पीएम नरेंद्र मोदी का दो दिवसीय लाओस दौरा आसियान भारत समिट एशिया शिखर सम्मेलन में लेंगें हिस्सा जानें इस देश से जुड़ी कुछ खास बातें पढ़े पूरी ख़बर




भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी देश की दौरे पर हो और उस देश की चर्चा ना हो ऐसा संभव नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व के पसंदीदा नेताओं में माने जाते हैं और इनकी लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं हैं जहाँ भी जाते हैं अपनी छाप छोड़ कर आते हैं दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी दो दिवसीय लाओस दौरे के लिए राजधानी वियनतियाने पहुंच चुके हैं. प्रधानमंत्री यहां 21वें आसियान-भारत समिट और 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
लाओस की राजधानी वियनतियाने में समिट का आयोजन किया जाएगा. इस साल लाओस आसियान सम्मेलन का मेजबान और वर्तमान अध्यक्ष है.
पीएम मोदी ने लाओस रवाना होने से पहले सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर इसे एक खास मौका बताया है. पीएम ने लिखा है कि, 'यह एक विशेष वर्ष है, क्योंकि हम अपनी एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक का जश्न मना रहे हैं, जिससे भारत को लाभ हुआ है.
लाओस के बारे में जानिए
लाओस में चीन की ही तरह कम्युनिस्ट सरकार है. इसकी सीमा चीन, म्यांमार, थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम से लगती है. इसका क्षेत्रफल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बराबर है और आबादी करीब 77 लाख है. लाओस में लाओ पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी का दबदबा है और थोंगलुन सिसोलिथ इसके राष्ट्रपति हैं. वह इस पद पर आने वाले पहले व्यक्ति हैं जिनका कोई मिलिट्री बैकग्राउंड नहीं है. 1954 में आजाद होने से पहले लाओस फ्रांसिसी शासन के कब्जे में था. 1997 में लाओस आसियान का सदस्य बना और 2013 में इसने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन की सदस्यता हासिल की.
भारत और लाओस के बीच संबंध
भारत और लाओस के बीच दशकों पुराने मजबूत संबंध रहे हैं. दोनों देशों के बीच 1956 में डिप्लोमैटिक संबंध स्थापित हुए. तब से अब तक दोनों देशों की ओर से द्विपक्षीय यात्राएं होती रहीं हैं. भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में ही लाओस का दौरा किया था. इसके बाद 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने लाओस की आधिकारिक यात्रा की थी. 2004 में मनमोहन सिंह और 2016 में प्रधानमंत्री मोदी आसियान-भारत समिट में हिस्सा लेने के लिए लाओस का दौरा कर चुके हैं.
कोरोना महामारी के दौरान भारत की ओर से 50 हजार कोवैक्सीन की डोज और दवाइयां लाओस भेजी गईं थीं. हाल ही में आए तूफान यागी के दौरान भी भारत ने करीब एक लाख डॉलर की आपदा राहत सामग्री लाओस भेजी थी.
इसके अलावा लाओस के साथ भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सिविलाइजेशनल संबंध रहें हैं. बौद्ध धर्म और रामायण दोनों देशों की साझा विरासत का हिस्सा हैं. इसी साल 15 से 31 जनवरी के बीच लाओस के रॉयल बैलेट थियेटर के 14 आर्टिस्ट ने भारत में 7वें इंटरनेशनल रामायण मेला में भी हिस्सा लिया था.
पीएम मोदी ने लाओस दौरे पर क्या कहा?
इस बार भी पीएम मोदी लाओस में आसियान-भारत समिट और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. उन्होंने लाओस दौरे पर बयान जारी कर बताया है कि ईस्ट एशिया समिट से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि स्थापित करने का मौका मिलेगा. पीएम ने लिखा है कि लाओस PDR समेत इस क्षेत्र के साथ भारत करीबी सांस्कृतिक और सभ्यतागण संबंध साझा करता है.