22/01/2024 श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा पर अयोध्या विशेष: रामचरितमानस की इन चौपाइयों का पाठ करें, हर संकट दूर होगा, सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
22/01/2024 Ayodhya special on Shri Ram Pran Pratishtha




NBL, 22/01/2024, Lokeshwar Prasad Verma Raipur CG: 22/01/2024 Ayodhya special on Shri Ram Pran Pratishtha: Recite these couplets of Ramcharitmanas, every crisis will go away, all the wishes will be fulfilled. पढ़े विस्तार से....
जीवन के किसी न किसी मोड़ पर इंसान के सामने कोई ऐसी विपत्ति आ खड़ी होती है, जिससे पार पाने में वह खुद को असमर्थ पाता है। ऐसे में हर कोई अपने इष्टदेव का नाम लेता है। इसके अलावा कई ऐसे मंत्र हैं, जो इंसान को किसी भी तरह के संकट से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं। अगर आपको भी किसी तरह का संकट या चिंता सता रही है, तो आप मानस मंत्र का सहारा ले सकते हैं।
वैसे तो श्रीरामचरितमानस की हर चौपाई अपने आप में मंत्र जैसा प्रभाव रखती है, पर कुछ चौपाइयों का मंत्र के रूप में प्रयोग प्रचलित है, जो आपको संकट से उबारने में मदद करते हैं। साथ ही किसी भी तरह की मनोकामना को भी पूरी करते हैं। आइए जानते हैं रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों के बारे में, जो एकदम सरल एवं बेहद प्रभावकारी हैं। जीवन में किसी भी तरह की परेशानी में आप इसका जाप कर सकते हैं। मान्यता है कि इससे आपको जरूर लाभ मिलेगा...
* किसी भी संकट को दूर करने के लिए...
दीनदयाल बिरिदु सम्भारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।
* रोजगार पाने के लिए...
विस्व भरण पोषण कर जोई। ताकर नाम भरत जस होई।।
* यात्रा की सफलता के लिए...
प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। ह्रदय राखि कोसलपुर राजा।।
* शीघ्र विवाह के लिए....
तब जन पाई बसिष्ठ आयसु ब्याह। साज सँवारि कै।।
मांडवी, श्रुतकी, रति, उर्मिला कुँअरि लई हंकारि कै।।
* विद्या प्राप्ति के लिए....
गुरु गृहँ गए पढ़न रघुराई। अलप काल विद्या सब आई॥
* परीक्षा में सफलता के लिए...
जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥
मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥
* आलस्य से मुक्ति पाने के लिए....
हनुमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रणाम।
राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम।।
* सभी मनोरथ को पूरा करने के लिए...
भव भेषज रघुनाथ जसु,सुनहि जे नर अरू नारि।
तिन्ह कर सकल मनोरथ सिद्ध करहि त्रिसिरारि।।
* मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी।। अर्थ : जो मंगल करने वाले और अमंगल हो दूर करने वाले है , वो दशरथ नंदन श्री राम है वो मुझपर अपनी कृपा करे।
* हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी, आपद काल परखिये चारी।।
अर्थ : बुरे समय में यह चार चीजे हमेशा परखी जाती है , धैर्य , मित्र , पत्नी और धर्म।
* हो, जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरति देखी तिन तैसी।।
अर्थ : जिनकी जैसी प्रभु के लिए भावना है उन्हें प्रभु उसकी रूप में दिखाई देते है।
* भगवान श्री राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के नाम को ही मंत्र माना जाता है। "राम" नाम का जाप करने मात्र से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। श्री रामचन्द्रजी को स्मरण करने के लिए निम्न आरती का भी पाठ किया जाता है। * श्रीराम-स्तुति....
श्रीरामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं। नवकंज-लोचन, कंज-मुख, कर-कंज पद कंजारुणं ॥ कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनील-नीरद सुंदरं। पट पीत मानहु तड़ीत रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरं ॥ भजु दीनबन्धु दिनेश दानव-दैत्यवंश-निकन्दनं। रघुनन्द आनन्दकन्द कोशलचन्द्र दशरथ-नन्दनम् ॥ सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अंग बिभूषणं। आजानुभुज शर-चाप-धर,संग्रामजीत-खरदूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर-शेष-मुनि-मन रंजनम। मम हृदय-कंज निवास कुरु, कामादि खलदल-गंजनं ॥ मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सांवरो। करुणा निधान सुजान सील सनेहु जानत रावरो॥ एहि भाँति गौरी असीस सुनि सिय सहित हिय हरषीं अली। तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली॥
सो० - जानि गौरि अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि । मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे ॥ ।। सियावर रामचन्द्रकी जय ।।
मेरे राम सबके राम.... रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम।।