देश में अमन की बात नही कुछ राजनितिक नेता धर्म की आड़ लेकर अधर्म की ओर देश के लोगों को धकेल रही है.
There is no talk of peace in the country, some political leaders are pushing the people of the country towards unrighteousness under the guise of religion.




NBL, 15/04/2022, Lokeshwer Prasad Verma,.There is no talk of peace in the country, some political leaders are pushing the people of the country towards unrighteousness under the guise of religion.
देश में अमन की बात नही कुछ राजनितिक नेता धर्म की आड़ लेकर अधर्म की ओर देश के लोगों को धकेल रही है, पढ़े विस्तार से..।
आजादी के पहले अंग्रेजों ने भारत देश मे अपनी राज कायम रखने के लिए एक नीति अपनाई वह है, फूट डालो और राज करो की नीति बस यही नीति राजनितिक नेताओ ने लागू कर रखें हुए है सदियों से धर्म से धर्म को लड़ाकर और जाति से जाति को लडाकार ये हिन्दू धर्म जाति की है ये मुस्लिम जाति धर्म की है। ये उच्च या निच जाति से है या धर्म से है।
भारत देश राज्यो के जिस क्षेत्र गाँव व शहर में जिस धर्म जाति के लोग ज्यादे आबादी मे रहते हैं, वहां के कम आबादी वाले जाति धर्म के लोग अपने आप मे असुरक्षित महसूस करते हैं, चाहे वह हिन्दू धर्म समाज के लोग हो या मुस्लिम धर्म समाज के लोग हो। और इसमे भी उच्च व निच हिन्दू व मुस्लिम धर्म के समाज ये दोनों मे है और हिन्दू हिन्दू के अंदर लड़ाई झगड़े वैसे मुस्लिम धर्म समाज मे भी है, कोई न कोई कमजोरी है।
देश मे कभी दलित समाज की शोषण कभी दलित समाज द्वारा ब्राम्हण समाज की अवहेलना कभी OBC, ST, SC लोगों की स्वर्ण सामान्य समाज के द्वारा अवहेलना ये है देश की रीति व नीति, चाहे वह हिन्दू धर्म समाज की बात हो या मुस्लिम धर्म समाज की बात पर हो या देश के अन्य धर्म समाज के लोगों के द्वारा हो आपत्ति व विपत्ती आते ही रहते हैं।
भारत देश लोकतांत्रिक देश है, और यहाँ देश के लोगों के द्वारा चुनाव किया जाता है और लोग अपने मताधिकार के मत के अनुसार अपने देश मे नेता व मंत्री बनाते है, जिसमे विधायक व सांसद का निर्माण कर मुख्यमंत्री व प्रधानमन्त्री बनता है, देश व राज्यो में और यही सिलसिले ग्रामीन व शहरी क्षेत्रों में भी मत के अधिकार से बनते है और पूरे देश को मजबुत बंधन से लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर बंध जाते है। छोटे व बड़े पदों की निर्माण यही लोकतांत्रिक मतों से बनता है।
और इसी लोकतांत्रिक मतों की शक्ति से सरकार बनती है और यही सरकार सरकारी तंत्र को हैंडल करती है, और इन्ही सरकारी तंत्रों से नेताओ को रुतबा व शौहरत या दौलत भी मिलती है। इन्ही की भूख इन नेताओ की सबसे बड़ी भूख है, इन्ही को पाने के लिए नाना प्रकार के छल द्वेश दंभ पाखण्ड करते व रचते रहते हैं। और इन सबको पाने की मूल आधार है देश के लोकतंत्र का साथ होना।
भारत देश की जिस जाति धर्म के लोगों की आबादी जिस क्षेत्र मे ज्यादे है उन्हीं के अनुसार ये राजनितिक नेताओ की रीति व नीति बनती है। और यही इनकी रीति व नीति अंग्रेजों के नीति से भी खतरनाक होते है, इन नेताओ की राजनिति समझना बेहद ही कठिन हो जाते हैं, क्योकी इन लोगों की दो पाले होते है एक उनके अपने लोग व उनके विपक्ष के लोग हो लेकिन दोनों पक्षों में लोग होते है जो इन राजनिति को कंधे देते है मेरे पार्टी दल अच्छी है मेरे नेता अच्छा है करके यही इन नेताओ की सबसे बड़ी बात है, जो देश के लोग उलझे हुए है। अब ये नेता धर्म के नाम पर उलझा दे या पूर्व के भ्रष्टाचार व घोटाले के नाम पर या मुफ्त मे देने के नाम पर हो या आगे पीछे कुछ किया है देश के लोगों के लिए उनके नाम पर हो लेकिन कोई न कोई मुद्दे से ये चुनाव मे जीत हासील करना चाहते हैं। क्योकी इनको अपनी भूख मिटानी है कैसे भी करके सत्ता हाशिल करना है।
देश मे पूर्ण रूप से अमन चैन व शांति पैदा करने वाले शुद्ध अन्तःकरण से कोई राजनितिक नेता आज देश मे मौजुद नही है जो देश के सर्व धर्म को जोड़कर चल सके और देश मे एक ही धर्म पैदा कर सके राष्ट्र धर्म, और जो राष्ट्र धर्म पैदा करेगे उसी दिन भारत देश विश्व गुरु बनेगा मानव मात्र एक समान की भावना से। जो आजादी दिलाई इस भारत देश को अपने बलिदान देकर उनके सपनों की साकार भारत अभी नही बना है, स्वच्छ सुंदर व शांति प्रिय भारत जो देश के अंदर के लोगों का दुश्मन मत बनो बनो दुश्मन उनके जो देश का दुश्मन हो, राष्ट्रद्रोहियो के लिए बनो दुश्मन चाहे वह किसी भी धर्म के मानने वाले लोग हो।