CG- सिर पर केतली रखकर आग लगाकर चाय बनाने का प्रदर्शन VIDEO: उत्तराखंड के लोककलाकारों ने अद्भुत संतुलन के साथ किया हारूल नृत्य, देखें कार्यक्रम का सीधा प्रसारण....

Folk artists of Uttarakhand perform Harul dance with amazing balance, Second day of National Tribal Dance Festival LIVE VIDEO  रायपुर. उत्तराखंड के लोककलाकारों ने अद्भुत संतुलन के साथ हारूल नृत्य किया. महाभारत में पांडवों की वीरगाथा पर आधारित हारूल नृत्य में रमतुला नामक वाद्ययंत्र बजाया जाता है. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान हारुन नृत्य में उत्तराखंड की पहाड़ी संस्कृति की झलक दिख रही है. विवाह, दिवाली, मेले जैसे अवसरों में किया जाता है नृत्य. सिर पर केतली रखकर सर पर आग लगाकर चाय बनाने का प्रदर्शन किया गया. हाथी की सुसज्जित प्रतिकृति पर बैठा प्रभावी व्यक्ति नृत्य भंगिमा का प्रदर्शन किया गया.

CG- सिर पर केतली रखकर आग लगाकर चाय बनाने का प्रदर्शन VIDEO: उत्तराखंड के लोककलाकारों ने अद्भुत संतुलन के साथ किया हारूल नृत्य, देखें कार्यक्रम का सीधा प्रसारण....
CG- सिर पर केतली रखकर आग लगाकर चाय बनाने का प्रदर्शन VIDEO: उत्तराखंड के लोककलाकारों ने अद्भुत संतुलन के साथ किया हारूल नृत्य, देखें कार्यक्रम का सीधा प्रसारण....

Folk artists of Uttarakhand perform Harul dance with amazing balance, Second day of National Tribal Dance Festival LIVE VIDEO 

 

रायपुर. उत्तराखंड के लोककलाकारों ने अद्भुत संतुलन के साथ हारूल नृत्य किया. महाभारत में पांडवों की वीरगाथा पर आधारित हारूल नृत्य में रमतुला नामक वाद्ययंत्र बजाया जाता है. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान हारुन नृत्य में उत्तराखंड की पहाड़ी संस्कृति की झलक दिख रही है. विवाह, दिवाली, मेले जैसे अवसरों में किया जाता है नृत्य. सिर पर केतली रखकर सर पर आग लगाकर चाय बनाने का प्रदर्शन किया गया. हाथी की सुसज्जित प्रतिकृति पर बैठा प्रभावी व्यक्ति नृत्य भंगिमा का प्रदर्शन किया गया.

अर्ध चंद्राकर गोले में रहकर हारुल नृत्य किया जाता है. हारुल अर्थात भगवान श्री गणेश की उपासना नृत्य में की जाती है. भगवान श्री राम के वनवास से आने पर दिए जलाकर स्वागत किया गया था, इसकी मनमोहक प्रस्तुति भी नृत्य के माध्यम से हो रही माता कौशल्या के धाम छत्तीसगढ़ में जीवंत हुआ भगवान राम के स्वागत का दृश्य. इस नृत्य में हाथी पर बैठा व्यक्ति हाथों में कुल्हाड़ीनुमा अस्त्र घुमाते और उसके चारों तरह अन्य नृत्य नाचते हैं. समृद्धि के प्रतीक के रूप में हाथी पर बैठा व्यक्ति फूल और चावल छिड़कते हुए दिखाई दिया.

उत्तराखंड में जौनसार जनजाति महाभारत की कथाओं पर आधारित लोककथाओं का हमेशा से प्रदर्शन करती आई है. इसमें पांडवों के शौर्य का यशोगान किया जाता है और इसे आकर्षक नृत्य रूप में प्रस्तुत किया जाता है. इसमें वीरगाथाओं का प्रदर्शन भी वीरोचित क्रियाओं द्वारा किया जाता है. आज हुई इसकी प्रस्तुति में एक लोक कलाकार ने अपने सिर पर केतली रखकर आग लगाकर चाय तैयार की. इस दृश्य को देखकर दर्शक चकित रह गये. इसके साथ ही अर्धचंद्राकर गोले में भगवान गणेश की पूजा की गई. देखें लाइव वीडियो....

उल्लेखनीय है कि भगवान श्री राम के वनवास पर लौटने पर अयोध्या में दीप जलाये गये थे और दीपावली के अवसर पर ऐसे दीप भारतीय संस्कृति में जलाये जाते हैं. यह खूबसूरत अनुष्ठान हारूल नृत्य का भी हिस्सा जौनसार जाति के इस खूबसूरत हारूल नृत्य में हाथी पर बैठा व्यक्ति हाथों से अस्त्र घूमाता है और समृद्धि के प्रतीक पुष्प और अक्षत जनसमूह पर छिड़कता है.उल्लेखनीय है कि जौनसार जाति महाभारत की कथाओं से बहुत गहराई से जुड़ी हुई है और महाभारत के कथानायक पांडवों को अपना आदर्श मानती हैं. पांडवों की अनुश्रुतियां ही लोककथा और हारूल नृत्य के माध्यम से वे प्रदर्शित करती हैं. नृत्य की खासियत रमतुला नामक वाद्ययंत्र है जिससे लोक नृत्य और भी मधुर हो जाता है.