छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कटघोरा में धर्म परिवर्तन को लेकर हंगामा; ईसाई मिशनरी को भीड़ ने घेर लिया, प्रचार कर रहे 200 लोगों को बंधक बना लिया गया.

Uproar over religious conversion

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कटघोरा में धर्म परिवर्तन को लेकर हंगामा;  ईसाई मिशनरी को भीड़ ने घेर लिया, प्रचार कर रहे 200 लोगों को बंधक बना लिया गया.
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कटघोरा में धर्म परिवर्तन को लेकर हंगामा; ईसाई मिशनरी को भीड़ ने घेर लिया, प्रचार कर रहे 200 लोगों को बंधक बना लिया गया.

NBL, 08/10/2023, Lokeshwer Prasad Verma: Uproar over religious conversion in Katghora of Korba district of Chhattisgarh; The Christian missionary was surrounded by the crowd, 200 people who were preaching were taken hostage. पढ़े विस्तार से... 

Conversion In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच उस वक्त माहौल तनावपूर्ण हो गया, जब यहां भारी भीड़ ने ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखते लगभग 200 लोगों को बंधक बना लिया।

मामला राजनैतिक रंगत भी अख्तियार करता नजर आ रहा है। दरअसल, यहां नाराज जनसमूह के समर्थन में राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कुछ नेता भी उतर आए हैं। तनावपूर्ण माहौल के बीच फिलहाल पुलिस और और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचकर मान-मनौव्वल की कोशिशों में लगे हुए हैं। हालांकि खबर लिखे जाने तक तनाव की स्थिति बरकरार थी।

* भाटा के वार्ड-2 का है मामला, गुस्साई भी बोली-लाउडस्पीकर पर उकसाता है लोगों को ईसाई बनने के लिए.... 

वाकया कोरबा जिले के कटघोरा तहसील मुख्यालय नगर भाटा के वार्ड-2 का है, जहां एक ईसाई मिशनरी के घर पर रविवार को हंगामा खड़ा हो गया। मिली जानकारी के अनुसार ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे लगभग 200 लोगों को वार्ड के बाशिंदों ने बंधक बना लिया। वार्डवासियों का आरोप कि स्थानीयनिवासी बजरंग जायसवाल रोज लाउडस्पीकर बजाकर ईसाई धर्म का प्रचार करता है। दूसरे धर्म के लोगों को ईसाई बन जाने के लिए उकसाता है। हालिया घटनाक्रम के बारे में सूचना पाकर कटघोरा के तहसीलदार, थाना प्रभारी और SDO-P मौके पर पहुंच गए। उधर भारतीय जनता पार्टी के कुछ स्थानीय नेता भी ईसाई मिशनरी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे वार्डवासियों के समर्थन में उतर आए हैं। फिलहाल प्रशासन की तरफ से दोनों पक्षों को समझाने के प्रयास जारी हैं और तनावपूर्ण माहौल बीच सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर यहां पुलिस बल तैनात है।गली में जमा भारी भीड़ और हालात पर काबू पाने की कोशिश में पुलिस टीम।

* पहले भी हो चुकी इस तरह की घटनाएं.... 

उल्लेखनीय है कि यह छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण की घटना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी ऐसा बहुत बार हाे चुका है। कुछ वक्त पहले कोरबा जिले के सिविल लाइन रामपुर थाना अंतर्गत खरमोरा बस्ती में एक घर के सामने हिंदूवादी संगठनों के 50-60 युवाओं प्रदर्शन किया था। इसी तरह की एक घटना शनिवार को बस्तर जिले में भी घटी है, जहां तोकापाल ब्लॉक के राजुर गांव में पंचायत ने धर्मांतरण कर रहे परिवारों पर हैंडपंप और तालाब आदि से पानी लेने पर पाबंदी फरमान जारी कर दिया।

* राज्य में बड़ा मुद्दा है धर्मांतरण... 

हालांकि कोई ठोस आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन पिछले 15 साल से धीरे-धीरे जड़ें फैला धर्मांतरण का मुद्दा छत्तीसगढ़ में बड़ा सियासी मुद्दा है। देश-दुनिया में छत्तीसगढ़ की पहचान बने आदिवासी लोगों मान्यताएं और परंपराएं अब बदल रही हैं। बहुत बार इस मुद्दे को लेकर टकराव की स्थिति पैदा हो जाती है। सियासी लोगों और सामाजिक संस्थाओं के दावों पर गौर करें तो राज्य में धर्मांतरण जमकर हो रहा है, लेकिन सत्ता की तरफ से इससे इनकार भी किया जा रहा है। कुछ दिन पहले सामने आए जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश संयोजक और भाजपा से पूर्व विधायक भोजराज नाग के बयान पर गौर करना जरूरी होगा, जिसमें उन्होंने राज्य की ज्यादातर जगहों पर सरकारी रिकॉर्ड में आदिवासियों के मान्यताएं बदलकर ईसाई की तरह रहने की बात कही थी। एक दावे के मुताबिक बस्तर, नारायणपुर, सुकमा, कांकेर, रायगढ़ जिले के अंदरूनी गांवों में पिछले कुछ बरसों में चर्च बने हैं, वहां स्थानीय आदिवासी ही प्रार्थना करने जाते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि जब सरकारी रिकॉर्ड में धर्मांतरण जैसी कोई बात नहीं है तो फिर चर्च किसके लिए बन रहे हैं।