पत्रकारीता का कोई ठोस प्रमाण नही है सदियों से, जो देश हित मे देश के लोगों को जगाया अपनी कलम से वही सबसे बड़े पत्रकार है।

There is no concrete proof of journalism since centuries, the one who awakened the people of the country in the interest of the country, is the biggest journalist with his pen.

पत्रकारीता का कोई ठोस प्रमाण नही है सदियों से, जो देश हित मे देश के लोगों को जगाया अपनी कलम से वही सबसे बड़े पत्रकार है।

 NBL, 14/03/2022, Lokeshwer Prasad Verma,.. रायपुर CG. ; आज पूरे विश्व में पत्रकारो की एक बड़ी आबादी व समुह है, जो हर पल हर वक्त देश दुनिया की खबरे दिखाकर व लिखकर लोगों को परोसते है, पढ़े आगे विस्तार से..। 

पत्रकारीता आजकल का नही है, बल्कि सदियों पुरानी है सदियों से पत्रकारीता अपनी पकड़ बनाकर चल रहे हैं और आज नये रूप मे तेजी से आगे बढ़ रही है, नये- नये टेकनलाजी के साथ और यही पत्रकारिता देश के लोगों मे जोश पैदा करने के लिए एक अहमभूमिका निभाई जब देश गुलाम थे अंग्रेजो के तब यही पत्रकारीता लोगों के बीच देश प्रेम व देश हित जागरण के नाम अपने कलम से बुद्धिजीवी व पढ़े लिखे पत्रकार अपने जीवन को दांव पर लगाकर अंग्रेजो के खिलाफ आवाज उठाने वालो मे से एक था जो अपने कलम से लिखकर इन अंग्रेजो के निंद के चैन लुट लिए थे। 

आज यही पत्रकारीता देश के संविधान मे चौथे स्थान प्राप्त है, और अपने गौरवशाली लेख व समाचार के माध्यम से आजकी लोकतंत्र में बैठे सरकार को जगाती रहती है और देश के लोगों के मन मे चल रही सवालों को उनके पास रखते व उनसे सवाल उठाकर जवाब तलब करते है, और उनके अच्छी छवि व कारनामे को देश के लोगों के सामने रखते है, जो देश के लोगों की अनेक प्रकार की जरूरते है व उनके परेशानियो को यही पत्रकार देश के सरकार के सामने रखते है, और उनके विकास की रिपोर्ट को भी देश के लोगों के सामने लाते हैं। 

आज पत्रकारीता की पढ़ाई के लिए नये- नये कालेजो व विश्वविद्यालय का निर्माण देश मे स्थापित है, प्राईवेट व सरकारी जो आज के नये टेकनोलाजी को सिखाते है, और इस पत्रकारीता को कैसे सुंदर व व्यवस्था के साथ लोगों के सामने आकर्षण पैदा करने मे यह कालेज अपनी विद्यारथी को सिखाते व बताते है। इसके बावजूद ठोस प्रमाण नही इस देश मे क्योकी पत्रकारीता की पढ़ाई अब बीजनेस का रूप धारण कर रही है, इसलिए कुछ वर्षों के बाद इसका छवि धूमिल हो सकता है। जबकि सच्चा देश भक्त लोगों को डिग्री की जरूरत नही देश हित देश भक्त के ऊपर आवाज उठाने की जरूरत है की देश को कैसे मजबुत बनाए।

बल्कि डिग्री लेकर अपने डिग्री की दुरुपयोग कर उनको बेचा जा रहा है, जो क, ख, ग व A B C का सही ज्ञान नही है वह भी प्रेस कार्ड लेकर घूम रहे हैं, जो आजतक एक न्युज नही बनाए व भी अपने गले मे लटका कर घूम रहे हैं, और पुलिस से लेकर सरकारी दफ्तर मे भी दस्तक दिया जाता है, और कही कही तो वसूली भी कर रहे है हम प्रेस वाले है करके, प्रेस व पत्रकारीता का नाम इस देश के लोगों के बीच खराब करने मे लगा हुआ है, और इसका कारन है प्रेस कार्ड को बेचना व नासमझ के हाथ मे आना जिसको प्रेस की सही परिभाशा मालूम नहीं। जबकि पहले जमाने में पत्रकारीता बुराई के ऊपर आवाज उठाने का मुख्य जरिया होती थी। कोई डिग्री धारी लोग नही होता था वह एक साधारण सा पढ़े लिखे व्यक्ति होते थे, जो रिस्क लेकर चल रहा था और देश हित मे लोगों को जगाते रहते थे बल्कि व्यवसाय नही करते थे, जो आज हो रही हैं। 

देश के लोकतंत्र में देश की नेताओ मे से बहुत से नेता पढ़े लिखे नही है, और कई देश व राज्य के उच्च पदो पर मंत्री बनकर बैठे हुए हैं, और अच्छी तरह से निभा रहे हैं, अपनी नेतागिरी और लोग उनके कार्यो से खुश है, वैसी कम पढ़े लिखे देश के कोई भी व्यक्ति अपने कलम से देश हित मे लिख रहे है, वही सबसे बड़े पत्रकार है। जिसके गवाह है, शहिद भगत सिह और बहुत से देश के वीर सपूत जो कलम को ही अपने हथियार समझते थे।