Re-registration of Vehicles: पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए देनी होगी आठ गुना ज्यादा फीस, फिटनेस शुल्क भी बढ़ा; देखें पूरी लिस्ट...

Re-registration of Vehicles: Eight times more fee will have to be paid for registration of old vehicles, fitness fee also increased; See full list... Re-registration of Vehicles: पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए देनी होगी आठ गुना ज्यादा फीस, फिटनेस शुल्क भी बढ़ा; देखें पूरी लिस्ट...

Re-registration of Vehicles: पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए देनी होगी आठ गुना ज्यादा फीस, फिटनेस शुल्क भी बढ़ा; देखें पूरी लिस्ट...
Re-registration of Vehicles: पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए देनी होगी आठ गुना ज्यादा फीस, फिटनेस शुल्क भी बढ़ा; देखें पूरी लिस्ट...

Re-registration of Vehicles:

 

अब वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराना महंगा हो गया है। पहले की अपेक्षा तीन से आठ गुना तक वाहनों का रजिस्ट्रेशन शुल्क बढ़ गया है। वाहनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क की नई दरें लागू कर दी गईं हैं। अब वाहनों के री-रजिस्ट्रेशन में वाहन जांच शुल्क (कार का) 500 रुपए की जगह 5000 रुपए कर दिया गया है। जबकि बाइक की जांच शुल्क 300 रुपए की जगह अब 1000 रुपए कर दिए गए हैं।(Re-registration of Vehicles)

परिवहन विभाग के अधिकारी का कहना है कि, नॉन कॉमर्शियल वाहन 15 साल पुराना है तो उसे फिर से चलाने के लिए अगले पांच साल के लिए री-रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। री-रजिस्ट्रेशन कराने वाले अच्छी संख्या में वाहन स्वामी हैं, राज्य में वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना महंगा हो गया है।(Re-registration of Vehicles)

पहले की तुलना में तीन से आठ गुनी अधिक राशि चुकाना होगी। सभी जिलों में नई दर लागू कर दी गई है। री-रजिस्ट्रेशन में वाहन जांच शुल्क कार का 500 रुपए की जगह अब 5000 रुपए कर दिया गया है। वहीं बाइक का जांच शुल्क 300 रुपए की जगह अब 1000 रुपए देने होंगे। परिवहन विभाग के अधिकारी के मुताबिक अगर नॉन कॉमर्शियल वाहन 15 साल पुराना हो गया है तो उसे फिर से चलाने के अगले पांच साल के लिए री-रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। राज्य में री-रजिस्ट्रेशन में कराने वाले लोगों की संख्या अच्छी-खासी है।(Re-registration of Vehicles)

प्रदेश के सभी जिलाें में डीटीओ कार्यालय में हर दिन 15 साल पुराने वाहनों का री-रजिस्ट्रेशन होता है। पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, आरा, जहानाबाद, दरभंगा सहित प्रदेश के सभी 38 जिलों में हर साल करीब एक लाख 10 हजार से अधिक बाइक और कार का री-रजिस्ट्रेशन होता है। प्रत्येक जिले में हर साल औसतन 3000 से अधिक पुराने वाहनों का री-रजिस्ट्रेशन हो रहा है। वहीं पटना में प्रति माह करीब 400 वाहनों का री-रजिस्ट्रेशन होता है। हर दिन करीब 15-18 वाहनों का होता है।(Re-registration of Vehicles)

वाहनों की कीमत पर चौथाई देना होगा टैक्स:

एकबार में अगले पांच साल के लिए री-रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। जब गाड़ी खरीदी थी उस समय की कुल लागत की चौथाई टैक्स जमा करना पड़ेगा। उदाहरण के लिए अगर आपने 15 साल पहले 15 लाख रुपए में कार खरीदी है और अब रजिस्ट्रेशन वैलिडिटी खत्म हो गई है तो पांच साल के लिए रजिस्ट्रेशन कराने पर 12 फीसदी टैक्स की चौथाई जमा करना पड़ेगी।(Re-registration of Vehicles)

प्रति माह बाइक का 300 और कार का 500 रुपए लेट फाइन:

नॉन कॉमर्शियल वाहनों के रजिस्ट्रेशन की वैलिडिटी खत्म होने के बाद एक माह तक लेट फाइन माफ है। अगर एक महीना बाद री-रजिस्ट्रेशन कराने जाते हैं तो जांच शुल्क और टैक्श शुल्क के अलावा प्रति माह 300 से 500 रुपए लेट फाइन भरना पड़ेगा। इसके बाद ही री-रजिस्ट्रेशन होगा।

उदाहरण के लिए अगर आपकी कार का जून में 15 साल पूरा हो रहा है और आप चार माह लेट री-रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो प्रति माह 500 रुपए के हिसाब से तीन माह का 1500 रुपए लेट फाइन लगेगा। एक माह की छूट मिलेगी।(Re-registration of Vehicles)

ऐसे होगा री-रजिस्ट्रेशन:

15 साल पुराने वाहन का री-रजिस्ट्रेशन कराने के लिए डीटीओ में अप्लाई करना पड़ता है। इसके बाद चालान कटता है। चालान कटने के बाद वाहनों की जांच करने के लिए समय निर्धारित किया जाता है। जिस दिन समय दिया जाता है उस दिन ग्राउंड में वाहन लाना पड़ता है। एमवीआई वाहन की जांच करता है। इंजन, रंग, पॉल्यूशन जांच सहित सभी तरह की जांच की जाती है। (Re-registration of Vehicles)