Son's right to property : माता पिता की सम्पत्ति में बेटे के अधिकार को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा निर्णय...
Son's right to property: High Court's big decision regarding the son's right to his parents' property... Son's right to property : माता पिता की सम्पत्ति में बेटे के अधिकार को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा निर्णय...




Son's right to property :
नया भारत डेस्क : हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि माता-पिता की संपत्ति पर जबरन कब्जा करने वाले बेटे को वरिष्ठ नागरिक संरक्षण कानून के अनुसार बेदखल नहीं किया जा सकता लेकिन वह जबरन कब्जे के तहत उस संपत्ति का मासिक किराया एवं मासिक भरण-पोषण देने के लिए उत्तरदायी है। मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने अपील याचिका को निष्पादित करते हुए यह फैसला सुनाया। (Son's right to property)
पटना हाईकोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि माता-पिता की संपत्ति पर जबरन कब्जा करने वाले बेटे को वरिष्ठ नागरिक संरक्षण कानून के अनुसार बेदखल नहीं किया जा सकता है, लेकिन वह जबरन कब्जे के तहत उस संपत्ति का मासिक किराया एवं मासिक भरण-पोषण देने के लिए उत्तरदायी है। (Son's right to property)
हाईकोर्ट ने वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत बेदखली के लिए पहले से पारित ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द कर करते हुए मामले को जिला मजिस्ट्रेट, पटना के समक्ष भेज दिया, जिन्हें बेटे के कब्जे वाले तीन कमरों के उचित किराए के निर्धारण पर जांच करने का निर्देश दिया गया था।
हाईकोर्ट ने पीड़ित माता-पिता को संबंधित संपत्ति से कब्जेदारों की बेदखली सुनिश्चित करने के लिए सक्षम अदालत के समक्ष जाने की स्वतंत्रता दी। (Son's right to property)
ये है पूरा मामला
73 वर्षीय आरपी राय ने दावा किया था कि कंकड़बाग, पटना स्थित गेस्ट हाउस उनकी स्व-अर्जित संपत्ति है, जिसे बिहार राज्य आवास बोर्ड, पटना द्वारा उनके पक्ष में दिनांक 20.07.1992 के स्थायी पट्टे द्वारा आवंटित किया गया है।
पहले उनके पुत्र एवं पुत्रवधू ने अपने एकमात्र निवास के लिए एक कमरे का अनुरोध किया, जिसकी अनुमति दे दी गई। उसके बाद पुत्र अपनी पत्नी और बच्चे के साथ वहां चला गया। विशेष विवाद यह भी है कि उन्होंने गेस्ट हाउस के कमरा सं. 209 और बाद में दो और कमरों के ताले तोड़ दिए और वहां अवैध रूप से रह रहे हैं। (Son's right to property)