जिले के 11 ग्राम पंचायत ऐसे जहाँ कोरोना कदम भी नहीं रख सका ग्रामीणों की सूझबूझ और जागरुकता के चलते एक भी व्यक्ति संक्रमित नहीं

जिले के 11 ग्राम पंचायत ऐसे जहाँ कोरोना कदम भी नहीं रख सका ग्रामीणों की सूझबूझ और जागरुकता के चलते एक भी व्यक्ति संक्रमित नहीं

*सुकमा, 31 जुलाई 2021/* छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य सुकमा जिले में कोरोना महामारी का संक्रमण उतार चढ़ाव भरा रहा है। जिले के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धारित समयावधि में अधिक मामले सामने आए जो प्रशासन और आमजन के सफल प्रयासों से कम होते गए। कोरोना संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन सुकमा ने हमेशा से ही सतर्कता ओर मुस्तैदी से कार्य किया है। क्षेत्रों मे सतत् तौर पर कोरोना जाँच की गई, पॉजिटिव मरीजों को तत्काल चिकित्सकीय व्यवस्था सुनिश्चित की गई, मरीजों के संपर्क में आए व्यक्तियों की ट्रेसिंग आदि समस्त कार्य पूरी सटीकता से संपादित किए जा रहे है और कोविड टीकाकरण भी द्रुत गति से जारी है। प्रशासन और आम जन की इसी तत्परता का परिणाम है कि जिले के 11 ग्राम पंचायतों में एक भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया। 

*सेल्फ कन्टेनमेन्ट जोन बनाकर कोरोना संक्रमण को रोका*

  जिला पंचायत सुकमा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के 11 ग्राम पंचायतों पोरदेम, गोंडेरास, गोलाबेकुर, जैमेर, कावराकोपा, गोंदपल्ली, चिमलिपेन्टा, नागाराम, मराइगुड़ा (रा), रेगड़गट्टा एवं करिगुण्डम के कुल 29 गांव जिसमें छिंदगढ़ ब्लॉक से 2 गांव जैमेर व कावराकोपा, कोंटा ब्लॉक के 21 गांव और सुकमा विकासखण्ड के 6 गाँव कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस की पहुंच से दूर रहे। यहां के ग्रामीणों ने जागरूकता व सुरक्षात्मक उपायों से खुद को सुरक्षित रखा। स्वयं को सुरक्षित रखने के लिये, ग्रामीण इलाकों में बेहतर प्रबंधन के लिए प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने सजगता एवं कोविड नियमों का अनुपालन करते हुए स्वयं को संक्रमण से सुरक्षित रखा। 

  गांव तक संक्रमण नहीं फैलने का मुख्य कारण ग्रामीणों की जागरूकता और सतर्कता रही जिन्होंने स्वयं के साथ साथ दूसरों को संक्रमण से बचाने गांव के बाहर आन जाने पर रोक लगा दी। अतिआवश्यक होने पर ही वे पूरी सावधानी के साथ बाहर गए। जिलें मंे लॉकडाउन होते ही गांव में प्रवेश करने वाली सड़क पर पेड़ पत्थर इत्यादि के सहारे नाकाबंदी कर बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी और ग्राम पंचायत को सेल्फ कन्टेनमेंट जोन घोषित किया। इस दौरान गांवों के लोग अपने घर तक ही सीमित रहे। इसके अलावा शादी विवाह व अन्य कोई सामुहिक कार्यक्रम के आयोजन भी नहीं किए गए। इस कार्य में गांव के बच्चे, बूढ़े जवान सबने अपनी भूमिका निभाई। 

*कोविड नियमों का किया अनुपालन*

 इस दौरान लोगों को बिना मास्क के घरों से बाहर न निकलने, शारीरिक दूरी का पालन करने और टीकाकरण के लिए भी प्रेरित किया गया। ग्रामीणों को सामाजिक दूरी रखने और मास्क पहनने का महत्व समझाया गया। गांव में बाहर से आने वाले व्यक्ति की सूचना मिलने पर ग्रामीण प्रशासन को इस संबंध में सूचना देते थे। दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को अनिवार्य रुप से 10 दिवस के लिए नज़दीकी क्वारंटीन सेंटर में रखा गया जहां उनकी नियमित कोरोना जांच की गई। निर्धारित दिवस पूर्ण करने के पश्चात् ही उनको गांव मे प्रवेश दिया गया जिसके फलस्वरुप गांवों तक कोरोना संक्रमण नहीं फैला। इन ग्राम पंचायतो में संक्रमण से बचाव के सारे उपायों का ही नतीजा है कि यहां अब तक कोरोना संक्रमण से पीड़ित एक भी व्यक्ति नहीं मिला है, जिसके लिए गांव के प्रतिनिधि व ग्रामीणजन बधाई के पात्र हैं।