समाज में अस्थिरता कौन पैदा करता है? जो अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए मानव समाज को तोड़ते हैं।
Who creates instability in society?




NBL, 06/08/2024, Lokeshwar Prasad verma, Raipur Cg. Who creates instability in society? Those who break human society to fulfill their selfish interests. पढ़े विस्तार से.....
भारत में अस्थिरता का मुख्य कारण यह है कि एक धर्म के लोग दूसरे धर्म के लोगों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं और यह सब स्वार्थी लोगों की वजह से हो रहा है और यह अस्थिरता ज्यादातर देश में राजनीति करने वाले राजनेताओं द्वारा पैदा की गई है, वह अपने निजी हितों के लिए भारत के मूल निवासियों को बलि का बकरा बना रहे हैं, जैसे भारत के जिन राज्यों में मुसलमानों की जनसंख्या अधिक है, वहां के गांवों में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं और हिंदू वहां अल्पसंख्यक हो गए हैं, यही स्थिति मुसलमानों की है और यह सब उस राज्य में राजनीति करने वाले राजनेताओं की धार्मिक कट्टरता फैलाने और वोट बैंक की राजनीति करने के लिए है और इस वजह से भारत के कई राज्यों से हिंदू पलायन कर रहे हैं और उस राज्य में मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ रही है और हिंदुओं की जनसंख्या कम हो रही है और इस अस्थिरता का मुख्य कारण यह है कि एक धर्म के लोग दूसरे धर्म के लोगों से नफरत करते हैं और इसमें उस राज्य की सरकारी व्यवस्था का योगदान है।
और यह स्थिति ज्यादातर भारत के उन राज्यों में हो रही है जो पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमा से लगे हुए हैं, जहाँ से भारत के मूल निवासियों को भगाया जा रहा है और दूसरे देशों से आने वाले शरणार्थियों को राज्य सरकारों द्वारा वहाँ बसाया जा रहा है क्योंकि इससे उनका वोट बैंक मजबूत हो रहा है, जो उन्हें खाना खिलाएगा वे उसकी तारीफ करेंगे, ऐसा ही दूसरे देशों से आने वाले शरणार्थियों के साथ हो रहा है और इसका जीता जागता उदाहरण आपको पश्चिम बंगाल में देखने को मिलेगा और वर्तमान सरकार इन विदेशी मुसलमानों को संरक्षण देती है। इसीलिए वह एनआरसी का विरोध करती है।जबकि एनआरसी से भारतीय मूल के मुसलमानों को फायदा होगा और उन विदेशी मुसलमानों को नुकसान होगा जो भारतीय मूल के मुसलमानों के पक्ष में बैठने की साजिश कर रहे हैं। ये शरणार्थी मुसलमान आर्थिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर कब्जा करना चाहते हैं और भारतीय मुसलमानों को केवल यह बताकर उन्हें धोखा देकर मूर्ख बनाकर राज करना चाहते हैं कि उनका धर्म मुस्लिम है वह मुुसलमान है।
आज वर्तमान भारत सरकार के माध्यम से भारत के सर्व धर्म मानव समाज के जीवन को समान रूप से विस्तारित करने का काम कर रही है। यानी सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास की नीतियों पर, जैसे, नल जल योजना, पीएम आवास योजना, आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना, ऐसी कई योजनाएं हैं जो वर्तमान सरकार पीएम नरेंद्र मोदी के सार्थक प्रयासों से सर्व धर्म समाज के लोगों को समान रूप से प्रदान की जा रही हैं और यह सब जमीनी स्तर पर लागू किया गया है जिससे कई जरूरतमंद लोगों के जीवन में बदलाव आया है और यह वास्तव में सामाजिक ढांचे को मजबूत करता है। ये सभी योजनाएं जो हम छोटे रूप में देख रहे हैं, वास्तव में छोटे रूप नहीं हैं। जरूरतमंद लोगों को इन सभी को पूरा करने में सालों लग जाते हैं और फिर भी वे ऐसा नहीं कर पाते हैं। अगर वे इसे अपनी मेहनत से करते भी हैं, तो आप अक्सर इसमें भी सामाजिक भेदभाव पैदा होते देखते , देखो हमारे पास तो पक्का घर है, तुम्हारे पास क्या है। यही अस्थिरता को स्थिर कर रहे है पीएम नरेंद्र मोदी।
