कुख्यात अपराधी Abu Salem Case: अबू सलेम की रिहाई पर 2030 में होगा विचार, सरकार का SC में जवाब.

Notorious criminal: Abu Salem Case...

कुख्यात अपराधी Abu Salem Case: अबू सलेम की रिहाई पर 2030 में होगा विचार, सरकार का SC में जवाब.
कुख्यात अपराधी Abu Salem Case: अबू सलेम की रिहाई पर 2030 में होगा विचार, सरकार का SC में जवाब.

NBL, 19/04/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. Notorious criminal: Abu Salem Case: The release of Abu Salem will be considered in 2030, the government's answer in the SC.

Abu Salem Case: अबू सलेम की रिहाई पर 2030 में होगा विचार, सरकार का SC में जवाब, पढ़े विस्तार से..। 

Abu Salem Case in Supreme Court: कोर्ट में कुख्यात अपराधी अबू सलेम (Abu Salem) ने अर्जी दायर कर कहा था कि भारत सरकार ने 2002 में पुर्तगाल सरकार (Portugal Government) से ये वादा किया था कि उसे न तो फांसी की सजा दी जाएगी, न ही किसी भी केस में 25 साल से अधिक कैद होगी.

Centre reply on Abu Salem freedom: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कहा है कि वह गैंगस्टर अबू सलेम (Gangster Abu Salem) की रिहाई पर साल 2030 में विचार करेगी. सरकार उस वादे को पूरा करेगी जो अबू सलेम के प्रत्यर्पण के वक्त तत्कालीन गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) ने पुर्तगाल सरकार से किया था.

साल 2002 में भारत सरकार ने सलेम के प्रत्यर्पण के वक्त पुर्तगाल सरकार से ये वादा किया था कि उसे न तो फांसी की सजा दी जाएगी, न ही किसी भी केस में 25 साल से ज्यादा कैद की सजा होगी. अब कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय गृह ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है.

2030 में खत्म होगी सजा की मियाद.. 

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की ओर से दायर जवाब में कहा गया है कि 25 साल अधिकतम कैद की सजा की ये मियाद 10 नवंबर 2030 को खत्म होगी. उससे पहले नहीं, जैसा अबू सलेम दावा कर रहा है. ऐसे में अबू सलेम का अभी से ही मुंबई के विशेष टाडा कोर्ट की ओर से दी गई उम्रकैद की सजा पर सवाल उठाते हुए रिहाई की मांग करना गलत है.

कोर्ट किसी के आश्वासन से नहीं बंधा.. 

गृह सचिव ने हलफनामे में साफ किया है कि पुर्तगाल सरकार को दिये गए आश्वासन से सरकार बंधी है ना कि कोर्ट. कोर्ट को भारतीय कानून के लिहाज से केस पर फैसला देना चाहिए. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट सलेम की सजा के खिलाफ दायर अर्जी पर, सरकार के किसी आश्वासन की परवाह किये बिना, सिर्फ केस की मेरिट को ध्यान में रखते हुए विचार करे.

अबू सलेम की अर्जी.. 

सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में अबू सलेम ने कहा था कि भारत सरकार ने 2002 में पुर्तगाल सरकार से ये वादा किया था कि उसे न तो फांसी की सजा दी जाएगी, न ही किसी भी केस में 25 साल से अधिक कैद होगी. लिहाजा उसे 2027 से ज्यादा समय से जेल में नहीं रख जा सकता. लेकिन मुंबई के विशेष टाडा कोर्ट से उसे अब तक 2 मामलों में उम्रकैद की सजा दी जा चुकी है.

CBI के जवाब से नाखुश कोर्ट.. 

इससे पहले सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि सरकार का आश्वासन कोर्ट पर लागू नहीं होता. सरकार समय आने पर विचार करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस जवाब पर असन्तोष जाहिर करते हुए कहा था कि दूसरे देशों से किये गए सरकार के वादे की अपनी अहमियत है. अगर सरकार का ये ही रुख रहेगा तो भविष्य में दूसरे आरोपियों के प्रत्यर्पण में भारत को दिक्कत हो सकती है.

कोर्ट ने तब गृह सचिव को हलफनामा दायर करने को कहा था. अब इस हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट 21 अप्रैल को विचार करेगा।