पंडो जनजाति आज भी सड़क को मोहताज .. मरीज़ो को खाट में ढोकर ले जाने मजबूर ...सड़क की कमी के चलते 108 भी नही पहुच रही मरीज़ो के पास...
संदीप दुबे✍️✍️✍️




नयाभारत
संदीप दुबे✍️✍️✍️
ओड़गी - देश तो आगे बढ़ रहा हैं, पर हमारे गांव आज भी सड़क ना होने से परेशान हैं। मरीजों को एम्बुलेंस तक ग्रामीण खाट में ले जाने के लिए विवश हैं। यह पूरा मामला जिले के ओड़गी जनपद पंचायत के सुदूर दूरस्थ गांव आनंदपुर का है। गांव आनंदपुर के इमलीपारा व बहेराडाड़ में लगभग बच्चों समेत राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो जनजाति के लगभग 350 लोग निवास करते हैं । जहां पर पहुंच मार्ग से लगभग 4 किलोमीटर पंगडंडी रास्ता है। यहां जब भी कोई पंडो जनजाति बीमार या किसी प्रकार की परेशानियों में पड़ता है उसे खाट पर ढोकर कर पहुंच मार्ग तक लाते हैं।गांव के दोनों पारा तक एंबुलेंस नहीं पहुंचने की हालत में बीमार लोगों को मेडिकल सहायता से वंचित रहना पड़ता है। ऐसे में पारा वासियों ने नेताओं और अफसरों पर तंज कसते हुए कहते हैं कि वोट के समय रोड बनाने का आश्वासन देते हैं जीतने के बाद हकीकत में नहीं बदलते हैं । सत्ता की चकाचौंध में हम भोले-भाले राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो आदिवासियों को भुला दिया गया है।
बरसात में आए दिन मरीजों को खाट पर ढोकर लेते हैं
बीते शुक्रवार को गांव आनंदपुर के इमलीपारा की पंडो जनजाति महिला सोनकुवंर पंडो पति बृजलाल पंडो उम्र लगभग 30 को अपने घर पर सर्प ने फूंक मार दिया था जिससे महिला बेहोश हो गई थी उसे बेहोशी हालत में खाट पर परिजन ढोकर लगभग तीन किलोमीटर चलकर पहुंच मार्ग पर लाया गया फिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ओड़गी ले जाया गया तब कहीं जाकर महिला की जान बची । इस पारा में बरसात के दिनों में अक्सर इस तरह का नजारा देखने को मिलते रहता है। यह पंडो बहुमूल्य पारा बरसात के समय नर्क से भी बतर हो जाता है।
इस पारा में लगभग 3 किलोमीटर का रास्ता पंगड़़ड़ी है यहां कभी सड़क का निर्माण हुआ ही नहीं है इस समस्या को मैं आम ग्राम सभा व जन समस्या शिविर में निराकरण के लिए प्रस्ताव के माध्यम से अवगत करा चुका हूं परन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुआ है ।
दिलीप पंडो सरपंच ग्राम पंचायत आनंदपुर
जिला प्रशासन समस्या का जल्द करें समाधान
ग्राम पंचायत आनंदपुर के इमलीपारा व बहेराडाड़ के पंडो जनजातियों का कहना है कि हमारे यहां के पुल , बिजली, सड़क,पानी आदि समस्याओं का समाधान जिला प्रशासन व सूरजपुर कलेक्टर जल्द करें। अन्यथा उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस मौके पर स्थानीय ग्रामीण बसंत लाल पंडो, गोपाल पंडो, बृजलाल पंडो, पवन पंडो, बहसलाल पंडो व भारी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित रहे।