हम भारतीय सामाजिक संरचना से जुड़े हुए लोग हैं और हर धर्म समाज के लोग अपना विकास स्वयं देखते हैं लेकिन आर्थिक स्थिति की दृष्टि से कुछ ही लोग मजबूत नजर आएंगे और वो मजबूत अमीर लोग ही अपने धर्म समाज के मुखिया होते हैं क्योंकि उनके पास पैसा होता है और ये लोग राजनीति से भी जुड़े होते हैं और ये लोग व्यापार से भी जुड़े होते हैं और ये लोग अपने धर्म समाज को भी चलाते हैं आपको बहुत कम लोग मिलेंगे जो अमीर हों और अपने धर्म समाज के लोगों का भला सोचते हों ज्यादातर अमीर लोग अपनी ही तरक्की देखते हैं और उसे तरक्की की ओर ले जाते हैं अपने उनके समाज के कमजोर लोग, राजनीति में शामिल अमीर लोग जिस राजनीतिक पार्टी से जुड़े होते हैं उससे फंड लेते हैं और अपने समाज के लोगों से किसी भी तरह से वोट देने की अपील करते हैं और भारत में यही स्थिति है इसे कहते हैं छल, अहंकार, पाखंड से जुड़े अमीर व्यक्ति की चाल जो भारत के स्वार्थी राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं ये राजनीतिक दल और समाज के अमीर लोग देश में अस्थिरता लाते हैं भेदभाव पैदा करते हैं मानव समाज को तोड़ते हैं।
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से पहले शासन करने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं की हालत खराब हो चुकी है और वे दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए कभी अडानी, कभी अंबानी, कभी बेरोजगारी, कभी महंगाई, कभी जाति, कभी धर्म, कभी देश का लोकतंत्र और देश का संविधान खतरे में है कहकर देश के लोकतंत्र को गुमराह करते हैं और देश के लोकतंत्र को प्रलोभन भी देते हैं, लेकिन फिर भी सत्ता हासिल करने में असफल होते हैं। अब विपक्षी दलों के नेता मणिपुर को न्याय दो जैसे तमाम नारे लगाकर नई संसद के दोनों सदनों में हंगामा कर रहे हैं। देश का लोकतंत्र विपक्षी दलों के नेताओं की एक भी बात नहीं समझता है। ये विपक्षी नेता क्या कह रहे हैं? और वर्तमान सरकार देश हित के लिए अपना सारा एजेंडा स्पष्ट रूप से संसद के दोनों सदनों में रखती है और विपक्षी दलों के नेताओं के हंगामे के बावजूद सरकार की सभी योजनाएं देश में अच्छे से लागू भी हो रही हैं, तो देश हित में विपक्षी दलों के नेताओं का क्या विषय है, देश का लोकतंत्र इस बात से अनभिज्ञ है।
भारत में जरूरतमंद लोगों को क्या चाहिए? रोटी, कपड़ा और मकान जो कि देश के जरूरतमंद लोगों को वर्तमान भारतीय सरकार पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा मुहैया कराया जा रहा है, यह भारत के करोड़ों जरूरतमंद लोगों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। आज विश्व के अधिकतर देशों में युद्ध चल रहे हैं और वहां के लोगों का जीवन अशांत है और वर्तमान में भारत में सभी धर्मों के लोग शांतिपूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं और यह उपलब्धि भारत सरकार की नेक नीयत का परिणाम है जिसके कारण देश में अच्छी और सच्ची देशभक्ति की सोच व्याप्त है जिसके कारण आज भारत विश्व के लिए शांतिदूत बन गया है, भारत को इससे बड़ी उपलब्धि और क्या चाहिए, जब देश विकास की ओर बढ़ता है तो उसे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि वर्तमान सरकार को पिछली सरकार की गलतियों और उनके शासन के दौरान हुए भ्रष्टाचार के दुष्प्रभावों जैसे महंगाई, बेरोजगारी और सुरक्षा के कारण अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इन तीनों को मजबूत करने में वर्षों लग जाते हैं क्योंकि देश