सुकमा पूर्व छात्रों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर जताया विरोध..शासकीय माध्यमिक विद्यालय सुकमा यथावत रखने की मांग की




सुकमा -शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा को स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में परिवर्तित किए जाने के विरोध करते हुए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा । इस दौरान मनोज देव , आदित्य पाण्डे , पोडियामी भीमा , बिचेंम पोंदी , रामा सोडी , कृष्णाप्रकाश सिंह , शिवप्रकाश सिंह , योगेंद्र सिंह राठौर , हुकमीचंद जैन , अनूप ध्रुव , हड़मा राम , गौतम जैन , देवीचंद चांडक सहित पूर्व छात्रों ने ज्ञापन सौंपा । पूर्व विधायक व आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग महानदी भवन अटल नगर नवा रायपुर के पत्र क्रमांक एफ -23 / 06 / 2020 / 20 3 / दिनांक 23-03-2022 को पत्र जारी है । इस पत्र के द्वारा प्रदेश के 32 विद्यालयों को स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में परिवर्तित करने का आदेश पारित किया गया है , जिसमें सुकमा जिला मुख्यालय के शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जिसे सुकमा जिले के प्रथम शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा होने का गौरव प्राप्त है । सुकमा जिले के अनेकों सफल बुध्दिजीवियों , व्यवसायियों सेवानिवृत शासकीय सेवकों , राजनीतिक व्यक्तियों ने इसी विद्यालय से शिक्षा ग्रहण की है एवं इस विद्यालय से सभी पूर्व छात्रों का बहुत पुराना एवं आत्मीय रिश्ता रहा है । जिसके चलते यह विद्यालय सुकमा जिला वासियों की शैक्षणिक एवं जनआस्था का मुख्य केंद्र है । उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में अध्ययन कर चुके सभी पूर्व छात्र एवं वर्तमान अध्ययनरत छात्र विद्यालय के वर्तमान स्वरूप से पूणर्त : संतुष्ट हैं । हम सभी इस विद्यालय के मूल स्वरूप परिवर्तन का पूर्णतः में किसी भी तरह के विरोध करते हैं । छात्रों के लिए सीमित सीट से बढ़ेगी समस्या : पूर्व छात्रों ने कहा शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा जो कि पूर्व से हिंदी माध्यम का विद्यालय रहा है । उसे आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी विद्यालय के रूप में परिवर्तित किया जाना कदापि उचित नहीं है । हिंदी भाषा हमारे देश की राष्ट्रीय भाषा है और हिंदी भाषा के अस्तित्व को बचाए रखना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है । हमारे देश के सर्वोच्च न्यायालय एवं अनेकों उच्च न्यायालय में हिंदी भाषा में कार्य करने हेतु बल दिया जा रहा है । इस दृष्टिकोण से शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा का वर्तमान स्वरूप सर्वमान्य है । प्रशासनिक सूत्रों द्वारा ज्ञात हुआ है कि आत्मानंद हिंदी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में परिवर्तित होने के फलस्वरूप उपरोक्त विद्यालयों का संचालन निजी समितियों को सौंपने की तैयारी की जा रही है एवं साथ ही साथ प्रति कक्षा में छात्रों की संख्या भी सीमित की जाने करने हेतु अन्यत्र जाना होगा । जिससे उन्हें काफी मानसिक एवं आर्थिक नुकसान होने की पूर्णत : संभावना रहेगी । स्कूल को परिवर्तन के आदेश को तत्काल करें निरस्तः पूर्व छात्रों ने कहा शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा के वर्तमान स्वरूप में किसी भी प्रकार का परिवर्तन न किया करें । शासन यदि पृथक रूप से नवीन आत्मानंद हिंदी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय की स्थापना करती है तो हमें किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है । किंतु शासन के द्वारा यदि शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुकमा के मूल स्वरूप में परिवर्तन किया जाता है तो जिले के समस्त बुध्दिजीवियों , सामाजिक संगठनों एवं पूर्व छात्रों के द्वारा शासन के निर्णय का पुरजोर विरोध किया जाएगा । निकट भविष्य में शासन के इस निर्णय के विरूद्ध में आंदोलन करने हेतु बाध्य होंगे । सुकमा जिला वासियों की जनभावनाओं एवं शैक्षणिक जनआस्था को ध्यान में रखते हुए उपरोक्त विद्यालय के परिवर्तन के आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग करते है ।
छात्रों के द्वारा शासन के निर्णय का पुरजोर विरोध किया जाएगा । निकट भविष्य में शासन के इस निर्णय के विरूद्व में आंदोलन करने हेतु बाध्य होंगे । सुकमा जिला वासियों की जनभावनाओं एवं शैक्षणिक जनआस्था को ध्यान में रखते हुए को तत्काल निरस्त करने की मांग करते उपरोक्त विद्यालय के परिवर्तन के आदेश है ।