सुकमा पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों ने सूझबूझ के साथ गर्भवती महिला की जान बचाने में निभाई अहम भूमिका...




सुकमा जिले के कोंटा विकास खंड के अतिसंवेदनशील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम एलमागुंडा के ग्रामीणों ने मिनपा कैंप में पहुंच कर अधिकारियो को जानकारी दी की एक महिला दो दिन से प्रसव पीड़ा में है और उसको अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस चाहिए।
*गर्भवती महिला को चार पाई पर ले कर कैंप तक पहुंचे ग्रामीण*
ग्रामीणों ने ये भी बताया कि बाकी लोग उस महिला को चारपाई पर डालकर ला रहे हैं और वो दस-पंद्रह मिनट में पहुंचने वाले ही हैं। जैसे ही इस बात की जानकारी मिनपा कैंप में तैनात सीआरपीएफ बटालियन के अधिकारीयों को ये पता चला तो तुरन्त इसकी सूचना कैम्प में मौजूद श्री विक्रम सिंह द्वितीय कमान अधिकारी 131 बटालियन केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल को दिया और श्री ऋषभ शर्मा कमान अधिकारी C/150 बटालियन व श्री दिनेश पाल सिंह कमान अधिकारी F/131 बटालियन को साथ लेकर गेट पर पहुंचा।
वहां जाकर पूरे मामले की जानकारी लेकर तुरन्त 102 व 108 पर एम्बुलेंस मंगवाने की कोशिश की मगर सरकारी औपचारिकताओं व सम्भवतः एम्बुलेंस अनुपलब्धता के कारण सफलता नहीं मिली। इसके बाद ब्लॉक चिकित्साधिकारी से भी बात किया मगर उनका नम्बर व्यस्त आ रहा था। इसके बाद तुरन्त ही मैंने थाना इंचार्ज चिंतागुफा थाना प्रभारी मनीष मिश्रा को फोन किया। उन्होंने भी अपने स्तर पर प्रयास किया और लगभग सवा ग्यारह बजे एम्बुलेंस भिजवाने का आश्वासन दिया। महिला को भी वो लोग चारपाई पर डालकर वो लोग लगभग ग्यारह बजे कैम्प में पहुंच चुके थे। इसी बीच 241 बस्तरिया बटालियन व 150 बटालियन के जवानों ने गर्भवती महिला व गांव वालों के लिए खाने पीने का भी उचित इंतजाम कर दिया गया। बाद में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने भी कॉल बैक कर जल्दी से जल्दी एम्बुलेंस भिजवाने का वादा किया।
इस प्रकार सभी के सम्मिलित प्रयासों से लगभग साढ़े बारह बजे एम्बुलेंस पहुंच चुकी थी और प्रसव पीड़ा से पीड़ित को उचित उपचार के लिए भिजवाया जा सका। महिला के परिवार को त्वरित आर्थिक मदद का प्रस्ताव भी दिया गया। परन्तु उन्होंने बताया कि उनके पास पर्याप्त रुपये हैं। फिर भी मैन अपनी तरफ से पांच सौ रुपये मदद स्वरूप दिये। आशा है पीड़ित महिला सकुशल अस्पताल पहुंच गई होगी।