देश के सच्चे मुसलमान मस्जिद में जाते हैं, दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हैं और अपनी और अपने देश की सुरक्षा के लिए खुदा से प्रार्थना करते हैं, लेकिन आप श्री राम से दूरी क्यों बनाते हैं?
True Muslims of the country go to the mosque




NBL, 15/01/2024, Lokeshwar Prasad Verma Raipur CG: True Muslims of the country go to the mosque, offer Namaz five times a day and pray to God for the safety of themselves and their country, but why do you keep distance from Shri Ram? पढ़े विस्तार से....
* कब भारत पहुंचा इस्लाम?
इस्लाम भारत में सबसे पहले 7वीं शताब्दी में आया था. जब दक्षिण भारत के मालाबार कोस्ट में अरब पहली बार पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने भारत में बसना शुरू कर दिया, भारतीय महिलाओं से शादी हुई और ऐसे परिवार बढ़ता चला गया. भारत में पहली मस्जिद भी एक अरब व्यापारी ने केरल में बनवाई थी. ये मस्जिद 629एडी में बनी थी, जो इस बात का सबूत है कि मुगल आक्रमण से पहले ही इस्लाम भारत पहुंच चुका था।हालांकि जानकार कहते हैं कि इस्लाम भारत में आक्रमण के जरिए नहीं बल्कि व्यापार के जरिए पहुंचा था. बाद में कुतबुद्दीन ऐबक जैसे कई ऐसे मुगल शासक हुए, जिन्होंने भारत में मुस्लिम साम्राज्य की नींव रखने का काम किया. जिसके बाद भारत में इस्लाम बाकी धर्मों की तरह एक प्रमुख धर्म बनकर उभरने लगा।
भारत में इस्लाम की स्थापना होने के बाद कई मुगल शासक आए और उन्होंने यहां राज किया. भारत में मौजूद कई सल्तनतों पर मुगल बादशाहों का राज हुआ करता था. जिसक इतिहास हमें आज भी किताबों में पढ़ने को मिलता है. इसके साथ-साथ इस्लाम का विस्तार भारत में होता चला गया।
इस तथ्य की जानकारी विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध है कि भारत के कुछ मुस्लिम लोगों के पूर्वज हिन्दू थे। फ्रेंकोइस गोइटर ने अपनी पुस्तक में स्वीकार किया है कि मुस्लिम समुदाय के पूर्वज हिंदू थे और वे श्री राम जी के भक्त थे जिसके कारण लोग उनका सम्मान करने लगे और उन्होंने खुद को एक विशेष व्यक्ति का दर्जा देना शुरू कर दिया और कुछ वर्षों के बाद उन्होंने खुद को ईश्वर। उन्हें मसीहा समझने लगे. इसी तरह के विवरण अन्य स्रोतों से भी उपलब्ध हैं कि वर्तमान दक्षिण पूर्व एशिया की मुस्लिम आबादी के मूल पूर्वज हिंदू थे।
भारत के ज्यादातर मुसलमान सनातनी हिंदू धर्म से विलांग करते हैं, जो बाहरी आक्रान्ता लुटेरा गैंग भारत में आये जो अपने आप को मुस्लिम धर्म के कट्टर मुसलमान बता कर पवित्र कुरान शास्त्रों के रहनुमाई को छुपाकर जो मानव जाति का सच्चे सेवा करने की नीति को बदलकर अन्य धर्मो के लोगो को काफिर समझते थे जो पवित्र कुरान के अनुशासन और मानव से मानव जीवन को अलग थलग कर यह आक्रान्ता लुटेरा भ्रम पैदा कर अपने ईस्लाम धर्म में आने के लिए दबाव डालते थे और दबाव इतना आक्रामक होते थे जो बहुत ही भयावह भयानक होती थी। इस भयावह भयानक स्थित से बचने के लिए हिंदू धर्म के लोग इस्लाम कबूल कर लेते थे और जो लोग इस्लाम कबूल नही करते थे उनके साथ अन्याय करते थे और उनके पूजा पाठ व उनके मंदिरों में तोड़ फोड़ कर देते थे और फिर इन्हें डराकर धमका कर इस्लाम कुबूल कराते थे। इन्ही सब कारणों से भारत में मुस्लिम धर्म की आबादी बढ़ती गयी और इस तरह से मुगल मुस्लिम आक्रांताओ को बल मिलते गया और भारत के बहुत से राज्यों को अपने कब्जा में लेते गए और समय के सनातनी हिंदू धर्म पहला पीढी के बाद से दूसरे पीढी तीसरी पीढ़ियों को ये मालूम नहीं होता था कि हम सनातनी हिंदू धर्म से मुस्लिम धर्म को अपनाएं थे और हम भारत के सच्चे देशभक्त सनातनी हिंदू धर्म के ही है और हमारे देवी देवता श्री राम और श्री कृष्ण प्रभु है और हमारे मुख्य देवी देवता ब्रम्हा, विष्णु, महेश और माँ लक्ष्मी माँ सरस्वती और माँ पार्वती जी है।
