर गंगा पुरी जी महाराज की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौतों की जांच कराए जाने की भी मांग की थी। इतना ही नहीं उन्होंने महंत नरेंद्र गिरी पर यह भी आरोप लगाया था कि महंत नरेंद्र गिरी ने करोड़ों की सम्पत्ति अर्जित की है। इसके बाद आनंद गिरी ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी पत्र लिखा था। साथ ही सीबीआई को भी इसकी जानकारी दी थी। आनंद गिरी सोशल मीडिया पर भी नरेंद्र गिरी के खिलाफ लिखते रहे हैं।