CG:देवकर के भगवान विमल नाथ जी की मंदिर प्रांगण से प्रभात फैरी पालकी के साथ शोभायात्रा बड़े धुमधाम से निकला..देवकर सहित बीजा, साजा,परपोडी, थानखम्हरिया सभी जगहों पर मनाये महावीर जयंती..देवकर में रात को भक्ति का कार्यक्रम आयोजित..देवकर पुलिस चौकी प्रभारी सहित पुरे स्टाफ का विशेष सहयोग रहा..सुरक्षा व्यवस्था में लगे

CG:देवकर के भगवान विमल नाथ जी की मंदिर प्रांगण से प्रभात फैरी पालकी के साथ शोभायात्रा बड़े धुमधाम से निकला..देवकर सहित बीजा, साजा,परपोडी, थानखम्हरिया सभी जगहों पर मनाये महावीर जयंती..देवकर में रात को भक्ति का कार्यक्रम आयोजित..देवकर पुलिस चौकी प्रभारी सहित पुरे स्टाफ का विशेष सहयोग रहा..सुरक्षा व्यवस्था में लगे
CG:देवकर के भगवान विमल नाथ जी की मंदिर प्रांगण से प्रभात फैरी पालकी के साथ शोभायात्रा बड़े धुमधाम से निकला..देवकर सहित बीजा, साजा,परपोडी, थानखम्हरिया सभी जगहों पर मनाये महावीर जयंती..देवकर में रात को भक्ति का कार्यक्रम आयोजित..देवकर पुलिस चौकी प्रभारी सहित पुरे स्टाफ का विशेष सहयोग रहा..सुरक्षा व्यवस्था में लगे

संजू जैन:7000885784
बेमेतरा:बेमेतरा जिले के देवकर नगर पंचायत में इस वर्ष जैन समाज द्वारा बड़े धुमधाम से महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव मनाया गया 02 साल कोरोना कॉल के चलते नही मनाये थे लेकिन इस वर्ष शोभायात्रा, पालकी में भगवान महावीर स्वामी जी का शोभायात्रा निकाला गया जो विमल नाथ जी की मंदिर प्रांगण से महावीर चौक,बस स्टैंड,नवकेशा चौक,नदी पार,गांधी चौक होते हुए वापस मंदिर पहुंचे पूजा अर्चना करने के बाद समापन हुआ  देवकर पुलिस चौकी प्रभारी तुलसी राम कोसिमा पुरे स्टाफ के साथ शांति सुरक्षा व्यवस्था के लिए उपस्थित रहे, रात्रि में श्री मति स्नेहा गोलछा,श्री मति सुरभी लूनावत,भक्ति रखा गया था आयोजित महावीर स्वामी जी की जंयती देवकर जैन श्री,जैन नव युवक मण्डल देवकर, महिला मण्डली देवकर के तत्वावधान में आयोजित किया गया था

इसी प्रकार जैन श्री संघ बीजा, साजा, परपोडी, थानखम्हरिया, बेरला, बेमेतरा,नवागढ़, सहित अन्य जगहों पर जैन समाज द्वारा महावीर जयंती मनाये 

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महावीर जयंती का दिवस महावीर स्वामी का जन्मदिन मानकर मनाया जाता है। महावीर स्वामी का जन्म 599 ईसा पूर्व में हुआ था। इनको जैन धर्म का संस्थापक माना जाता है और जैन धर्म के ग्रंथों में इनके द्वारा दी गई शिक्षाओं का वर्णन विस्तार से देखने को मिलता है। जैन धर्म में माना जाता है कि यह धर्म सभी धर्मों में सबसे प्राचीन धर्म है। भगवान महावीर हिंसा के बिल्कुल विरुद्ध थे। महावीर का पहला सिद्धांत यही था कि किसी को बिना कष्ट दिए अहिंसा का मार्ग अपनाना चाहिए। महावीर जी ने अपने जीवनकाल में लोगों को हमेशा सत्य का साथ देने के लिए लिए लोगों को प्रेरित करते थे। महावीर जयंती अस्तेय और ब्रह्मचर्य के सिद्धांत का ज्ञान देने वाला दिवस है।


बता दे की महावीर जयंती जैन समुदाय का विशेष पर्व होता है. इस जयंती को भगवान महावीर स्वामी के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है. महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थकार थे. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के 13वें दिन महावीर स्वामी का जन्म हुआ था. माना जाता है कि भगवान महावीर का जन्म बिहार के कुंडग्राम/कुंडलपुर के राज परिवार में हुआ था.

भगवान महावीर को बचपन में 'वर्धमान' नाम से जाना जाता था. इनके पिता का नाम महाराज सिद्धार्थ और माता का नाम महारानी त्रिशला था. महावीर स्वामी ने 30 साल की उम्र में ही घर-बार छोड़ दिया था और दीक्षा लेने के बाद 12 साल तपस्या की