गौवंश की रक्षा हर सनातनी का धर्म एवं कर्तव्य: महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन

गौवंश की रक्षा हर सनातनी का धर्म एवं कर्तव्य: महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन
गौवंश की रक्षा हर सनातनी का धर्म एवं कर्तव्य: महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन

भीलवाड़ा। हरि शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में गौ वंश में फैल रही बीमारी लम्पी की रोकथाम के लिए लगभग 25 गौशालाओं में 5471 गौवंश के लिए बाँटे फ़िटकरी व सेंधा नमक।गौमाता की छाया के लिए दिये 24 फ़ीट  लम्बे 80 टीन के चद्दर। रविवार को हरि शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा परिसर में हरिशेवा धाम रिलिजस एंड चेरिटबल ट्रस्ट व हंसगंगा हरिशेवा चेरिटबल ट्रस्ट की ओर से महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन ने भीलवाड़ा ज़िले की विभिन्न गौशालाओं में गौवंश के लिए फ़िटकरी व सेंधा नमक वितरित किए। गौवंश में फैल रही लम्पी बीमारी धीरे धीरे राजस्थान में पैर पसार रही है, जिसकी रोकथाम ज़रूरी है , ऐसा मानने वाले एवं समाज के हर वर्ग व प्राणी मात्र की सेवा को सर्वोपरी रखने वाले महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन ने गौवंश के बचाव हेतु 4500 किलो  फ़िटकरी व 6110 किलो सेंधा नमक 25  गौशलाओं (5471 गौवंश) को  वितरित किया। स्वामी जी ने बताया की गौ माता स्वर्ग की सौपान है जो स्वर्ग में भी पूजनीय है। यदि गौवंश धरती पर  ऐसे ही असुरक्षित रहा तो सभी प्राणियों व पर्यावरण का विनाश निश्चित है जिस से धरती का संतुलन भी बिगड़ना तय है। इनकी रक्षा व सेवा करना अनिवार्यत : हर सनातनी का धर्म भी है और कर्तव्य भी। इस अवसर पर जोगणिया माता स्थित गौशाला के लिए आश्रम से 24 फ़ीट लम्बे 80 टीन शेड की नालीदार चद्दर व 20’ फ़ीट लम्बे 85 पाइप भी रवाना किये गए, ताकि गौमाता के लिए उचित छायादार स्थान की व्यवस्था की जा सके। इस अवसर पर आश्रम के संत मायाराम, संत राजाराम, ब्रह्मचारी मिहिर, इंद्रदेव, सिद्धार्थ, सचिव हेमंत वच्छानी, ट्रस्टी हीरालाल गुरनानी, अम्बालाल नानकानी, ईश्वर आसनानी, कन्हैयालाल मोरयानी, पुरशोत्तम परयानी, गुलाबराय मीरचंदानी, राजस्थान गौ सेवा समिति के अध्यक्ष गोपाल लाल बांगड़, उपाध्यक्ष सुनील जागेटिया, सचिव अनिल सोनी, सुरेश गोयल, बदरी सोमानी, चाँदमल सोमानी, रविंद्र जाजू, अशोक मूँदड़ा, विश्व हिंदू परिसर से उमेश पराशर, विवेकानंद केंद्र के भगवान सिंह उपस्थित रहे। हरिशेवा एस टी सी विद्यालय के मोहनलाल शर्मा व छात्र उपस्थित थे। इसके पश्चात स्वामी जी के साथ सभी कार्यकर्ताओं की एक बैठक हुई जिसमें सभी ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए बताया कि किस प्रकार इस रोग से बचाव व उपचार किया जाना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जी ने सभी को गौ सेवा का संकल्प दिलाया।