केवल इनके ब्रेन में इस्लाम और हम मुसलमान है और हमारे धर्म के सिवा दूसरे धर्म के लोग हमारे लिए काफ़िर है, इनके उपर रहम करना हमारे लिए उचित नहीं है यही इनके कट्टरता इनको भारत के ही अपने भाई बहनों से जुदा होने के लिए बाध्य होना इनके स्वाभाविक गुण बन गया।
जो इस्लाम कुबूल नही किया इन मुगल मुस्लिम आक्रांताओ ने उनको चमार जाति के नीची जाति के श्रेणि में डाल दिया गया जबकि यही जाति के लोग सच्चे सनातनी धर्म व सच्चे देशभक्त थे इस समाज के लोगों को गौ माता की सेवा करना उनके चमड़े से जूता चप्पल और इन गौ माता के मरे हुए लवारिस शव को उठाना पसंद किया लेकिन इन मुगल मुस्लिम आक्रांताओ का इस्लाम कबूल करना स्वीकार नहीं किया इस सच्चाई को भारत के साथ साथ दुनिया के सामने छुपाई गई, इनके भी एक पीढी से दूसरी पीढ़ियों के बाद इन लोग भी भूल गया कि हम भारत के सच्चे सनातनी हिंदू धर्म के सच्चे देशभक्त है जो मुगल मुस्लिम आक्रांता भी नही डिगा पाए इनके धर्म को इन्हें डिगाया तो खुद भारतीय पंडित पुजारी जो इनको नीची जाति के लोग बना दिया इनको उनके ईष्ट देवी देवताओं से जुदा कर इन्हें अपने ही देश में अलग थलग कर इनके साथ दुर्व्यवहार कर इनके देवी देवताओं के मंदीर व इनको शिक्षा प्रणाली से दूर रख कर इनको निम्न जाति के लोग बनाने के लिए मजबूर किया गया था।
जो बाद में बौद्ध धर्म को अपनाकर अपने आप को सुरक्षित किया लेकिन मुस्लिम धर्म को नही अपनाया जिसका राजनीति कर भारत में इनके ही जाति के लोग शोषण करने लगे तो कुछ लोग इनको सही दिशा निर्देश देकर शिक्षा को लेकर बल दिया उसमे से एक बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर जी है जो इनको सही दिशा दी जो आज इनके समाज में सुधार आया और भारत के विकास में सहभागी बने हुए हैं।आज जो अयोध्या जन्म भूमि में नव स्थापित श्री राम मंदीर निर्माण हो रहा है वह भारत के लोगों के साथ पूर्व में जो अन्याय हुआ है, जाति धर्म समाज के नाम पर उनको सही दिशा निर्देश दे रहा है कि आओ मेरे सच्चे सनातनी धर्म के सच्चे देशभक्त आप सभी राममय हो जाओ अब भारत में सभी को समान न्याय मिलेगा क्योकि अब आपके श्रीराम राज्य की स्थापना हो रही है और मेरे भारत के सभी देशवासियों को अब सुखी जीवन जीने की ओर अग्रसर होने की बारी है अब लड़ने मरने झगड़ने की समय अब भारत में नहीं होगा, जो भारत में ऐसा राजनीति करने वाला नेता व देश के मंदीर के पंडित पुजारी व देश के इस्लाम धर्म के मौलवी मौलाना व ईसाई धर्म के पादरी फादर देश को बाँटने की कोशिश करेगा जो अब चलने वाले नहीं है अब सभी भारतीय एक सूत्र में बंधने जा रही है अब इन धूर्त चालाक लोगों की चालाकी अब सभी भारतीय मानव जीवन को उन्मुख व सुखी जीवन जीने के लिए बाध्य है, अब सभी जीवों के साथ साथ मानव मानव धर्म सेवा का निर्माण श्री राम जी की स्थापना के साथ हो रही है, क्योकि हम सभी देशवासियों का मूल धर्म सनातनी धर्म है और हम सभी देशवासियों का मूल में श्री राम रचते बसते है।