TRI ला रहा है नया फीचर: Truecaller जैसे थर्ड-पार्टी ऐप्स की अब कोई जरूरत नहीं होगी और कॉल रिसीव से पहले ही कॉलर की डिटेल्स डिस्प्ले हो जाएगी.

TRI is bringing a new feature: Third-party apps like

TRI ला रहा है नया फीचर: Truecaller जैसे थर्ड-पार्टी ऐप्स की अब कोई जरूरत नहीं होगी और कॉल रिसीव से पहले ही कॉलर की डिटेल्स डिस्प्ले हो जाएगी.
TRI ला रहा है नया फीचर: Truecaller जैसे थर्ड-पार्टी ऐप्स की अब कोई जरूरत नहीं होगी और कॉल रिसीव से पहले ही कॉलर की डिटेल्स डिस्प्ले हो जाएगी.

NBL, 21/05/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. TRI is bringing a new feature: Third-party apps like Truecaller will no longer be needed and the caller's details will be displayed before the call is received.

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई/TRAI) जल्द ही एक नए मैकेनिज्म पर काम करना शुरू करने जा रहा है जो रिसीवर के फोन पर कॉलर का नाम (KYC प्रक्रिया के दौरान रजिस्टर्ड) को डिस्प्ले करेगा, पढ़े विस्तार से... 

जानकारी के लिए बता दें कि इस संबंध में कुछ महीने में चर्चा शुरू किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं, एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दूरसंचार विभाग (DoT) के साथ बात हो रही है।

अब बिना थर्ड-पार्टी ऐप के दिखेगी कॉलर की डिटेल्स

TRAI के चेयरमैन पीडी वाघेला ने बताया है कि हमें इससे संबंधित कुछ संदर्भ मिले हैं और इस पर जल्द ही काम शुरू किया जाने वाला है। इस प्रकार अब अगर ऐसा कोई फीचर पेश किया जाता है, तो Truecaller जैसे थर्ड-पार्टी ऐप्स की अब कोई जरूरत नहीं होगी और कॉल रिसीव से पहले ही कॉलर की डिटेल्स डिस्प्ले हो जाएगी।

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मैकेनिज्म के लिए परामर्श कुछ महीनों में होगा। ट्राई के चेयरमैन पीडी वाघेला ने कहा कि वे जल्द ही इस पर काम करना शुरू कर देंगे और जब कोई कॉल करेगा तो केवाईसी के अनुसार नाम सामने आएगा। जी हाँ, अगर आपने भी ट्रूकॉलर ऐप इंस्टॉल कर रखा है तो कॉल आने पर कॉलर की डिटेल्स आ जाती है, अब वैसे ही बिना ऐप के संभव हो पाएगी।

इंडियन यूजर्स के लिए अलग होगा एक्सपीरियंस

हालांकि कंसल्टेंशन शुरू होने में थोड़ा समय लगेगा, यह भारतीयों के लिए वॉयस कॉलिंग एक्सपीरियंस को और सिक्योर बनाएगा। चूंकि केवाईसी के अनुसार आधिकारिक नाम डिस्प्ले किया जाएगा, यूजर्स को यह पता चल जाएगा कि उन्हें कौन कॉल कर रहा है, भले ही कोई कॉल किसी अज्ञात नंबर से हो।

बता दें कि दूरसंचार ऑपरेटर यूजर्स को सिम कार्ड (Sim Card) जारी करने से पहले केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहते हैं। इस मैकेनिज्म के साथ, अधिक सटीकता और पारदर्शिता को बनाए रखा जा सकता है जिससे मोबाइल फ्रॉड कम होंगे।

वर्तमान में, इस सिस्टम के बारे में बहुत से लोग अज्ञात हैं। ट्रूकॉलर और अन्य जैसे प्लेटफॉर्म नेम आइडेंटिफिकेशन एप्लिकेशन पहले से ही मौजूद हैं।

हालांकि, ट्राई इस नए फीचर के साथ, यदि डिस्प्ले नाम केवाईसी डेटा से निकाला जाएगा, तो इसका मतलब पारदर्शिता का उच्च स्तर होगा। TRAI ने इस मामले पर परामर्श करना अभी तक शुरू नहीं किया है, इसलिए यह सिस्टम आखिरकार कैसे काम करेगा, इस बारे में अभी तक कुछ बताया नहीं जा सकता।