ब्लैक आऊट होने पर 28 मिनट में चालू हो सकेंगे बिजलीघर, स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से कराया गया ब्लैक स्टार्ट मॉकड्रिल, कोरबा के बिजलीघरों को पुनर्संचालित करने बांगो से भेजा गया पॉवर.....
Power stations will be able to start in 28 minutes after blackout




रायपुर। प्रदेश में आकस्मिक ब्लैक आउट होने की स्थिति में ताप विद्युत गृहों को पुर्नसंचालित करने हेतु हसदेव बांगो जल विद्युत गृह से स्टार्ट अप पॉवर सप्लाई करने संबंधी एक मॉकड्रिल (पूर्वाभ्यास) छत्तीसगढ़ स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर में सफलतापूर्वक किया गया। मॉकड्रिल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि आपात स्थिति में ब्लैक आऊट होने पर कोरबा पश्चिम के बिजली संयंत्रों को शुरू करने हेतु स्टार्ट-अप पॉवर लगभग 28 मिनट में बांगो जल विद्युत संयंत्रों से पहुंचाया जा सके। गौरतलब है कि अचानक ब्लैक आऊट होने की स्थिति में पावर प्लांटों को फिर से स्टार्ट करना कठिन होता है, इसके लिए तुरंत बिजली की आवश्यकता पड़ती है, जिसकी तत्काल आपूर्ति जल विद्युत संयंत्रों से ही हो सकती है। यह मॉक ड्रिल छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर टांसमिशन कंपनी की प्रबंध निदेशक उज्ज्वला बघेल तथा पावर जनरेशन कम्पनी के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार कटियार की उपस्थिति एवं कुशल मार्गदर्शन में बुधवार को सम्पन्न हुआ ।
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के डगनिया स्थिति लोड डिस्पैच सेंटर में संपादित इस ‘‘ब्लेक स्टार्ट मॉकड्रिल (पूर्वाभ्यास) कीे मानीटरिंग मुंबई स्थित वेस्टर्न रीजनल लोड डिस्पैच सेंटर के एक्सपर्ट इंजीनियर वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से कर रहे थे। इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कोड और स्टेट ग्रिड कोड के प्रावधानों के अनुसार साल में दो बार इस तरह का मॉकड्रिल करना होता है। इस दौरान डंगनिया स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर में कार्यपालक निदेशक सर्व के0 एस0 मनोठिया, सी0एल0 नेताम, मुख्य अभियंता के0के0 भगत, के0के0 भौरासे, अतिरिक्त मुख्य अभियंता शारदा सोनवानी, अविनाश सोनेकर, आर0 अरविंद, अधीक्षण अभियंता संजय चौधरी, जी0 के0 मण्डावी, अनिल अग्रवाल, पुष्पा पिल्लई, कार्यपालन अभियंता अर्जुन प्रसाद, जी0पी0सिंह,, सहायक अभियंता विन्ध्याचल गुप्ता, प्रीति गुप्ता, जुवेना गोम्स, पुष्कर वर्मा, उत्पादन संकाय से कार्यपालन अभियंता के0के0बजाज, हितेन्द्र मार्कन्डे आदि उपस्थित थे ।
राज्य भार प्रेषण केन्द्र के नियंत्रण कक्ष में ड्युटी पर उपस्थित सहायक अभियंता प्रेम जायसवाल, रेखा शर्मा एवं अमित श्रीवास्तव, सं0सहा.श्रेणी-एक का मॉकड्रिल को सम्पन्न कराने में सक्रिय एवं महत्वपूर्ण भूमिका रही ।
इसी तरह बांगो जल विद्युत संयंत्र के अधीक्षण अभियंता एम0एस0खान एवं उनकी टीम, विद्युत गृह कोरबा पश्चिम में व्ही0के0 पांडे एवं उनकी टीम, पारेषण संकाय से कोरबा पूर्व, जमनीपाली, छुरीखुर्द एवं खरमोरा विद्युत उपकेन्द्रों सेें अधीक्षण अभियंता डी0एस0 पटेल एवं उनकी टीम, वितरण संकाय से अधीक्षण अभियंता पी0एल0सिदार एवं उनकी टीम का कोरबा पूर्व, जमनीपाली एवं छुरीखुर्द तथा संचार एवं टेलीमीटरी संकाय से कार्यपालन यंत्री अजय कंवर, जे0एल0 उरांव एवं उनकी टीम की सक्रिय भूमिका इस मॉकड्रिल को सम्पन्न कराने में रही है ।
ऐसे पूरी हुई मॉकड्रिल की प्रक्रिया- मॉक ड्रिल के दौरान सर्वप्रथम बांगो जल विद्युत गृह, छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व के उपकेन्द्रों से फीड होने वाले क्षेत्रों को मिलाकर एक आईलैण्ड सब-सिस्टम बनाया गया । इसके पश्चात् इस आईलैण्ड सब-सिस्टम में ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित की गई । इस तरह एक बनावटी बिजली संकट छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा क्षेत्र में निर्मित किया गया । इसके पश्चात् इंजीनियरों की टीम ने युद्धस्तर पर बिजली संकट क्षेत्र में बिजली बहाली की प्रक्रिया प्रारंभ की । इसके लिये बांगो में उपलब्ध डीजल जनरेटर सेट से बंद जल विद्युत इकाई क्रमांक-3 को सर्विस में लेकर बांगो उपकेन्द्र के बस को चार्ज किया गया और वहां उत्पादित बिजली को 132 के0व्ही0 लाईनों के माध्यम से छुरीखुर्द, जमनीपाली एवं कोरबा पूर्व 132 के0व्ही0 उपकेन्द्रों तक क्रमशः पहुंचाया गया और पूर्व निर्धारित 33/11 के0व्ही0 विद्युत फीडरों को एक के बाद एक चालू कर बांगों की जल विद्युत इकाई से करीब 23 मेगावाट लोड लिया गया । इसके पश्चात् आईलैण्ड सब-सिस्टम की फ्रिक्वेन्सी एवं वोल्टेज को मॉनीटर करते हुए बांगो जल विद्युत गृह की सप्लाई को कोरबा पश्चिम ताप विद्युत गृह तक पहुंचाया गया । इस पूरी प्रक्रिेया में 28 मिनट का समय लगा । इसके पूर्व में ‘‘ब्लेक स्टार्ट मॉकड्रिल 29 जून 2022 को किया गया था ।