लखनपुर में मुस्लिम समाज द्वारा धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ईद का पर्व।




लखनपुर सितेश सिरदार:–नगर पंचायत लखनपुर अंजुमन गौसिया कमेटी के मुस्लिम समाज के द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ईद का पर्व मुसलमान हर साल ईद का धार्मिक त्यौहार मनाते हैं यह दिन रमजान के अंत का प्रतीक है पैगंबर मोहम्मद ने मक्का में सबसे पहले इस परंपरा की शुरुआत की थी ऐसा माना जाता है कि पैगंबर मोहम्मद उसी दिन मदीना पहुंचे थे ईद के दौरान लोग अपनी आत्मा को ऊंचा उठाते हैं और बहुत आनंद लेते हैं वह एक महीना से पहले ईद की तैयारी शुरू कर देते हैं रमजान की शुरुआत में उत्साह शुरू होता है महिलाएं अपने कपड़े चूड़ियां सामान पहले से तैयार करना शुरू कर देती हैं दूसरी और पुरुष अपने पारंपरिक कुर्ता और पैजामा की तैयारी करते हैं जब लोग ईद के लिए चांद को देखते हैं तो वह सभी को चांद मुबारक की मुबारकबाद देते हैं क्योंकि यह ईद के दिन की पुष्टि करता है महिलाएं और लड़कियां अपने हाथों में मेहंदी भी खूबसूरती से लगाते हैं इसी तरह घरों को भी सजाया जाता है ईद से पहले मुसलमान उपवास करते हैं दान देते हैं प्रार्थना करते हैं नमाज पढ़ते हैं और एक दूसरे से गले मिलकर भाईचारे का पैगाम देते हैं रमजान के पवित्र महीने के दौरान अन्य अच्छे काम करते हैं इस प्रकार ईद के दिन हर कोई अपने दिन का आनंद लेता है सिरनी के रूप में मीठी सेवई तैयार करने के लिए एक अनुष्ठान है यह दो अलग अलग तरीके से तैयार किया जाता है और पूरी दुनिया भर में प्रसिद्ध है इसी तरह अन्य व्यंजनों जैसे कबाब बिरयानी कोरमा और अधिक तैयार किए जाते हैं यह मेहमानों के लिए आनंद लेने और उनके निकट प्रिय जनों के साथ हार्दिक भोजन करने के लिए होता है दुनियाभर के मुसलमान ईद उल फितर के त्यौहार के लिए बड़ी तैयारी करते हैं सभी मुसलमान नए कपड़े खरीदते हैं जब अमावस्या को 30 दिनों के उपवास के बाद देखा जाता है तो अगले दिन ही घोषित की जाती है सभी बेहद खुश नजर आए इस दिन वह सुबह सुबह जल्दी उठते हैं अपने स्नान कर सबसे पहले अच्छे कपड़े पहनते हैं और इत्र भी लगाते हैं ईद की नमाज ईदगाह में वह मस्जिदों में की जाती है नमाज के मुसलमान अपने रिश्तेदार और दोस्तों से मिलने जाते हैं ईद पर बच्चों और रिश्तेदारों को उपहार भी दिए जाते हैं मुसलमानों के लिए ईद उल फितर का त्योहार अल्लाह का आभार व्यक्त करने और उसे याद करने का अवसर है जामा मस्जिद के इमाम के द्वारा ईद की नमाज पढ़ाई गई वह एक दूसरे को गले मिलकर ईद की बधाई व मुबारकबाद दिया गया तथा देश में अमन चैन व शांति के लिए दुआ भी की गई।