के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करना पड़ता है तभी देश के बिगड़े हालात सुधरते हैं और वर्तमान भारतीय सरकार पीएम नरेंद्र मोदी वर्तमान में इन बिगड़े हालातों को सुधारने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। जिस प्रकार हम आम लोग अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और हम आम लोग धीरे-धीरे अपना विकास करते हैं, उसी प्रकार पिछली सरकार द्वारा आम भारत का निर्माण किया गया था, जिसे आज धीरे-धीरे वर्तमान भारत सरकार द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक विशेष और नया भारत बनाया जा रहा है और यह सब देश की जनता को दिखाई भी दे रहा है, देश के लोकतंत्र को इन सब बातों का संज्ञान लेना चाहिए कि वास्तव में हम भारतीय आज विकास की ओर बढ़ रहे हैं और हमारा देश भारत आज विश्व पटल पर मजबूत हो रहा है, और देश के लोकतंत्र को पिछली कांग्रेस सरकार और वर्तमान भाजपा एनडीए सरकार की तुलना पूरी ईमानदारी और बिना किसी भेदभाव के जरूर करनी चाहिए, तब हमें पता चल सकेगा कि हमें देश के लिए कैसी मजबूत सरकार चाहिए जो देश को मजबूत बना सके, तभी देश का लोकतंत्र मजबूत होगा, आपके घर की मजबूत दीवार होने से कहीं ज्यादा जरूरी है आपके घर की मजबूत नींव होना, हम लोकतंत्र दीवार हैं और देश नींव है।
सदियों से भारत संसाधनों से भरपूर एक समृद्ध देश रहा है और आज भी है, लेकिन सदियों से इनका शोषण होता रहा है। विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारी मुगल भारत के विशाल संसाधनों को लूटने आए, फिर विदेशी अंग्रेज आए और बार-बार भारत को लूटते रहे। इतना ही नहीं, जाने से पहले अंग्रेजों ने देश को दो हिस्सों में बांट दिया, यानी आज का पाकिस्तान, जिससे बांग्लादेश भी बना और यह सब हमारे देश के कुछ स्वार्थी नेताओं ने अंग्रेजों से मिलीभगत करके किया, फिर भी भारत आज भी अडिग और अमर है। और इस भारत को अमर बनाया हमारे देश के देशभक्त लोगों ने जिन्होंने अपना खून देकर एक नए भारत का निर्माण किया और आज भी देश में गद्दारों की कमी नहीं है और वो गद्दार हैं अपने ही देश को लूटने वाले भ्रष्ट लोग, जो देश के लोकतंत्र के खून-पसीने से इकट्ठा की गई संपत्ति को लूटते हैं। इसे भी रोकने के लिए समय युगपुरुष को जन्म देता है और इसी तरह भारत माता अपने ही देश के अच्छे देशभक्त लोगों के माध्यम से अपनी और अपनी लोकतंत्र की रक्षा करवाती रहती है।
आज भी भारत में कायरों की कमी नहीं है, जो देश और देश की जनता के बारे में नहीं सोचते। राजनेता इस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं कि कैसे सत्ता हासिल की जाए, कैसे देश के लोकतंत्र को अपनी ओर लुभाया जाए, कौन सा फार्मूला अपनाया जाए, अगर आज की स्थिति देखें तो इसमें भी इन राजनीतिक नेताओं द्वारा विश्वासघात ही दिखाई देता है। इसी तरह देश के लालची लोकतंत्रवादी सोचते हैं कि कौन सी राजनीतिक पार्टी हमें क्या लाभ दे सकती है और इसी तरह व्यापारी सोचते हैं कि कौन सी सरकार हमें देश के लोकतंत्र को लूटने की आजादी देगी। इन सभी कायरों के कारण आज ईमानदार लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं क्योंकि ये भ्रष्ट लुटेरे पैसा लूटते हैं, महंगाई बढ़ाकर, बेरोजगारी बढ़ाकर और भ्रष्टाचार बढ़ाकर और क्या कहूं, यहां से वहां तक ये कायर देश को लूट रहे हैं और अपनी तिजोरियां भर रहे हैं और देश के ईमानदार लोग अपने पास एक रुपया भी नहीं बचा पा रहे हैं, उल्टा कर्ज लेकर कर्जदार बनते जा रहे हैं। यही अस्तिरता देश में पूर्व से बनी हुई है जिसे जड़ से मिटाना इतना संभव नहीं है, लेकिन असंभव भी नही है सच्चे देशभक्त वर्तमान सरकार के लिए।