उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बांग्लादेश से विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुनर्वास के लिए कृषि और आवासीय भूमि के पट्टे और स्वीकृति पत्र वितरित किए।

Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath on Tuesday distributed..

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बांग्लादेश से विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुनर्वास के लिए कृषि और आवासीय भूमि के पट्टे और स्वीकृति पत्र वितरित किए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बांग्लादेश से विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुनर्वास के लिए कृषि और आवासीय भूमि के पट्टे और स्वीकृति पत्र वितरित किए।

NBL, 19/04/2022, Lokeshwer Prasad verma,. Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath on Tuesday distributed the lease and acceptance letters of agricultural and residential land for the rehabilitation of 63 Hindu Bengali families displaced from Bangladesh.

Lucknow: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बांग्लादेश से विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुनर्वास के लिए कृषि और आवासीय भूमि का पट्टा और स्वीकृति पत्र वितरित किया, पढ़े विस्तार से...। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुनर्वास के लिए कृषि व आवासीय भूमि का पट्टा और स्वीकृति पत्र वितरित किया. योगी ने कहा कि 38 वर्षों का आपका इंतजार आज खत्म हुआ.

मौजूद थे दोनों उप मुख्यमंत्री... 

योगी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले ये सरकारों के पास हमेशा जाते थे, लेकिन संवेदनहीन सरकारें कभी इनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेती थीं. मंगलवार को यहां लोकभवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक तथा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की उपस्थिति में वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुनर्वास के लिए कृषि भूमि का पट्टा और स्वीकृति पत्र वितरित किया

सीएम ने कहा हो रही है प्रसन्नता की अनुभूति
इस मौके पर अपने संबोधन में योगी ने कहा कि 38 वर्षों से आपकी जो प्रतीक्षा थी वह आज दूर हुई और इन सभी 63 परिवारों को आज प्रदेश सरकार द्वारा कानपुर देहात जिले के रसूलाबाद में प्रत्येक परिवार को दो-दो एकड़ कृषि भूमि, दो सौ वर्ग मीटर के आवास का पट्टा और मुख्यमंत्री आवास योजना में एक-एक आवास व शौचालय की स्वीकृति प्रदान करते हुए उन्हें प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है. 1970 में ये सभी परिवार आज के बांग्लादेश और उस समय के पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए थे. हस्तिनापुर में एक सूत मिल में इन्हें नौकरी दी गई और ये लगभग 407 परिवार थे.

लगाया विपक्ष पर आरोप.. 
विस्थापितों की जिंदगी की चर्चा करते हुए योगी ने कहा कि 1984 में सूत मिल बंद हो गई और इसके बाद कुछ परिवारों का पुनर्वास अलग-अलग जगहों पर देश में हुआ, लेकिन 65 परिवार ऐसे थे जो 1984 से लेकर अब तक अपने पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे थे. प्रतीक्षा कर रहे परिवारों में बहुत से लोग दिवंगत हो गये और दो परिवार पूरी तरह समाप्त हो गए. पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा कि ये सरकारों के पास हमेशा जाते थे लेकिन संवेदनहीन सरकारें कभी इनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेती थी. उन्होंने सवाल उठाया कि जो गरीबों की बात करते थे, आखिर इन गरीबों की पीड़ा उनके कानों तक क्यों नहीं पहुंच पा रही थी, क्यों नहीं मुसहर जाति के लोगों के लिए उन लोगों ने कोई कार्य किया, वनटांगिया गांवों के लोग अनाथ क्यों बन गये थे.

सीएम ने की राजस्व विभाग की तारीफ
मुख्यमंत्री ने उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हम वनटांगियां के 38 गांवों को राजस्व गांव में बदल दिये और आजादी के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव में उन लोगों ने मतदान किया. आजादी के बाद जिन्हें व्यवस्थित रूप से आगे नहीं बढ़ाया गया, अब सरकार उन्हें व्यवस्थित रूप से आगे बढाकर उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर लेकर जा रही है. अपने प्रयासों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान, बांग्लादेश से आये अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता देने का आदेश पारित किया तो हम लोगों ने उप्र में भी ऐसे लोगों की तलाश शुरू की, तब इन परिवारों का पता चला और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से अडचन आई, लेकिन आज प्रसन्नता है कि राजस्व विभाग ने समयबद्ध तरीके से इन कार्यक्रमों को आगे बढाकर व्यवस्थित ढंग से लागू कर दिया है.

सीएम ने दी लाभार्थी परिवारों को शुभकामनाएं
लाभार्थी परिवारों को शुभकामना देते हुए योगी ने कहा कि आज का ये दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि जिन लोगों को उनके मूल निवास वाले देश में शरण नहीं मिल पाई, उन्हें प्रताड़ित किया गया, उन्हें भारत ने दोनों हाथ फैलाकर न केवल शरण दी बल्कि उनके व्यवस्थित पुनर्वास के कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भारत की मानवता के प्रति सेवा का एक अभूतपूर्व उदाहरण है. उन्होंने कहा कि आज यह 63 पटटे भले 63 परिवारों के लिए हैं लेकिन इससे 400 की आबादी सीधे-सीधे लाभान्वित होने जा रही है.

एक लाख से अधिक परिवारों को मिला है मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ
सीएम ने कहा कि 2017 में जब प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर प्रदेश की जनता ने बीजेपी की लोकप्रिय सरकार बनाई तो उस समय अनेक चुनौतियां थी, तब बहुत से लोग थे जिन्हें आज़ादी का लाभ नहीं मिल पाया था. योगी ने विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि मुसहर, कोल भील, थारू, वनटांगिया इन सभी जातियों की यही स्थिति थी लेकिन सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति ने जिस मजबूती से काम किया, और जो उपलब्धियां मिली, वह सफलता का उदाहरण है. योगी ने बताया कि अब तक एक लाख आठ हजार आवास मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत ऐसे परिवारों को उपलब्ध कराए गए हैं.

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