IAS अरेस्ट ब्रेकिंग: फर्जी तरीके से प्रमोशन लेने वाले IAS अफसर गिरफ्तार…. लिव इन में रहने वाली युवती पर लगाया था गंभीर आरोप.... DPC में पेश किया था जज का फर्जी आदेश… अपर आयुक्त की गिरफ्तारी के बाद हड़कंप.....

IAS अरेस्ट ब्रेकिंग: फर्जी तरीके से प्रमोशन लेने वाले IAS अफसर गिरफ्तार…. लिव इन में रहने वाली युवती पर लगाया था गंभीर आरोप.... DPC में पेश किया था जज का फर्जी आदेश… अपर आयुक्त की गिरफ्तारी के बाद हड़कंप.....


इंदौर। फर्जी दस्तावेजों की मदद से प्रमोशन लेने वाले IAS अफसर संतोष वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। संतोष वर्मा ने IAS कैडर अलॉट होने पर DPC के स्पेशल जज विजेंद्र रावत के फर्जी साइन कर रिपोर्ट तैयार की थी। संतोष वर्मा नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल में तैनात थे। 

 

IAS वर्मा के खिलाफ पुलिस ने न्यायाधीश की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज किया था, जिसके बाद अफसरों ने वल्लभ भवन से अनुमति ली और शनिवार रात करीब 12 बजे IAS संतोष वर्मा को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में कोर्ट की ओर से ही 27 जून को एमजी रोड थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

 

मोबाइल में मिली जज से चैटिंग

 

वर्मा नोटिस, फैसले की और एफआइआर आदि की फाइल लेकर आया था। सीएसपी ने वकील को बाहर कर सबसे पहले वर्मा का मोबाइल जब्त किया। सूत्रों के मुताबिक मोबाइल में वर्मा और एक जज के बीच हुए चैटिंग भी मिल गई। इसके बाद वर्मा ने बहाने बनाने की कोशिश की और कहा फर्जी की कापी हर्षिता ने दी थी। जब उससे पूछा हर्षिता खुद शिकायतकर्ता है तो उस पर आरोप लगाने लगा।

 

पुलिस के प्रतिप्रश्न पर उलझ गया 

 

पुलिस पहले तो वर्मा के बयान टाइप करती रही, लेकिन शाम को जब प्रतिप्रश्न किए गए तो वह उलझ गया। देर रात उसकी संलिप्तता की पुष्टि होते ही एमजी रोड थाना टीआइ डीवीएस नागर ने गिरफ्तार कर लिया। वर्मा ने भोपाल में पदस्थ अफसरों को काल करने का प्रयास किया, लेकिन उसका फोन सीएसपी पहले ही जब्त कर चुके थे। वर्मा को पुलिस ने रात में उसके भाई-भाभी द्वारा लाया खाना खिलाया और एमजी रोड थाने की हवालात की सफाई भी कराई। वहां नई चादर भी बिछाई। तब पुलिसकर्मी कोतवाली थाने से हाथ पकड़ कर वर्मा को एमजी रोड थाने लाए।

 

आइएएस अवार्ड करवाने रचा षड्यंत्र

 

आरोपित वर्मा राज्य प्रशासनिक सेवा का अफसर था। चार साल पहले हर्षिता ने उसके खिलाफ लसूड़िया थाना में केस दर्ज करवाया। यह मामला न्यायाधीश रावत की कोर्ट में चल रहा था। डीपीसी में वर्मा का नाम जुड़ गया और शासन ने आपराधिक प्रकरण की जानकारी मांगी। वर्मा ने सामान्य प्रशासन विभाग को फैसले की प्रति पेश कर कहा कि मामले में समझौता हो गया है। शासन ने कहा समझौता बरी की श्रेणी में नहीं आता है। उसी दिन वर्मा ने एक अन्य फैसला पेश कर कहा, कोर्ट ने उसे बरी कर दिया है। वर्मा के करीबी जज ने फैसले को सही बताते हुए शेख से अपील न करने का प्रस्ताव तैयार करवा दिया। एक ही दिन में दो फैसले मिलने पर अफसरों को शक हुआ तो आइजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने जांच बैठा दी।

 

युवती पर लगाया था आरोप 


4 माह पूर्व शहर के लसूड़िया थाने में IAS अफसर संतोष वर्मा ने एक महिला के खिलाफ केस दर्ज कराया था। शिकायत में कहा है कि महिला ब्लैकमेल कर रही है। उसने दस्तावेज में पति के रूप में मेरा नाम दर्ज कराया था। पासपोर्ट और मतदाता परिचय पत्र भी मेरा नाम लिखवा लिया है। उधर, महिला ने नवंबर 2016 अफसर पर शादी के बाद धोखा देने का आरोप लगाया था। वह थाने में इसकी शिकायत भी कर चुकी है।