CG:मानव का समस्त प्रयास निरंतर सुख के लिए समर्पित - डॉ. संकेत ठाकुर....बेमेतरा समाधान महाविद्यालय में छह दिवसीय चेतना विकास मूल्य शिक्षा कार्यशाला संपन्न...मानव जीवन और शिक्षा के सार्वभौम लक्ष्य से परिचित हुए विद्यार्थी और प्राध्यापक*




संजू जैन:7000885784
बेमेतरा:समाधान महाविद्यालय बेमेतरा एवं समाधान प्रा. आई टी आई आयोजित छह दिवसीय चेतना विकास मूल्य शिक्षा युवा कार्यशाला का आज 24 अप्रैल को समापन हुआ। इस कार्यशाला में मानवीय शिक्षा शोध संस्थान, अभ्युदय संस्थान अछोटी से प्रबोधक कृषि वैज्ञानिक डॉ. संकेत ठाकुर थे। जिन्होंने इस छह दिनों में 150 से अधिक प्रतिभागियों को शिक्षा व मानव जीवन के सार्वभौम लक्ष्य से अवगत कराए और बताये कि व्यक्ति में समाधान, परिवार में समृद्धि, समाज में अभय व प्रकृति एवं चारों अवस्थाओं में संतुलन करने हेतु प्रत्येक मानव को सक्षम बनाना ही शिक्षा का प्रयोजन है। इस कार्यशाला में मानव मानव संबंध, मानव प्रकृति संबंध की विस्तृत व्याख्या की गई और धरती के समस्त मानव का समस्त प्रयास केवल और केवल निरंतर सुख के लिए समर्पित है यह बताया गया। मध्यस्थ दर्शन सह अस्तित्ववाद प्रणेता श्रद्धेय ए नागराज आधारित चेतना विकास मूल्य शिक्षा एक यात्रा है मानने से जानने की ओर, भय,प्रलोभन, आस्था से विश्वास की ओर, समस्या से समाधान की ओर। आज समापन सत्र में विद्यार्थियों ने अपने मूल्यांकन में बताया कि उनका ध्यान अपने विचारों, व्यवहारों और कार्यों पर गया है। मानव और शिक्षा के सार्वभौम लक्ष्य पर ध्यान गया। अब केवल मानना नहीं है अपितु निरीक्षण, परीक्षण और सर्वेक्षण द्वारा जांचकर जानने का प्रयास करना है। कार्यक्रम के उद्देश्य पर समाधान महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. अवधेश पटेल ने प्रकाश डाला और अपने संबोधन में कहा कि हम सबके लिए यह सौभाग्य है का विषय है की मध्यस्थ दर्शन आधारित युवा कार्यशाला के माध्यम से सही समझ व जीवन जीने की कला का ज्ञान आप सभी को मिला। इसके पश्चात महाविद्यालय के डायरेक्टर श्री अविनाश तिवारी जी ने अपने संबोधन में श्रद्धेय बाबा ए नागराज के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि अपने नाम के अनुरूप काम करना है सुख की निरंतरता बनी रहे और जीवन की हर समस्या का समाधान मिलती रहे सीखना निरंतर हैं। हमे जीवन में हमेसा छात्र के रुप मे स्वीकार करना चाहिए और सीखना चाहिए। इस कार्यशाला के माध्यम से स्वयं अपने आत्म अवलोकन आप करेंगे तब आपके जीवन में काफी परिवर्तन दिखाई पड़ेगा इसके पश्चात कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती शुभ्रा ठाकुर जी ने मध्यस्थ दर्शन को जीवन का आधार बताया और बोली हमें हमेशा समझ कर ही कार्य करना चाहिए तभी हमारा समझ व्यवहार के रूप में झलक कर सामने आएगी।जीवन में उतार चढ़ाव तो आते ही रहती हैं अगर हम पूरी समझदारी से निर्णय लेते है तो समस्या आयेगी ही नही।महाविद्यालय के डायरेक्टर अलका तिवारी जी ने अपने संबोधन में कहा कि ये कार्यशाला जीवन का निर्णायक मोड़ के रूप मे है मनुष्य की चाहत सुख है। हमें प्रकृति के लिए पूरक होनी चाहिए। कार्यशाला के प्रबोधक डॉ संकेत ठाकुर जी ने बतलाया की समाधान महाविद्यालय महाविद्यालय वह स्थान है, जहां हमें कैसे जीवन जीना है, इसके लिए चेतना विकास मूल्य शिक्षा की सूचना दी जाती है। समाधान महाविद्यालय का नाम इतिहास में रहेगा। आने वाला समय भारत की है और कहा कि हम केवल माध्यम है, लक्ष्य तक पहुँचना है। आने वाली नई शिक्षा नीति 4 वर्षीय बी. एड. में चेतना विकास मूल्य शिक्षा का समावेश होना चाहिए। तत्पश्चात प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरण किया गया। महाविद्यालय संचालक ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आप सभी अच्छा कार्य करते हुए सफल व्यक्ति बनिए इसके लिए आप सभी को शुभकामना इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर पी एल यादव सर, एडमिन उमेश राजपूत, चेतना विकास मूल्य शिक्षा प्रभारी स्वीटी मलिक एवं समस्त सहायक प्राध्यापक व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। इस कार्यशाला में 150 से अधिक प्रतिभागी नियमित उपस्थित रहे।*