क्या सहारा को सहारा देकर छत्तीसगढ़ के लोगों को बेसहारा करना चाहती है सरकार?.... प्रदेश में कितनी चिटफंड कंपनी संचालित थी, सहारा इंडिया में डूबा धन दिलाने सरकार ने क्या कार्यवाही की? - डॉ रेणु जोगी......

क्या सहारा को सहारा देकर छत्तीसगढ़ के लोगों को बेसहारा करना चाहती है सरकार?.... प्रदेश में कितनी चिटफंड कंपनी संचालित थी, सहारा इंडिया में डूबा धन दिलाने सरकार ने क्या कार्यवाही की? - डॉ रेणु जोगी......

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रायपुर, छत्तीसगढ़, दिनांक 15 दिसंबर 2021। क्षेत्रीय राजनीतिक दल जनता काँग्रेस छत्तीसगढ़ ( जे) की सुप्रीमों, कोटा विधायक डॉ श्रीमती रेणु जोगी ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदन में  चिटफंड कंपनियों पर सवाल उठाते हुए वर्ष 2018 से छत्तीसगढ़ में निवेशक के रूप में संचालित चिटफंड कंपनियां के नाम सहित जानकारी मांगी इसके अतिरिक्त सहारा इंडिया में निवेशकों द्वारा जमा कराई गई राशि के भुगतान के लिये 17-11-2021 तक की स्थिति में सरकार ने  क्या-क्या कार्रवाई की जानकारी और प्रदेश के कितने निवेशकों ने कंपनी में निवेश की गई राशि का ब्यौरा मांगा ?  डॉ रेणु जोगी के सवाल पर जवाब देते हुए गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि वित्त विभाग की जानकारी अनुसार प्रदेश में चिटफंड अधिनियम, 1982 प्रभावशील है, इस अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश में कोई भी चिटफंड कंपनी अधिकृत रूप से पंजीकृत अथवा संचालित नहीं है। वहीं दूसरे सवाल के जवाब में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि सहारा इंडिया पर राज्य शासन का नियंत्रण नहीं है, जिसकी वजह से निवेशकों द्वारा जमा राशि एवं भुगतान की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। जो मामले संज्ञान में आए हैं या आ रहे हैं उन पर समुचित कार्रवाई की जा रही है। 

डॉ रेणु जोगी जी ने कहा कांग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में चिटफंड कंपनियों से निवेशकों को डूबे धन को वापस दिलाने का जो वादा किया था क्या वह एक मात्र पब्लिक स्टंट था ? आखिर क्यों पीड़ितों को दिग्भ्रमित और गुमराह किया जा रहा है। छत्तीसगढ़  पुलिस क्यों सहारा के विरुद्ध विरोध आईपीसी की धारा 420, 467, 471 और 120 (बी) आपराधिक षडयंत्र का मामला नहीं बनाती है ? जबकि सेबी के कार्यवाही पर सहारा प्रमुख को जेल जाना पड़ता है और करोड़ो वापस देने के बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलती है तब आखिर छत्तीसगढ़ पुलिस किसलिए कार्यवाही नहीं कर रही है ?

डॉ रेणु जोगी ने कहा छत्तीसगढ़ीयों के पैसे के खून पसीने की गाढ़ी कमाई को लूटने वाले सहारा इंडिया का नियंत्रण सरकार पर नहीं होना यह अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस कंपनी ने लोगों को बेसहारा कर दिया, लोगों की  जीवन भर की पूंजी को डुबो दिया, ऐसे कंपनी पर सरकार का नियंत्रण ना होना और उस पर नकेल कस कर पैसे वापस दिलाने की स्थिति में ना होना सरकार की बड़ी कमजोरी है ।