राजस्थान में बढ़ती गर्मी के साथ ही अब राज्य में सियासी गरमी भी बढ़ने वाली है. 2023 के चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी का मिशन जारी है.
With the increasing heat in Rajasthan, now the political heat is.




NBL, 04/05/2022, Lokeshwer Prasad Verma,..With the increasing heat in Rajasthan, now the political heat is also going to increase in the state. The mission of Congress and BJP continues for 2023 elections.
राजस्थान में बढ़ती गर्मी के साथ अब राज्य में सियासी तपिश भी बढ़ने जा रही है। एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी 13 से 15 मई तक राज्य में चिंतन शिविर का आयोजन करेगी, पढ़े विस्तार से..
जिसमें वह पांच राज्यों में मिली हार का मंथन कर भविष्य का सियासी रोडमैप तैयार करेगी। वहीं अब भाजपा ने राजधानी जयपुर में 20 और 21 मई को बैठक करने जा रही है। इस बैठक में राष्ट्रीय स्तर के सभी पदाधिकारी शामिल होंगे। पीएम नरेंद्र मोदी भी अहम बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे।
राजस्थान में होने वाली इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ही करेंगे। इसमें पार्टी के सभी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव और राज्यों के प्रभारी शामिल होंगे। इसके अलावा प्रदेशों के अध्यक्ष और संगठन से जुड़े प्रमुख नेता इसमें मौजूद रहेंगे। कांग्रेस शासित राजस्थान में इस बैठक के आयोजन का राजनीतिक रूप से बहुत महत्व है, क्योंकि हाल में राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के अलावा अन्य मुद्दों पर भाजपा राज्य की अशोक गहलोत सरकार को घेरने में जुटी हुई है।
बूथ स्तर पर मजबूत करने की रणनीति
मिली जानकारी के अनुसार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इन राज्यों की इकाइयां बैठक में अपने संगठनात्मक कामकाज के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकती हैं। बैठक में पार्टी के सदस्यता अभियान की भी रूपरेखा तैयार की जाएगी। इसके साथ ही बूथ स्तर पर पार्टी को और मजबूत बनाने की रणनीति पर भी चर्चा होगी। इसके साथ ही चंदा अभियान की भी समीक्षा की जाएगी। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं कर्नाटक समेत मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अगले साल चुनाव होना है।
वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर अमर उजाला से चर्चा में कहते है कि इस साल के अंत में गुजरात, हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने हैं। जबकि अगले साल मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होना है। राजस्थान भाजपा के लिहाज से यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि हाल ही में राजस्थान के भाजपा प्रभारी अरुण सिंह ने पार्टी हाईकमान को एक रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें यह बताया गया था कि राजस्थान में संगठन बहुत बिखरा हुआ है। इस बैठक के जरिए पार्टी नेतृत्व वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के गुट को संदेश देना चाहता है कि पार्टी में संगठन सर्वोपरि है और पार्टी सामूहिक नेतृत्व में ही विश्वास रखती है।
कांग्रेस के चिंतन शिविर पर चौगांवकर कहते है कि कुछ महीनों के बाद गुजरात में चुनाव होना है। अभी से वहां चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा में चाहे पीएम मोदी हों या फिर गृहमंत्री अमित शाह या फिर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सभी थोड़े-थोड़े दिनों के अंतराल में वहां पहुंच रहे हैं। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल भी हाल ही में गुजरात का दौरा कर आए हैं। ऐसे में कांग्रेस को राजस्थान के बजाए गुजरात में अपना चिंतन शिविर का आयोजन करना चाहिए था। राजस्थान में अभी चुनावों में वक्त है, वहां पार्टी की सरकार भी है, लेकिन अगर कांग्रेस यह शिविर राजस्थान में न होकर गुजरात में होता, तो कार्यकर्ताओं का उत्साह भी बढ़ता और पार्टी की स्थिति भी थोड़ी मजबूत होती।
कांग्रेस: तैयारी का जायजा लेने पहुंचे माकन
कांग्रेस पार्टी ने उदयपुर में प्रस्तावित तीन दिवसीय चिंतन शिविर की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। बुधवार को पार्टी संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन तैयारियों का जायजा लेने उदयपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी बुधवार को उदयपुर पहुंच रहे हैं। ये सभी नेता रात में वहीं रुकेंगे और तैयारियों को अंतिम रूप देंगे। पार्टी का चिंतन शिविर 13 से 15 मई तक होना है। इसमें 400 से ज्यादा के शामिल होने की उम्मीद है।
पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चिंतन शिविर में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, सांसद, राज्य प्रभारी, महासचिव व प्रदेश अध्यक्ष सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इन नेताओं के 12 मई को उदयपुर पहुंचने की संभावना है, शिविर में कई प्रस्ताव भी पारित होने की उम्मीद है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री गहलोत व अन्य नेता 16 मई को डुंगरपुर जिले के प्रसिद्ध स्थान बेणेश्वर धाम भी जा सकते हैं, जहां बेणेश्वर धाम पर बनाए गए पुल का उद्घाटन और जनसभा का कार्यक्रम है। कांग्रेस का चिंतन शिविर लगभग नौ साल बाद राजस्थान में हो रहा है। इससे पहले 2013 में पार्टी का ऐसा शिविर जयपुर में हुआ था जिसमें राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था।