पुरातत्व पर्यटन स्थल महेशपुर में 10 दिवसीय 21 कुंडीय गणेश महायज्ञ 1 दिसंबर को पूर्णाहुति के साथ हुआ समापन।




पुरातत्व पर्यटन स्थल महेशपुर में 10 दिवसीय 21 कुंडीय गणेश महायज्ञ 1 दिसंबर को पूर्णाहुति के साथ हुआ समापन।
श्री श्री 108 दस दिवसीय 21 कुंडीय श्रीगणेश महायज्ञ देशभर से पहुंचे थे साधु संत और श्रद्धालु
नया भारत/सरगुजा/सितेश सिरदार:–सरगुजा जिले के पुरातत्व पर्यटन स्थल महेशपुर में 10 दिवसीय 21 कुंडीय गणेश महायज्ञ का भव्य आयोजन किय गया था, इसमें पूरे देश के साधु-संतों का आगमन हुआ था। तथा कई मंत्री नेता सहित छत्तीसगढ़ के कई जगहों से आए स्थानीय श्रद्धालु भक्त लोग बड़ी संख्या में रहे । ऐसा मनमोहक दृश्य दिखाई दे रहा था, मानो कोई मेला हो रहा हो, 21 कुंड यज्ञ स्थल के चारों ओर श्रद्धालु लोग एकजुट होकर चक्कर लगा रहे थे, और भक्त धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेकर पुण्य लाभ अर्जित किए।
इसके साथ ही महेशपुर आयोजन स्थल पर लगातार कथा का आयोजन किया गया था। मालूम हो कि पुरातत्व महेशपुर में कई दिनों से तपस्या कर रहे महाराष्ट्र से आए संत रामदास जी महाराज के नेतृत्व में यहां गणेश महायज्ञ का आयोजन किया गया था इसका शुभारंभ 22 नवंबर दिन सोमवार को कलश यात्रा के साथ हुआ। 10 दिवसीय इस महायज्ञ में शामिल होने दूर-दूर से भक्त सहित कई मंत्री नेता पहुंचे थे। इसके साथ ही पूरे देश के संतों को इस महायज्ञ में शामिल होने का आमंत्रण भेजा गया था।
कलश यात्रा के अवसर पर पहुंचे नागा साधुओं ने एक से बढ़कर एक करतब का प्रदर्शन किया। वहीं विभिन्न साधु-संत पहुंचकर प्रवचन किए। काशी पीठाधीश्वर जगदगुरु कमलदास वेदांती महाराज भी महायज्ञ में शामिल होने पहुंचे, जहां उन्होंने धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेते हुए कथा का श्रवण कराया। इसके साथ ही अयोध्या से महामंडलेश्वर अमरदास जी महाराज भी पधारे हुए थे। वह भी यज्ञ में शामिल हुए और प्रवचन के दौरान यज्ञ की महिमा का बखान किया। पूर्णाहुति 1 दिसंबर दिन बुधवार को कांशी के शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती जी ने भी ग्राम महेशपुर में पहुंचकर प्रवचन दिए तथा पुरातत्व की महत्व चीजों का किया अवलोकन। स्वयंभू शिवलिंग वह संग्रहालय भी दर्शन उन्होंने किया।
महायज्ञ में शामिल होने आसपास के ग्रामीण ही नहीं, जिले व अन्य प्रदेशों से भी लोग पहुंचे। इस दौरान यज्ञ स्थल की परिक्रमा सहित प्रवचनों को सुनकर धर्म लाभ लिए। यज्ञ में जूना अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, दिगंबर अखाड़ा, आनंद अखाड़ा आवाहन अखाड़ा के साधु-संत सहित और अखाड़ों के भी साधु–संत पधारे थे।
सरगुजा में पहली बार इतना बड़ा क्षेत्र में आयोजन
सुबह 8 बजे से यज्ञ शुरू होकर शाम 5 बजे तक आयोजित किया जा रहा था। इसमें शामिल होने बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण व अन्य क्षेत्रों के लोग पहुंचे थे। कई दिनों तक शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक बाल विदुषी विजया द्वारा एवम कई जगतगुरु के द्वारा कथा का वर्णन किया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि इतने विशाल महायज्ञ का सरगुजा जिले में पहली बार आयोजन किया गया था।
छत्तीसगढ़ के नेताओं सहित मंत्रियों ने लिया साधु-संत का आशीर्वाद
गणेश महायज्ञ में साधु-संतों का आशीर्वाद लेने मंत्री और जनप्रतिनिधि भी पहुंचे थे, (संत गहिरा गुरु) सामरी विधायक व संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने यज्ञ स्थल पहुंचकर संतों का आशीर्वाद लिया, वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव यज्ञ स्थल पहुंच दर्शन किए। इसके साथ ही अन्य जनप्रतिनिधि भी गणेश महायज्ञ स्थल में पहुंचकर आशीर्वाद के साथ पूजा पाठ किए।
सवा 22 क्विंटल हवन सामग्री से पूर्णाहुति
२१ कुंडीय यज्ञ मंडप के चारों दिशाओं में ऋग्वेद ,यजुर्वेद, सामवेद ,अथर्ववेद पटल के साथ ७ (7) झंडे लगाए गए थे। जो कई किलोमीटर दूर तक दिखाई पड़ रही थी। यज्ञ में कई हजार श्रद्धालु भक्त शामिल हुए। बुधवार 1 दिसंबर पूर्णाहूति के दिन यज्ञ मंडप में 500 जजमान, 83 पंडित,8 ठाकुर, की ओर से सवा 22 क्विंटल हवन सामग्री के साथ पूर्णाहुति दी गई। इसके बाद भंडारे का आयोजन किया गया था।