आमजनों को आत्महत्या रोकथाम के प्रति किया जा रहा जागरूक लोगों को दिये गये आत्महत्या रोकथाम विवरण पुस्तिका




जगदलपुर । प्रत्येक वर्ष आज के दिन अर्थात 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम “क्रियेटिंग होप थ्रू एक्शन” (कर्म से उम्मीद जगाना) निर्धारित की गई है।
इस अवसर पर जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों पर आमजनों को आत्महत्या विवरण पुस्तिका का वितरण कर आत्महत्या रोकथाम के प्रति जागरूक किया गया।
डीएमएचपी बस्तर मेडिकल ऑफिसर डॉ. रुखसार खान ने बताया: `'जिले में आमजनों को निःशुल्क बांटे गए विवरण पुस्तिका का प्रमुख उद्देश्य आत्महत्या के कारणों और उसके निदान के बारे जानकारी देना है। इस दौरान डीएमएचपी बस्तर की टीम द्वारा लोगों को मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित फैली भ्रांतियों के प्रति जागरूक किया गया। जिले में आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के तहत मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 6 सितम्बर से विभिन्न शिक्षण संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।‘’
जिला मानसिक स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डॉ ऋषभ साव ने बताया: "आत्महत्या आवेग में उठाया कदम होता है और अगर आत्महत्या की मनोस्थिति को एक बार तोड़ दिया जाए तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है। आत्महत्या की एक बड़ी वजह मानसिक अस्वस्थता है। तनावग्रस्त व्यक्ति अक्सर तनाव से निदान पाने के लिए कई बार आत्महत्या की राह चुन लेता है या फिर मानसिक रोग का उपचार न होने के कारण रोगी अपनी जान ले लेता है जो गलत है। अगर किसी के मन मे आत्महत्या करने जैसे विचार आ रहे है तो वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है, मानसिक अस्वस्थता की स्थिति हो तो घबराएं नही, महारानी अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से मानसिक रोगियों को निःशुल्क परामर्श व उपचार दिया जाता है। स्पर्श क्लीनिक जगदलपुर हेल्पलाइन नम्बर 077822-22578 पर कॉल करके भी जानकारी ली जा सकती है।‘’
क्या कहते हैं आत्महत्या के आंकड़े
नैशनल क्राइम रेकॉर्ड्स ब्युरो के अनुससर 2019 में भारत में आत्महत्या दर 10.4/100000 थी। यह 2018 में 10.2 थी यानि 2019 में 1.39 लाख लोगों ने देश में खुद की जान ली|
छत्तीसगढ़ में आत्महत्या की दर 26.4/100000 है जो राष्ट्रीय दर से अधिक है| छत्तीसगढ़ की आत्महत्या दर देश में चौथ नंबर पर है| पहले नंबर पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह है (45.5), दूसरे नंबर पर सिक्किम (33.1) और तीसरे पर पुडुचेरी (32.1)| केरल पाँचवे नंबर पर है (24.3)| लक्षद्वीप में आत्महत्या नहीं हुई (0) और बिहार में 0.5/100000
शहरों में दुर्ग-भिलाइनगर सभी शहरों में चौथे नंबर पर है जहां यह दर 35.5 है| सबसे ज्यादा आत्महत्या केरल के कोलम में हुई (41.2), फिर आसनसोल (37.8), और राजकोट में 29.9| रायपुर में 29.6|