Wheat Flour Price: मोदी सरकार की हो रही तारीफ! आटे की कीमत होती 50 रुपये, मोदी सरकार के इस फैसले से नहीं बड़े दाम, केंद्र ने करवाई बल्ले-बल्ले...
Wheat Flour Price: Modi government is being praised! The price of flour would have been Rs 50, but this decision of the Modi government did not increase the price, the center got the bat... Wheat Flour Price: मोदी सरकार की हो रही तारीफ! आटे की कीमत होती 50 रुपये, मोदी सरकार के इस फैसले से नहीं बड़े दाम, केंद्र ने करवाई बल्ले-बल्ले...




Wheat Flour Price :
नया भारत डेस्क : अप्रैल के पहले हफ्ते में गेहूं की जरूरत बढ़ जाएगी इससे पहले गेहूं और आटे की कीमत में सर चढ़ कर बोल रही है. गेहूं की कीमत (Wheat Flour Price) जनवरी में रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी. इसे काबू में करने के लिए सरकार ने खुले बाजार में 50 लाख टन की बिक्री की घोषणा की. इससे पिछले दो महीनों में थोक और खुदरा बाजारों में गेहूं और आटे की कीमत में 6-8 रुपये प्रति किलोग्राम की गिरावट आई है. रोलर फ्लोर मिलर्स के संगठन रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (Roller Flour Millers Federation of India) ने यह दावा किया है. उसका कहना है कि अभी देश में आटे की कीमतें 2600-3000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रही हैं, जबकि जनवरी के मध्य में यह 3400-3800 रुपये प्रति क्विंटल थी. फेडरेशन ने आटा, मैदा और सूजी सहित गेहूं और गेहूं से बने उत्पादों पर अगले फाइनेंशियल ईयर में भी निर्यात पर पांबदी बनाए रखने की मांग की है. (Wheat Flour Price)
कीमतों में 600-800 रुपये प्रति क्विंटल की कमी आई
एक बयान के अनुसार, यह भी मांग की गई कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान गेहूं आटा, मैदा और सूजी समेत गेहूं और गेहूं के उत्पादों पर निर्यात प्रतिबंधित रहना चाहिए. RFMFI ने कहा कि 25 जनवरी को खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) शुरू करने के सरकार के फैसले के चलते पूरे देश में गेहूं और गेहूं उत्पादों की कीमतों में 600-800 रुपये प्रति क्विंटल की कमी आई है. रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन के अनुसार, मौजूदा समय में आटे की कीमतें 2,600-3,000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रही हैं, जबकि जनवरी, 2023 के मध्य में यह 3,400-3,800 रुपये प्रति क्विंटल थी. (Wheat Flour Price)
केंद्र 50 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेच रहा
कीमतों को नरम करने के लिए केंद्र 50 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेच रहा है. इसमें से 45 लाख टन आटा चक्की सहित थोक उपभोक्ताओं के लिए है. महासंघ ने कहा कि आगामी सत्र के लिए गेहूं की फसल के चल रहे सर्वेक्षण के अपने प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, गेहूं की खेती का रकबा लगभग 343.23 लाख हेक्टेयर है. गर्मियों की शुरुआत के बावजूद महासंघ को 10.6 करोड़ टन और 11 करोड़ टन के बीच रिकॉर्ड फसल उत्पादन होने की उम्मीद है. इसमें कहा गया है कि गेहूं की कीमतों में गिरावट के साथ इसके रिकॉर्ड उत्पादन के कारण सरकार 340 लाख टन गेहूं खरीद के अपने लक्ष्य को पूरा करने में सफल होगी. (Wheat Flour Price)
3,200-3,600 रुपये प्रति क्विंटल हुई कीमत
बाजार में गेहूं की घरेलू उपलब्धता कम होने के कारण जनवरी, 2023 में गेहूं की घरेलू कीमतें 3,200-3,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गई थीं. उसके बाद केंद्र ने बढ़ती कीमतों पर काबू के लिए खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) की घोषणा की. रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद कुमार एस ने कहा, ‘‘व्यापक विचार-विमर्श के बाद भारत सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) के केंद्रीय पूल स्टॉक में मामूली भंडार होने के बावजूद गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों पर अंकुश के लिए 50 लाख टन गेहूं बेचने की अनुमति दी थी. (Wheat Flour Price)
उन्होंने कहा कि केंद्र के समय पर हस्तक्षेप से न केवल गरीब, निम्न और मध्यम वर्ग को राहत मिली है, बल्कि ब्रेड और बिस्कुट सहित कई तरह के उद्योगों को भी राहत मिली है. कुमार ने कहा, ‘मौजूदा समय में थोक बिक्री बाजार में जिन राज्यों में मांग के अनुरूप केंद्रीय पूल से गेहूं निकाला गया है, वहां गेहूं की दर घटकर 23-24 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई है, जबकि जिन राज्यों में गेहूं उतारे जाने की प्रक्रिया चल रही है वहां भाव 24-25 रुपये प्रति किलोग्राम रह गया है. अगर सरकार ने समय पर हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो कीमतें 40-45 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जातीं.’ (Wheat Flour Price)
फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवनीत चितलांगिया ने कहा कि आटा मिलें कीमत में कटौती कर सरकार के उद्देश्य का समर्थन कर रही हैं. फेडरेशन के उपाध्यक्ष, धर्मेंद्र जैन ने कहा, ‘हमारे सदस्य कीमतों में कटौती को पहले ही पारित कर चुके हैं.’ वर्ष 1940 में स्थापित संघ के अखिल भारतीय स्तर पर 2,500 से अधिक सदस्य हैं. (Wheat Flour Price)