भूख से परेशान तुर्की ने भारत द्वारा भेजे गए गेहूं को वापस भेजकर एक बार फिर भारत के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है,क्योंकि इस गेहूं में वायरस है.

Turkey, troubled by hunger, has once again expressed its anger

भूख से परेशान तुर्की ने भारत द्वारा भेजे गए गेहूं को वापस भेजकर एक बार फिर भारत के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है,क्योंकि इस गेहूं में वायरस है.
भूख से परेशान तुर्की ने भारत द्वारा भेजे गए गेहूं को वापस भेजकर एक बार फिर भारत के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया है,क्योंकि इस गेहूं में वायरस है.

NBL, 02/06/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Turkey, troubled by hunger, has once again expressed its anger against India by sending back the wheat sent by India, because this wheat contains the virus.

Turkey Rejects India Wheat Consignment: खुद को पाकिस्तान का आयरन ब्रदर कहने वाले तुर्की (Turkey) ने एक बार फिर भारत (India) के खिलाफ अपनी झल्लाहट जाहिर की है, पढ़े विस्तार से... 

अनाज की कमी से परेशान तुर्की की मदद के लिए भारत ने गेहूं से भरा कंसाइनमेंट भेजा था लेकिन उसने इसे लेने से इनकार कर दिया. ऐसा करने के पीछे तुर्की सरकार ने ऐसी अजीब दलील दी, जिस पर सब हैरानी जाहिर कर रहे हैं.

भारतीय गेहूं में मिला है रुबेला वायरस: तुर्की

तुर्की सरकार (Turkey) के कृषि मंत्रालय ने कहा कि भारत की ओर से भेजे गए गेहूं में रुबेला वायरस मिला है. इसलिए भारत की ओर से भेजे 56 हजार 877 मीट्रिक टन गेहूं के कंसाइनमेंट को लेने से इनकार कर दिया गया है. तुर्की के इस इनकार के बाद अब भारतीय जहाज वहां से वापस चल दिया है और जून के मध्य तक गुजरात के कांधला पोर्ट वापस पहुंच जाएगा.

गेहूं के कंसाइनमेंट को उतरवाने से किया इनकार

बताते चलें कि दुनिया में सबसे ज्यादा गेहूं यूक्रेन में पैदा होता है लेकिन रूस के स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन की वजह से वहां पर इस साल गेहूं की सारी फसल बर्बाद हो गई है. जिसका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिल रहा है. दुनियाभर के कई सारे देश यूक्रेन और रूस से गेहूं खरीदते थे लेकिन अब इन देशों को भारत समेत दूसरे देशों की ओर रुख करना पड़ रहा है. गेहूं की कमी का सामना कर रहे देशों में तुर्की (Turkey) भी शामिल है लेकिन उसने अपने देश पहुंची भारतीय गेहूं की खेप को उतरवाने से इनकार कर खुद के पांवों पर कुल्हाड़ी मार ली है.

तुर्की के आग्रह पर भेजा गया था 56 हजार मीट्रिक टन गेहूं

बताते चलें कि दुनियाभर के देशों में अनाज की कमी को देखते हुए भारत में भी गेंहू-चावल के दाम में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई थी. इसे देखते हुए सरकार ने गेहूं के निर्यात पर बैन लगा दिया है. हालांकि मित्र देशों को उनकी जरूरत और आपसी संबंधों के आधार पर गेहूं की बिक्री की जा रही है. तुर्की के साथ भारत के संबंध अच्छे नहीं है लेकिन जब से गेहूं भेजने का आग्रह किया गया तो सरकार के निर्देश पर वहां के लिए भी गेहूं का निर्यात किया गया था. हालांकि पाकिस्तान प्रेम में डूबे तुर्की ने भारत की इस मदद को ठुकराकर अपनी जनता को भूखे रखने का इंतजाम कर लिया.

मोदी सरकार के गेहूं निर्यात पर बैन के फैसले के बाद करीब 12 देशों ने भारत से मदद मांगी है. भारत ने गेहूं निर्यात बैन के बाद मिस्र को 60,000 टन गेहूं भेजा था. रूस, यूक्रेन युद्ध की वजह से बाजार में गेहूं की कमी होने पर भारत संभावित संकटमोचक के तौर पर उभरा है।